अतिक्रमण ने रोकी नाली, सड़क बनी नाला, प्रशासनिक चुप्पी से गिरधरबराव पंचायत में बढ़ा जनआक्रोश

नवानगर अंचल की गिरधरबराव पंचायत इन दिनों अतिक्रमण और प्रशासनिक उदासीनता का शिकार बन गई है। हालात ऐसे हैं कि जहां नालियों का निर्माण जल निकासी के लिए किया गया था, वहीं आज वही नालियां बंद पड़ी हैं और सड़कें गंदे पानी से लबालब हैं। मौजा बराव की मुख्य सड़क इस बदहाली की सबसे बड़ी मिसाल बन चुकी है, जहां एक दर्जन से अधिक घरों का नाली का पानी सीधे सड़क पर बह रहा है।

अतिक्रमण ने रोकी नाली, सड़क बनी नाला, प्रशासनिक चुप्पी से गिरधरबराव पंचायत में बढ़ा जनआक्रोश

केटी न्यूज/नावानगर

नवानगर अंचल की गिरधरबराव पंचायत इन दिनों अतिक्रमण और प्रशासनिक उदासीनता का शिकार बन गई है। हालात ऐसे हैं कि जहां नालियों का निर्माण जल निकासी के लिए किया गया था, वहीं आज वही नालियां बंद पड़ी हैं और सड़कें गंदे पानी से लबालब हैं। मौजा बराव की मुख्य सड़क इस बदहाली की सबसे बड़ी मिसाल बन चुकी है, जहां एक दर्जन से अधिक घरों का नाली का पानी सीधे सड़क पर बह रहा है।

-- नाली पर कब्जा, सड़क पर बहता गंदा पानी

ग्रामीणों के अनुसार मुख्य सड़क के दोनों किनारों पर नाली बनाई गई थी। एक तरफ की नाली अब भी काम कर रही है, लेकिन दूसरी तरफ की नाली पर अतिक्रमणकारियों ने कब्जा जमा लिया है। नाली के ऊपर मिट्टी भर दी गई है, जिससे वह पूरी तरह बंद हो चुकी है। नतीजा यह कि घरों से निकलने वाला गंदा पानी सड़क को ही अपना रास्ता बना रहा है। लगातार बहते पानी से सड़क पर फिसलन बनी रहती है और दुर्घटनाएं आम हो गई हैं।

-- बैंक और स्कूल तक जाना बना जोखिम

इस मार्ग पर ग्रामीण बैंक की शाखा और एक सरकारी विद्यालय भी स्थित है। बैंक जाने वाले खाताधारक, स्कूली बच्चे और बुजुर्ग हर दिन जान जोखिम में डालकर इसी रास्ते से गुजरते हैं। बरसात के दिनों में स्थिति और भी भयावह हो जाती है, जब सड़क पर पानी और कीचड़ भर जाता है। बदबू, मच्छरों और गंदगी ने स्वास्थ्य संकट भी खड़ा कर दिया है।

-- आवेदन दिया, कार्रवाई शून्य

इस गंभीर समस्या को लेकर पंचायत की मुखिया संगीता देवी सहित सैकड़ों ग्रामीणों ने अंचलाधिकारी को लिखित आवेदन सौंपा है। ग्रामीणों को उम्मीद थी कि अतिक्रमण हटेगा और जल निकासी बहाल होगी, लेकिन अब तक प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। इससे लोगों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है।

-- प्रशासनिक उदासीनता पर सवाल

ग्रामीणों का कहना है कि सरकार भले ही अतिक्रमण के खिलाफ सख्ती के दावे करे, लेकिन गिरधरबराव पंचायत की हालत उन दावों की पोल खोल रही है। पीड़ितों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द अतिक्रमण हटाकर नालियों को चालू नहीं कराया गया, तो वे आंदोलन का रास्ता अपनाने को मजबूर होंगे। यह मामला अब सिर्फ जल निकासी का नहीं, बल्कि प्रशासन की जवाबदेही का बन चुका है।