डुमरांव के आदर्श बने प्रेरणा के प्रतीक, कठिन परिश्रम से बने सीआईएसएफ में सब-इंस्पेक्टर
कहते हैं कि जिनके इरादे मजबूत होते हैं, उन्हें मंज़िलें खुद रास्ता दिखाती हैं। डुमरांव के फूलचंद कानू रोड, वार्ड नंबर 33 निवासी आदर्श कुमार ने इस बात को सच कर दिखाया है। बेहद सामान्य परिवार से आने वाले आदर्श ने सीआईएसएफ में सब-इंस्पेक्टर के पद पर चयनित होकर न केवल अपने परिवार, बल्कि पूरे जिले का नाम रोशन किया है।

-- ऑनलाइन अध्ययन और आत्मविश्वास के बल पर हासिल की बड़ी सफलता, बिना कोचिंग के एसएससी सीपीओ परीक्षा में 943वां रैंक
केटी न्यूज/डुमरांव
कहते हैं कि जिनके इरादे मजबूत होते हैं, उन्हें मंज़िलें खुद रास्ता दिखाती हैं। डुमरांव के फूलचंद कानू रोड, वार्ड नंबर 33 निवासी आदर्श कुमार ने इस बात को सच कर दिखाया है। बेहद सामान्य परिवार से आने वाले आदर्श ने सीआईएसएफ में सब-इंस्पेक्टर के पद पर चयनित होकर न केवल अपने परिवार, बल्कि पूरे जिले का नाम रोशन किया है।

आदर्श ने एसएससी सीपीओ 2024 परीक्षा में 943वां रैंक हासिल किया है। इस सफलता के पीछे उनकी मेहनत, लगन और आत्मविश्वास की कहानी हर उस युवा के लिए प्रेरणा है जो सीमित साधनों में बड़ा सपना देखता है। आदर्श के पिता संतोष कुमार घर में एक छोटी किराने की दुकान चलाते हैं, जबकि मां पुष्पा देवी स्वास्थ्य विभाग में एएनएम के पद पर कार्यरत हैं। आर्थिक स्थिति सामान्य रही,

लेकिन माता-पिता ने कभी बेटे के सपनों को छोटा नहीं होने दिया। दो भाइयों और एक बहन में सबसे छोटे आदर्श बचपन से ही पढ़ाई में तेज़ रहे।उन्होंने मैट्रिक की परीक्षा सीपीएसएस स्कूल, डुमरांव से और इंटरमीडिएट की पढ़ाई डी.के. कॉलेज से पूरी की। बड़े शहरों या महंगी कोचिंग संस्थाओं में पढ़ने के बजाय आदर्श ने ऑनलाइन माध्यमों और यूट्यूब चैनलों से पढ़ाई की। वे रोज़ाना तय समय पर स्व अध्ययन करते थे और कभी आत्मविश्वास नहीं खोया।आदर्श का कहना है कि अगर मन में लक्ष्य साफ हो और मेहनत ईमानदारी से की जाए, तो सफलता जरूर मिलती है। संसाधनों की कमी सिर्फ बहाना है, रुकावट नहीं।

-- परिवार में खुशी और गर्व का माहौल
आदर्श की सफलता की खबर मिलते ही फूलचंद कानू रोड का माहौल जश्न में बदल गया। पड़ोसी, रिश्तेदार और शिक्षक सभी उनके परिवार को बधाइयां दे रहे हैं। मां पुष्पा देवी की आंखें भावनाओं से भर आईं। उन्होंने कहा कि हमने कभी नहीं सोचा था कि हमारा बेटा इतनी बड़ी उपलब्धि हासिल करेगा। उसने पूरे परिवार को गर्व महसूस कराया है।

वहीं पिता संतोष कुमार ने मुस्कुराते हुए कहा कि उन्हें हमेशा विश्वास था कि आदर्श कुछ बड़ा करेंगे। आदर्श ने अपनी सफलता का श्रेय परिवार के साथ-साथ दादी लालमुनि देवी, शिक्षक मनोज कुमार, और अपने दोस्तों चुन्नू पांडेय, सत्यम कुमार, तुषार कुमार, अभिषेक कुमार व पुनीत कुमार को दिया है, जिन्होंने हर कदम पर उनका हौसला बढ़ाया। आदर्श एक दिसंबर को हैदराबाद में सीआईएसएफ के सब इंस्पेक्टर पर योगदान करेंगे।

वे कहते हैं कि वे न केवल देश की सुरक्षा में योगदान देना चाहते हैं, बल्कि युवाओं को भी यह संदेश देना चाहते हैं कि कोई भी सपना असंभव नहीं, अगर मेहनत निरंतर और नीयत साफ हो।डुमरांव के लोग आदर्श को नई पीढ़ी का रोल मॉडल बता रहे हैं। मोहल्ले के बुजुर्गों का कहना है कि आदर्श ने यह साबित किया है कि बड़े शहरों या कोचिंग संस्थानों की चमक-दमक के बिना भी सफलता हासिल की जा सकती है।

आदर्श की कहानी यह संदेश देती है कि सपने देखने का हक हर किसी को है, और अगर उन सपनों को पूरा करने का साहस हो, तो सीमाएं मायने नहीं रखतीं। उनकी यह उपलब्धि आने वाली पीढ़ियों के लिए उम्मीद और हौसले की मिसाल बन गई है।
