कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष की सभा में भीड़ नहीं जुटने पर जिलाध्यक्ष पर गिरी गाज, हुए निलंबित

बक्सर में जिस उदेश्य से कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष को बुलाया गया था, परिणाम ठीक उसके विपरित आया। कहां तो उम्मीद लगाया गया था कि राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आने से बिहार व बक्सर में कमजोर हो चुकी कांग्रेस को नई जान मिलेगी और आगामी चुनाव में इसका बड़ा फायदा मिलेगा, लेकिन कांग्रेसी लाख प्रयास के बावजूद राष्ट्रीय अध्यक्ष के कार्यक्रम में भीड़ नहीं जुटा पाए। जिसका खामियाजा जिलाध्यक्ष डॉ. मनोज पांडेय को भुगतना पड़ा है। कांग्रेस के प्रदेश नेतृत्व ने तत्काल प्रभाव से उन्हें निलंबित कर दिया है।

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष की सभा में भीड़ नहीं जुटने पर जिलाध्यक्ष पर गिरी गाज, हुए निलंबित

- रविवार को आयोजित राष्ट्रीय अध्यक्ष की सभा में खाली रह गई थी सभा, प्रदेश नेतृत्व में तैयारियों को कमजोर व सामंजस्य की कमी माना

केटी न्यूज/बक्सर

बक्सर में जिस उदेश्य से कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष को बुलाया गया था, परिणाम ठीक उसके विपरित आया। कहां तो उम्मीद लगाया गया था कि राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आने से बिहार व बक्सर में कमजोर हो चुकी कांग्रेस को नई जान मिलेगी और आगामी चुनाव में इसका बड़ा फायदा मिलेगा, लेकिन कांग्रेसी लाख प्रयास के बावजूद राष्ट्रीय अध्यक्ष के कार्यक्रम में भीड़ नहीं जुटा पाए। जिसका खामियाजा जिलाध्यक्ष डॉ. मनोज पांडेय को भुगतना पड़ा है। कांग्रेस के प्रदेश नेतृत्व ने तत्काल प्रभाव से उन्हें निलंबित कर दिया है। निलंबन का पत्र सदाकत आश्रम से आया है। प्रदेश कांग्रेस के कार्यालय सचिव उमेश प्रसाद सिंह ने उन्हें निलंबन का पत्र जारी किया है साथ ही इससे प्रदेश के वरीय अधिकारियों के अलावे राष्ट्रीय नेतृत्व को भी अवगत कराया है। जिनमें केसी वेणुगोपाल, कृष्णा अल्लावरू, डॉ. शकील अहमद खान और डॉ. मदन मोहन झा शामिल हैं।

बता दें कि बक्सर में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की रैली उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी, और मुट्ठी भर लोग ही उनके कार्यक्रम में पहुंचे थे। दलसागर के खेल मैदान में आयोजित सभा के दौरान हुई अव्यवस्था और भीड़ की कमी से नाखुश बिहार प्रदेश कांग्रेस कमिटी जहां तत्काल प्रभाव से जिलाध्यक्ष को निलंबित किया है, वहीं, राजनीति के जानकार इसके दुरगामी परिणामों पर भी चर्चा कर रहे है। बता दें कि बक्सर में सदर व राजपुर की सीट कांग्रेस के खाते में है। इसके अलावे दो अन्य विधानसभा सीटो के अलावे लोकसभा की सीट पर भी ईडी गठबंधन का ही कब्जा है।

बावजूद कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के आगमन पर भीड़ नहीं जुटना न सिर्फ स्थानीय नेताओं की खींचतान व जनता का भरोसा नहीं जीत पाने को माना जा रहा है बल्कि आगामी चुनाव के लिए भी शुभ संकेत नहीं माना जा रहा है। ऐसे में अभी से ही यह कयाश लगाए जा रहे है कि विधानसभा चुनाव तक कांग्रेस में अभी कई अन्य चेहरों पर भी गाज गिर सकती है। कांग्रेस को बक्सर में अपनी साख बचाने के लिए अभी और कड़े फैसले लेने से इंकार नहीं किया जा सकता है। अब देखना है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष के कार्यक्रम के दौरान जो खामियां उभर कर आई है, उसे दूर करने के लिए प्रदेश तथा राष्ट्रीय नेतृत्व द्वारा क्या-क्या कदम उठाए जा रहे है।  पार्टी सूत्रों की मानें तो खड़गे की सभा में अपेक्षित जनसमूह नहीं पहुंचा, जिससे पार्टी नेतृत्व गहरे असंतोष में है। बक्सर के दोनों कांग्रेस विधायक संगठन को मजबूत करने और जनता को जोड़ने में विफल रहे, जिससे उनकी कार्यशैली पर सवाल खड़े हो गए हैं। अब यह अटकलें लगाई जा रही हैं कि आगामी विधानसभा चुनाव में दोनों की टिकट कट सकती है।