कर्मियों से प्रताड़ना के मामले में डॉ. अशोक से हुई घंटों पूछताछ छुटे पसीने
- जांच को पहुंची राज्य स्तरीय स्वास्थ्य विभाग की टीम
केटी न्यूज/राजपुर
प्रखंड के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर गुरुवार को राज्य स्तरीय स्वास्थ्य विभाग की टीम के आरडी डॉ अखिलेश कुमार, सिविल सर्जन ने पहुंचकर विभाग के सभी योजनाओं की गहन जांच पड़ताल की। अस्पताल परिसर में नियमित चलने वाले ओपीडी सेवा, ड्यूटी पर मौजूद रहने वाले डॉक्टर एवं उनके द्वारा दी जाने वाली सेवाओं के बारे में बिंदुवार जानकारी प्राप्त की। अस्पताल की साफ-सफाई, स्वास्थ्य विभाग के तरफ से संचालित टीकाकरण, गर्भवती महिलाओं को दी जाने वाली सुविधा एवं उप स्वास्थ्य केंद्रों पर नियमित संचालित योजनाओं की जांच कर आवश्यक सुझाव भी दिए।
विदित हो कि स्वास्थ्य व्यवस्था को सही तरीके से संचालन नहीं करने एवं अपने अधीनस्थ कर्मियों को प्रताड़ित करने से संबंधित मामले को लेकर विधायक विश्वनाथ राम ने विगत 24 मार्च को बिहार विधानसभा में तारांकित प्रश्न के तहत यह मामला उठाया था। इनके द्वारा अनुरोध किया गया था कि डॉ. अशोक कुमार के द्वारा मरीजों का सही तरीके से उपचार नहीं किया जाता है। जिसके लिए जांच कर आवश्यक कार्रवाई की जाए। इसी तारांकित प्रश्न के आलोक में क्षेत्रीय अपर निदेशक स्वास्थ्य विभाग को सरकार के उप सचिव शैलेश कुमार ने पत्र प्रेषित कर एक सप्ताह के अंदर जांच का रिपोर्ट मांगा था।
इसी के आलोक में यह जांच पड़ताल की गयी। मीडिया द्वारा पूछे जाने पर आरडी अखिलेश कुमार ने बताया कि सभी जांच की प्रक्रिया विभाग को सौंपी जाएगी। इस मौके पर चिकित्सा प्रभारी डॉ अशोक कुमार, स्वास्थ्य प्रबंधक गोरखनाथ सिंह, बीसीएम सत्येंद्र कुमार के अलावा अन्य स्वास्थ्य कर्मी मौजूद रहे। वहीं, ग्रामीणों का मानना है कि चिकित्सा प्रभारी डॉ अशोक कुमार की मौजूदगी में स्वास्थ्य व्यवस्था बेहतर तरीके से संचालित होती है। किसी भी रोगियों को निराश होकर वापस नहीं लौटना पड़ता है। इनकी मौजूदगी में ओपीडी के अलावा अन्य स्वास्थ्य व्यवस्था को भी सही तरीके से संचालित की जाती है।