साल के पहले दिन मायूस हुए बच्चे शहीद पार्क का नहीं खुला ताला
वैसे तो नगर में पार्क के नाम शहर के बीचोबीच मात्र एक शहीद पार्क मौजूद है। इस पार्क में बच्चों के खेलने के लिये संसाधन के साथ चार शहीदों की मूर्ति भी लगी रहती है। नगरवासियों के घरों में जब कोई बाहर के लोग आते हैं, उन्हें शहीद पार्क घुमाने लोग जरूर लाते हैं। वहीं नये साल के पहले दिन शहीद पार्क के मुख्य गेट पर ताला दिनभर लटके रहने के कारण घुमने आए लोग मायूस होकर लौट गए। शहीद पार्क युवक-युवतियों एवं बच्चों का बहुत ही पसंदीदा पार्क माना जाता है।
केटी न्यूज/डुमरांव
वैसे तो नगर में पार्क के नाम शहर के बीचोबीच मात्र एक शहीद पार्क मौजूद है। इस पार्क में बच्चों के खेलने के लिये संसाधन के साथ चार शहीदों की मूर्ति भी लगी रहती है। नगरवासियों के घरों में जब कोई बाहर के लोग आते हैं, उन्हें शहीद पार्क घुमाने लोग जरूर लाते हैं। वहीं नये साल के पहले दिन शहीद पार्क के मुख्य गेट पर ताला दिनभर लटके रहने के कारण घुमने आए लोग मायूस होकर लौट गए। शहीद पार्क युवक-युवतियों एवं बच्चों का बहुत ही पसंदीदा पार्क माना जाता है।
मालूम हो कि नगर का शहीद पार्क उन चार सपूतों के नाम पर और उसी स्थान पर बनाया गया है, जहां देश के अजादी के चार दिवानों ने तिरंगा फहराने के दौरान अंग्रेजों के गोली का शिकार हो शहीद हो गए थे। इस पार्क में उनकी मूर्ति भी लगी हुई है। हर वर्ष एक जनवरी को स्कूल के बच्चे आते हैं और घुमते हुए जानकारी भी लेते हैं। इतना ही नहीं महिलाएं भी काफी संख्या में छोटे बच्चों को लेकर पहुंचती हैं।
इस साल नहीं पार्क का ताला खुला और नहीं सफाई हुई। पूरा पार्क लंबी-लंबी घासों से ढक गया है। पार्क घुमने आए लोगों के मुंह से यह कहते सुना गया की अपनी गलती छुपाने के लिए ताला नहीं खोला गया है। मालूम हो कि राज्य के जितने भी पार्क हैं, सरकारी आदेश के तहत उसकी देखरेख की सारी जिम्मेवारी वन विभाग को दे दी गई है। बावजूद वन विभाग की तरफ से कोई व्यवस्था नहीं गयी थी।
शहीद स्मारक समिति के सदस्य संजय चंद्रवंसी से बात की गई तो उन्होंने बताया की वन विभाग के अधिकारियों से इस संबंध में जब बात किया गया तो उन्होंने बताया की विभाग को पार्क हैंड ओवर नहीं किया गया है। अब सवाल यहां यह उठता है कि जब सरकार ने वन विभाग को पार्क की जिम्मेवारी दे रखी है तो फिर यहां हैंड ओवर करने की बात कहां आती है। ऐसा लगता है कि अपनी गलतियों को छिपाने के लिए वन विभाग के अधिकारी संबंध में ऐसी बात कह रहे हैं।
समिति के लोगों को कहना है कि इसकी शिकायत एसडीओ के साथ डीएम से की जाएगी। इनके द्वार संबंधित पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है तो इसकी शिकायत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से की जाएगी। मालूम हो की इस पार्क का उद्घाटन भी नीतीश कुमार के द्वारा ही किया गया था।