प्रमंडलीय उपनिदेशक ने डुमरांव अनुमंडलीय अस्पताल व कई निजी अस्पतालों का किया निरीक्षण

प्रमंडलीय उपनिदेशक ने डुमरांव अनुमंडलीय अस्पताल व कई निजी अस्पतालों का किया निरीक्षण

- मानक के अनुसार नहीं संचालित हो रहा था संतोषी अस्पताल, हरिप्रेम चिकित्सालय का नहीं मिला बोर्ड 

- पांच बेड वाले अस्पताल मे भर्ती थे 13 मरीज, डाक्टरों का नहीं था पता

केटी न्यूज/डुमरां

मुख्यमंत्री के निर्देश पर बुधवार को स्वास्थ्य विभाग के पटना प्रमंडल के उप निदेशक डा अखिलेश कुमार व बक्सर सीएस डा एससी सिन्हा ने डुमरांव के अनुमंडलीय अस्पताल व कई निजी अस्पतालों का निरीक्षण किया। यह जांच शिकायतकर्ता नंदन के आरटीआई कार्यकर्ता हरेकृष्ण यादव की शिकायत पर हुआ था। हरेकृष्ण ने डुमरांव अनुमंडलीय अस्पताल के अलावे करीब आधा दर्जन निजी अस्पतालों में मानकों के अनुसार संचालन नहीं होने की शिकायत मुख्यमंत्री के जनता दरबार में की थी। जिसके बाद जांच टीम बुधवार को डुमरांव पहुंची थी। इसके पहले यह टीम बक्सर भी आ चुकी है। इस दौरान प्रमंडलीय आयुक्त ने अनुमंडलीय अस्पताल में हल्की खामी पाया। इशारे इशारों में उन्होंने यहां डाक्टरों ने नहीं ठहरने की बात कही और बताया कि 

 इसके लिए सीएस तथा चिकित्सकों के आवास की कमी है। उन्होंने कहा कि आवास बनवाने के लिए वे अपना प्रतिवेदन वरीय अधिकारियों को देंगे। उप निदेशक ने कहा कि जो खामियां पाई गई है उसे दुरूस्त करने का निर्देश दिया गया है। वही उन्होंने कहा कि कुछ बिंदुओं को वे नोट किए है जिसे अपने प्रतिवेदन में शामिल करेंगे। 

नहीं मिला हरिप्रेम चिकित्सालय का बोर्ड, संतोषी अस्पताल में नदारद थे डॉक्टर

उप निदेशक व सीएस अनुमंडलीय अस्पताल के बाद चाणक्या कॉलोनी स्थित उपाधीक्षक डा गिरीश सिंह के आवास पर भी पहुंचे। जहां शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि अनुमंडलीय अस्पताल के डीएस अपने घर पर हरिप्रेम चिकित्सालय नाम से अस्पताल का संचालन करते है। लेकिन जांच के दौरान उक्त अस्पताल का बोर्ड नहीं मिला। वही दूसरी तरफ टिचर टेनिंग कॉलेज के पास स्थित संतोषी अस्पताल में भी जांच किया गया। यहां मानक के अनुसार अस्पताल का

संचालन नहीं हो रहा था। जानाकरी के अनुसार जांच के दौरान इस अस्पताल में डॉक्टर नहीं थे वही अस्पताल का निबंधन पांच बेड के लिए हुआ है जबकि जांच के दौरान 13 मरीज भर्ती थे। उप निदेशक व सीएस ने इसे गंभीर मामला बताया। बता दें कि इस अस्पताल के बोर्ड पर जिन तीन डॉक्टरों का नाम अंकित है उनमें डा द्वारिका प्रसाद पहले ही डीएम को आवेदन दे इस अस्पताल के संचालन के प्रति अपनी अनभिज्ञता जता चुके है। 

मामले की की जा रही है लीपापोती - शिकायतकर्ता 

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वही इस संबंध में शिकायतकर्ता हरेकृष्ण यादव ने बताया कि जांच के नाम पर मामले की लीपापोती की जा रही है। उन्होंने कहा कि जिन बिंदुओं पर जांच की मांग की गई थी उन बिंदुओं पर जांच टीम ने जांच ही नहीं किया। मसलन अनुमंडलीय अस्पताल में के सीएस के प्रभारमुक्त होने के बाद उनके द्वारा निकासी का मामला हो या फिर संतोषी अस्पताल में डा द्वारिका प्रसाद का मामला। जांच टीम इन बिंदुओं पर कुछ भी बोलने से कतराते नजर आई। शिकायतकर्ता की माने तो उनके पास उपाधीक्षक द्वारा पूर्व में हरिप्रेम चिकित्साल के नाम से अस्पताल संचालन के कई साक्ष्य मौजूद है। वही डा द्वारिका प्रसाद द्वारा डीएम को लिखा गया पत्र भी है जिसमें उन्होंने इस अस्पताल के संचालन की जानकारी नहीं होने की बात लिखी है। उन्होंने कहा कि जांच के नाम पर लीपापोती के खिलाफ चरणबद्ध आंदोलन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि रविवार को टुड़ीगंज से कृष्णाब्रह्म चौक पर पदयात्रा निकाला तथा कृष्णाब्रह्म में प्रदर्शन कर इस चरणबद्ध आंदोलन की शुरूआत होगी। 

क्या कहते है उप निदेशक

मुख्यमंत्री के जनता दरबार में दिए गए आवेदन पर यह जांच किया जा रहा है। जांच में अनुमंडलीय अस्पताल में जो खामिया पाई गई है उसका प्रतिवेदन वरीय पदाधिकारियों को सौंपा जाएगा। हरिप्रेम चिकित्सालय का बोर्ड नहीं मिला है। वही संतोषी अस्पताल का संचालन मानक के अनुरूप  नहीं हो रहा था। - अखिलेश कुमार, उप निदेशक, स्वास्थ्य विभाग, पटना प्रमंडल