तहसीलदार और लेखपाल पर धोखाधड़ी और एससी/एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज, अदालत के आदेश पर जांच जारी
बांसडीह। कोतवाली पुलिस ने अदालत के आदेश पर तहसीलदार और लेखपाल के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी, एससी/एसटी और मारपीट की धाराओं में मामला दर्ज किया है।
केटी न्यूज़/ बलिया
बांसडीह। कोतवाली पुलिस ने अदालत के आदेश पर तहसीलदार और लेखपाल के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी, एससी/एसटी और मारपीट की धाराओं में मामला दर्ज किया है।
सुखपुरा गांव के निवासी शेषनाथ राम ने आरोप लगाया है कि पिछले साल उनके पड़ोसी दिलीप गुप्ता के परिवार से विवाद हुआ था, जिसमें उनके घर में घुसकर मारपीट की गई थी। इस मामले में सुखपुरा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। जांच अधिकारी की मांग पर शेषनाथ राम ने अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र भी प्रस्तुत किया था। जांच अधिकारी ने उनका जाति प्रमाण पत्र सत्यापन के लिए तहसीलदार बांसडीह को भेजा था, लेकिन तहसीलदार ने अपनी रिपोर्ट में उन्हें पिछड़ी जाति का बताया, जिससे आरोपी बच सकें।
शेषनाथ राम ने अपनी जांच में पाया कि गांव के लेखपाल ओमजी गुप्ता, जो कि मुकदमे के आरोपियों के रिश्तेदार हैं, ने तहसीलदार के साथ मिलकर साजिश रचते हुए गलत रिपोर्ट बनाई है। जब शेषनाथ ने लेखपाल से शिकायत की, तो उनके साथ दुर्व्यवहार और मारपीट की गई। अन्य लोगों ने भी उनके साथ मारपीट की।
शेषनाथ राम ने आरोप लगाया कि लोकसेवक होने के बावजूद तहसीलदार और लेखपाल ने जानबूझकर गलत जानकारी दी और आरोपियों को बचाने का प्रयास किया, जो कि एक गंभीर अपराध है। कोतवाल संजय सिंह ने बताया कि अदालत के आदेश पर तहसीलदार और लेखपाल के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच की जा रही है।
तहसीलदार निखिल शुक्ला ने कहा कि यह मामला और आदेश दोनों ही एकपक्षीय, गलत और कानून के विरुद्ध हैं। इस मामले में विजिलेंस कोर्ट और उच्च न्यायालय में अपील की गई है, क्योंकि वैधानिक प्रक्रिया की पूरी तरह अनदेखी की गई है।