जातीय जनगणना ऑथेंटिक नहीं, सरकार ने पेश किया है गलत आंकड़ा - विनोधर ओझा

जातीय जनगणना ऑथेंटिक नहीं, सरकार ने पेश किया है गलत आंकड़ा - विनोधर ओझा

 केटी न्यूज/बक्सर  

राकांपा के प्रदेश उपाध्यक्ष विनोधर ओझा ने कहा कि 1931 के बाद जितनी भी जनगणना हुई उसमें ब्राह्मणों की संख्या कुल आबादी की 4.7 प्रतिशत थी, जो अब घटकर 3.65 प्रतिशत कैसे हो गयी है वही कुर्मी व कुशवाहा का बढ़ कैसे गया है ? यह गणना ऑथेंटिक नहीं है। इसे केन्द्र और बिहार सरकार को गहनता से विचार करनी चाहिए और यह विश्वसनीय नहीं हैं।

इस जनगड़ना के आधार पर कोई काम या योजनाएं नहीं बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर बिहार सरकार सही मान रही है और अति पिछड़ी जाति का विकास चाहती है तो मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री को अपनी कुर्सी त्यागनी चाहिए और जनगणना में बहुलता में दिखाए गए किसी जाति को मुख्यमंत्री व उप मुख्यमंत्री बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना राजनीतिक निहितार्थ आनन फानन में करवाई गई है तथा कई घरों तक प्रगणक पहुंचे ही नहीं जबकि राज्य सरकार ने जातीय जनगणना का काम पूरा कर लिया है।