मां डुमरेजनी के जयकारे से गूंजता रहा डुमरांव का चप्पा चप्पा, वार्षिकोत्सव पर दर्शन पूजन को उमड़ा सैलाब
- सावन पूर्णिमा को मनाया जाता है मां डुमरेजनी मंदिर का वार्षिकोत्सव
केटी न्यूज/डुमरांव
गुरूवार को अहले सुबह से ही शहर का चप्पा चप्पा मां डुमरेजनी के जयकारों से गूंजने लगा। हर तरफ मां के जय जयकारे लग रहे थे।
अवसर था नगर देवी मां डुमरेजनी के वार्षिक पूजनोत्सव की। इस मौके पर मां डुमरेजनी के प्रति शहरवासियों की आस्था व उत्साह देखते ही बन रहा था। पूरे दिन शहर के सभी रास्ते मां डुमरेजनी मंदिर की तरफ ही जाते दिख रह रहा था। मंदिर को जाने वाले सभी रास्तों पर सुबह से देर रात तक श्रद्धालुओं की लंबी कतार लग गई थी। इसके पहले सुबह में ही मंदिर के पुजारी तथा पूजा समिति सदस्यों द्वारा पूरे विधि विधान से मां डुमरेजनी का वार्षिकोत्सव मनाया गया। वार्षिकोत्सव के दौरान ध्वनि विस्तारक यंत्रों से हो रहे मंत्रोच्चार तथा श्रद्धालुओं द्वारा लगाए जा रहे जयकारे से माहौल भक्तिमय बन गया था।
दोपहर में भी भीड़ कम नहीं हुई। वही जैसे जैसे शाम ढलने लगा वैसे वैसे श्रद्धालुओं तथा मेला घुमने वाले बच्चों की भीड़ बढ़ते जा रही थी। चारों तरफ भीड़ ही भीड़ दिखाई पड़ रहा था। वही मंदिर पूजा समिति के सदस्य मंदिर परिसर में उमड़ने वाली भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सक्रिय थे। एक अनुमान के मुताबिक मां डुमरेजनी के वार्षिकोत्सव पर 50 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने मत्था टेका। मान्यता है कि मां डुमरेजनी से मांगी गई मन्नतें पूरी अवश्य होती है। यही कारण है कि श्रद्धालुओं की आस्था इस मंदिर के प्रति लगी रहती है।
देर रात तक चलते रहा मेला, बच्चों को खूब भाया चरखी
मां डुमरेजनी के वार्षिकोत्सव पर देर रात तक मेला चलते रहा। मंदिर के बाहर तथा प्रकृति के रमणीक वातावरण में लगे इस मेला में बच्चें देर तक धमाचौकड़ी मचाते रहे। मेला में चरखी, झूला, खिलौना, खाद्य सामग्री के अलावे कई अन्य तरह की दुकानें सजी थी। जहां बच्चों की भीड़ लगी रही। सबसे अधिक भीड़ चरखी की दुकान पर रही। बच्चों को चरखी खूब भा रहा था।
प्रशासनिक व्यवस्था भी रही काबिले तारीफ
नगर देवी के वार्षिकोत्सव पर प्रशासनिक व्यवस्था काबिले तारीफ रही। पुलिस प्रशासन के आलाधिकारी खुद इस मेले के पल पल की स्थिति का मॉनिटरिंग कर रहे थे। जबकि भीड़ नियंत्रण के लिए दंडाधिकारियों के नेतृत्व में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था। प्रशासनिक तत्परता के कारण इतनी बड़ी भीड़ काफी नियंत्रित व शांत रही।