भईया हो रिजर्वेशन करा ल, 9 जून के चुनाव बा, वोट देबे आवे के बा....

भईया हो रिजर्वेशन करा ल, 9 जून के चुनाव बा, वोट देबे आवे के बा....

- प्रवासियों को प्रत्याशी भेज रहे मनुहार, वोटिंग में आने की लगा रहे गुहार

केटी न्यूज/डुमरांव 

भईया पहिली रिजर्वेशन करा ली, 9 जून के चुनाव बा, सपरिवार वोट देवे जरूर आवे के बा..., कुछ इस तरह के फोन दूसरे राज्यों में नौकरी पेशा करने वाले डुमरांव के प्रवासियों के पास इन दिनों आ रहे है। विभिन्न पदों के प्रत्याशी अपने-अपने क्षेत्र के प्रवासी मतदाताओं से लगातार संपर्क कर रहे है। वे प्रवासियों को मनुहार भेज, वोट देने आने की गुहार लगा रहे है। प्रवासियों ने टिकट कराने की अपील के साथ ही उसका खर्चा तक देने को प्रत्याशी तैयार हो रहे है। बता दें कि डुमरांव नगर परिषद चुनाव की तिथियां ज्यों-ज्यों नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे चेयरमैन, उपचेयरमैन व वार्ड पार्षद पदों के प्रत्याशी चुनाव जीतने के लिए कई हथकंडे अपनाते देखे जा रहे है।

इसी कड़ी में प्रवासियों को मनुहार भी भेजा जा रहा है, ताकी वे चुनाव में आकर उनके पक्ष में मतदान कर सकें। चूकी यह चुनाव लोकल स्तर का है तथा एक वार्ड या चेयरमैन व उप चेयरमैन पद के लिए कई-कई उम्मीद्वार मैदान मंे खड़े है। ऐसे में एक-एक वोट महत्वपूर्ण हो जा रहा है। जिस कारण प्रत्याशी अपने पक्ष के वोटों की गोलबंदी कर रहे है। वही डुमरांव नगर परिषद क्षेत्र के हजारों मतदाता दिल्ली, पटना, मुुंबई, गुजरात, पंजाब सहित कई अन्य प्रदेशों में व औद्योगिक शहरों में नौकरी पेशा करते है। उनके चुनाव में नहीं आने से कई प्रत्याशियों का समीकरण गड़बड़ा सकता है। लिहाजा प्रत्याशी महीनों पहले से उनके संपर्क में है। कई ऐसे प्रवासी भी है जो हाल ही में होली, ईद या शादी विवाह के मौके पर अपने घर आ चुके है और हाल ही में अपने काम पर लौटे है। उनके लिए इतना जल्दी आना भी आसान नहीं है। लेकिन प्रत्याशी उन्हें बार बार आने की गुहार लगा टिकट तक की व्यवस्था का झांसा दे रहे है। प्रत्याशी हर हाल में चुनाव जीतने के लिए प्रवासी मतदाताओं का भी ठौर-ठिकाना खोजने लगे है। प्रवासियों के मोबाइल पर मनुहार भेज वोटिंग में आने की गुहार लगाई जा रही है।

रोजगार के अभाव में नियति सी बन गई है प्रवासी बनना

बता दें कि डुमरांव क्षेत्र का इलाका आज भी रोजगार विहीन क्षेत्रों में शुमार हैं। स्थानीय स्तर पर रोजगार नहीं मिलने से नप क्षेत्र के कई मोहल्लों के गरीब मजदूर की जिंदगी अन्य परदेसों में कटती है। परदेस की कमाई से ही बच्चों की पढ़ाई, बुजुर्गों की दवाई और बेटी की सगाई संभव हो पाती है। यहा के युवाओं को प्रवासी बनना एक नियति सी बन गयी है। वैसे प्रवासियों के घर चुनाव में उतरने वाले प्रत्याशी दस्तक दे रहे है और प्रवासियों के बुजुर्ग माता-पिता और महिलाओं से उनका मोबाइल नंबर मांग संपर्क साध रहे है। उन्हें पता है कि नप चुनाव में एक-एक वोट का कितना महत्व है। ऐसे में सभी प्रत्याशी मजदूर और कामगरों के वोट को लेकर अपने-अपने पक्ष में करने के लिए कोई कसर नही छोड़ना चाहते है। चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों की चहलकदमी से शहर की राजनीति गरमाने लगी है। बतादें कि 9 जून को डुमरांव नगर परिषद के चेयरमैन, उपचेयरमैन तथा 35 वार्डों के पार्षद पद के लिए मतदान होना है। जबकि उनके भाग्य का फैसला 11 जून को किया जायेगा।