फौजी के रूपयों से भरे बैग को व्यवसायी ने लौटाया, सामाजिक कार्यकर्ता की रही महत्वपूर्ण भूमिका

फौजी के रूपयों से भरे बैग को व्यवसायी ने लौटाया, सामाजिक कार्यकर्ता की रही महत्वपूर्ण भूमिका

- पंजाब मेल में अपना बैग समझ गलती से फौजी का बैग लेकर चला गया था चंदा निवासी कपड़ा व्यवसायी

- बैग में 37 हजार नगद रूपए के साथ कागजात, मोबाईल व एटीएम कार्ड भी था, फौजी ने जताया आभार 

केटी न्यूज/डुमरांव

ईमानदारी आज भी जिंदा है तथा बिहारी बेईमान नहीं होते। इसे साबित कर दिखाया है, अनुमंडल के चंदा गांव निवासी कपड़े के एक व्यवसायी ने। उक्त व्यवसायी ने टेªन में सफर कर रहे बीएसएफ के एक हवलदार का रूपयों तथा जरूरी कागजात, एटीएम व मोबाईल से भरा ट्राली बैग गफलत में अपने साथ उतार लिया तथा घर लेजाकर जब देखा तो उसे गलती का अहसास हुआ। तब उसने डुमरांव के चर्चित सामाजिक कार्यकर्ता तथा रेल यात्री कल्याण समिति के अध्यक्ष रहे राजीव रंजन सिंह से संपर्क स्थापित कर उन्हंे इसकी जानकारी दी। राजीव रंजन सिंह के प्रेरित करने पर वह उक्त बैग लेकर फिर से डुमरांव स्टेशन आया तथा स्टेशन पर तैनात जीआरपी के पोस्ट प्रभारी को बैग, नगद 37 हजार रूपए, एटीएम, आयुष्मान कार्ड, फौजी का डेªस आदि सुपुर्द कर दिया, जबकि उसमें मिले एमआई कंपनी के एंड्रायड फोन सामाजिक कार्यकर्ता राजीव रंजन सिंह ने अपने पास रखा तथा उसी फोन के आधार पर उसकी पत्नी को बैग मिलने की जानकारी दी। जिसके बाद फौजी को उसका बैग व पैसा मिल सका। 

मिली जानकारी के अनुसार हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिला के बरंडा गांव निवासी अशोक कुमार बीएसएफ पांचवी बटालियन में बतौर हवलदार कार्यरत है, उसकी पोस्टिंग कोलकाता में थी, लेकिन हिंसा प्रभावित मणिपुर में ड्यूटि लगी थी। वह गांव जाने के लिए 17 सितंबर को मणिपुर से फ्लाईट से कोलकाता आया तथा वहां से पंजाब मेल के जनरल बोगी में बैठ चंडीगढ़ जा रहा था। इधर बख्तियारपुर रेलवे स्टेशन से उसी बोगी में अनुमंडल के चक्की ओपी क्षेत्र के चंदा गांव निवासी व कपड़े का व्यवसाय करने वाले मो. मनसप अपने छोटे भाईयों मुख्तार, सद्दाम तथा बहनोई इम्तियाज के साथ डुमरांव आने के लिए चढ़ा। उनके पास कपड़ो से भरा कई बैग था। संयोग से टेªन के डुमरांव स्टेशन पहुंचने पर फौजी की नींद लग गई थी, इधर मनसप उसके आसमानी रंग के ट्राली बैग को अपना समझ उतार लिया। लेकिन, घर जाकर जब उक्त बैग को खोला तो उसमें फौजी का कपड़ा, रूपया तथा अन्य सामान देख गलती का अहसास हुआ। इसके बाद उसने तत्काल राजीव रंजन सिंह से संपर्क कर इस वाकये की जानकारी दी। 

राजीव रंजन सिंह तथा स्थानीय जीआरपी से मिली जानकारी के बाद फौजी अशोक अपनी पत्नी सीमा देवी के साथ मंगलवार को डुमरांव पहुंचा, इस दौरान जीआरपी थानाध्यक्ष बिजेन्द्र कुमार व एएसआई लियाकत अली ने राजीव की मौजूदगी में उसका बैग लौटा दिया। बैग मिलने के बाद उसने सभी को धन्यवाद दिया और कहा कि बिहार के बारे में जो भ्रम फैलाई गई है, उससे कही अलग हटकर बिहार के लोग मिलनसार व ईमानदार है।