निर्वाचन कार्यालय ने जारी किया प्रशिक्षण का सिड्यूल, 8 से 14 सितंबर तक होगा प्रशिक्षण

जिला निर्वाचन कार्यालय ने आगामी चुनावी तैयारियों को लेकर सहायक निर्वाचनी पदाधिकारियों के प्रशिक्षण हेतु आदेश संख्या 07-714, दिनांक 06 सितम्बर 2025 जारी किया है। इसके तहत 08 सितम्बर से 14 सितम्बर तक पटना स्थित विभिन्न प्रशिक्षण केंद्रों पर प्रशिक्षण सत्र आयोजित होंगे।

निर्वाचन कार्यालय ने जारी किया प्रशिक्षण का सिड्यूल, 8 से 14 सितंबर तक होगा प्रशिक्षण

-- पटना में अलग-अलग केंद्रों पर होगा सहायक निर्वाची पदाधिकारी का प्रशिक्षण

केटी न्यूज/बक्सर

जिला निर्वाचन कार्यालय ने आगामी चुनावी तैयारियों को लेकर सहायक निर्वाचनी पदाधिकारियों के प्रशिक्षण हेतु आदेश संख्या 07-714, दिनांक 06 सितम्बर 2025 जारी किया है। इसके तहत 08 सितम्बर से 14 सितम्बर तक पटना स्थित विभिन्न प्रशिक्षण केंद्रों पर प्रशिक्षण सत्र आयोजित होंगे।

यह प्रशिक्षण कार्यक्रम चुनावी प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने के उद्देश्य से आयोजित किया जा रहा है। जिला निर्वाचन कार्यालय का कहना है कि लोकतांत्रिक व्यवस्था को सुचारु रूप से संचालित करने के लिए निर्वाचन संबंधी सभी कार्यों की पूरी जानकारी और दक्षता अधिकारियों को होना आवश्यक है।

-- प्रशिक्षण का उद्देश्य

जारी आदेश के मुताबिक इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य अधिकारियों को निर्वाचन कार्यों की कानूनी और प्रशासनिक प्रक्रिया से अवगत कराना है। सहायक निर्वाचनी पदाधिकारी के रूप में नियुक्त अधिकारियों को नामांकन दाखिल करने, उसकी जांच (जांच-पड़ताल), मतदान की प्रक्रिया, मतगणना और परिणाम की घोषणा से जुड़े व्यावहारिक पहलुओं का अभ्यास कराया जाएगा। इसके साथ ही प्रशिक्षण का मकसद चुनावी कार्यों में शुचिता, पारदर्शिता और निष्पक्षता की गारंटी सुनिश्चित करना है। अधिकारियों को यह सिखाया जाएगा कि प्रत्येक प्रक्रिया समयबद्ध और निर्धारित मानकों के अनुरूप पूरी हो।

-- अनिवार्य उपस्थिति व अनुशासन

जिला निर्वाचन कार्यालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि सभी नामित अधिकारियों की निर्धारित समय और स्थान पर उपस्थिति अनिवार्य होगी। बिना अनुमति अनुपस्थित रहने पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी। इससे यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि किसी भी चरण में चुनावी कार्यों में त्रुटि या लापरवाही की गुंजाइश न बचे।

-- प्रशिक्षण का महत्व

अधिकारियों के मुताबिक, यह प्रशिक्षण लोकतांत्रिक प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी, सुचारु और विश्वसनीय बनाने की दिशा में महत्त्वपूर्ण कदम है। इससे जनता का विश्वास चुनावी व्यवस्था पर और मजबूत होगा। चुनावी कार्यों से जुड़ी किसी भी शंका या गलती की संभावना न्यूनतम रह जाएगी।

-- अपेक्षित परिणाम

इस प्रशिक्षण के उपरांत अधिकारी अपने दायित्वों का निर्वहन अधिक दक्षता, पारदर्शिता और प्रभावशीलता के साथ कर सकेंगे। साथ ही चुनावी प्रक्रिया समयबद्ध और सुचारु रूप से पूरी हो पाएगी। निर्वाचन कार्यालय का मानना है कि ऐसे प्रयास ही लोकतंत्र की नींव को और अधिक मजबूत बनाते हैं।