डुमरांव की जर्जर मुख्य सड़क पर आखिरकार तेजी, वर्षों की उपेक्षा के बाद प्रशासन हरकत में
डुमरांव शहर की वह मुख्य सड़क, जिसकी जर्जर हालत पर वर्षों से लोग परेशान थे और आवाज़ उठाते-उठाते थक चुके थे, अब आखिरकार सुधार की दिशा में आगे बढ़ती नजर आ रही है। लंबे समय से केवल आश्वासनों तक सीमित रहा जीर्णाेद्धार कार्य चुनाव के बाद नई रफ़्तार पकड़ता दिख रहा है। प्रशासन की लापरवाही और विभागीय देरी के कारण यह सड़क राजनीतिक और जनहित दोनों ही स्तरों पर बहस का मुद्दा बनी हुई थी, मगर अब हालात बदलते नजर आ रहे हैं।
-- विधायक के दबाव के 24 घंटे भीतर एनएचएआई ने शुरू की नापी, 1.30 करोड़ की परियोजना फिर पटरी पर
केटी न्यूज/डुमरांव
डुमरांव शहर की वह मुख्य सड़क, जिसकी जर्जर हालत पर वर्षों से लोग परेशान थे और आवाज़ उठाते-उठाते थक चुके थे, अब आखिरकार सुधार की दिशा में आगे बढ़ती नजर आ रही है। लंबे समय से केवल आश्वासनों तक सीमित रहा जीर्णाेद्धार कार्य चुनाव के बाद नई रफ़्तार पकड़ता दिख रहा है। प्रशासन की लापरवाही और विभागीय देरी के कारण यह सड़क राजनीतिक और जनहित दोनों ही स्तरों पर बहस का मुद्दा बनी हुई थी, मगर अब हालात बदलते नजर आ रहे हैं।सोमवार को डुमरांव विधायक राहुल कुमार सिंह ने अधिकारियों के साथ जर्जर सड़क का पैदल निरीक्षण किया। सड़क की टूट-फूट, गड्ढों और धूलभरी स्थिति को देखते हुए विधायक ने मौके पर ही विभागीय मशीनरी को तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए।

बताया जाता है कि निरीक्षण के दौरान उन्होंने स्पष्ट चेताया कि जनता की परेशानी अब और बर्दाश्त नहीं की जाएगी और विभाग को हर हाल में काम को गति देनी होगी।विधायक के इस सक्रिय हस्तक्षेप का असर केवल 24 घंटों के भीतर दिख गया। मंगलवार की दोपहर 1 बजे एनएचएआई की टीम सड़क सुधार की दिशा में मैदान में उतर गई और नापी का कार्य शुरू कर दिया। वर्षों से सुस्त पड़े विभागीय रवैये के बीच अचानक आई यह तेजी लोगों के लिए उम्मीद की नई किरण लेकर आई है।मंगलवार को एनएचएआई के एक्सक्यूटिव ऑफिसर मनोज कुमार, कनीय अभियंता संजय कुमार और संवेदक सुरेश सिंह मौके पर पहुंचे।

टीम ने मां डुमरेजनी प्रवेश द्वार से लेकर पुराना भोजपुर तक पूरे सड़क मार्ग का विस्तृत निरीक्षण किया। अधिकारियों ने सड़क की बदतर स्थिति को स्वीकार करते हुए कहा कि अब देरी नहीं होगी और जल्द से जल्द निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा ताकि लोगों को सालों से हो रही परेशानी से राहत मिले।गौरतलब है कि इस मुख्य सड़क के जीर्णाेद्धार के लिए 1.30 करोड़ रुपये की लागत से टेंडर सितंबर माह में जारी किया गया था। लेकिन तकनीकी प्रक्रियाओं और विभागीय धीमी गति के कारण काम शुरू नहीं हो सका था। चुनाव के बाद यह मुद्दा एक बार फिर प्रमुखता से सामने आया और लोगों की नाराजगी लगातार बढ़ती गई।

अब जब एनएचएआई ने मौके पर नापी शुरू कर दी है, उम्मीद जताई जा रही है कि यह बहुप्रतीक्षित परियोजना पटरी पर लौट आएगी।स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि इसी गति से काम आगे बढ़ा तो शहर की सबसे महत्वपूर्ण सड़क जल्द ही नई शक्ल में दिखेगी। बाजार जाने वाले लोगों, स्कूली बच्चों, मरीजों और रोजाना आवाजाही करने वालों के लिए यह सड़क जीवनरेखा की तरह है। इसकी दुर्दशा ने न केवल यातायात को प्रभावित किया, बल्कि कई दुर्घटनाएं और परेशानियां भी बढ़ा दी थीं।
