डुमरांव में बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था के खिलाफ निकाला सीएम, सांसद व विधायक की शवयात्रा
जिले की जर्जर स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर समाजसेवियों का गुस्सा सोमवार को चरम पर था। नाराज समाजसेवियों ने लचर स्वास्थ्य व्यवस्था व लाचार प्रबंधन से आजीज आ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, बक्सर सांसद सुधाकर सिंह तथा डुमरांव विधायक अजित कुमार सिंह की प्रतीकात्मक शवयात्रा निकाल सरकार और जनप्रतिनिधियों को कटाक्ष का आईना दिखाया। प्रदर्शनकारियों ने साफ संदेश दिया कि जब तक अस्पतालों की बदहाली खत्म नहीं होगी, आंदोलन जारी रहेगा।

-- शव यात्रा निकाल समाजसेवियों ने सरकार को दिखाया आईना
केटी न्यूज/डुमरांव
जिले की जर्जर स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर समाजसेवियों का गुस्सा सोमवार को चरम पर था। नाराज समाजसेवियों ने लचर स्वास्थ्य व्यवस्था व लाचार प्रबंधन से आजीज आ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, बक्सर सांसद सुधाकर सिंह तथा डुमरांव विधायक अजित कुमार सिंह की प्रतीकात्मक शवयात्रा निकाल सरकार और जनप्रतिनिधियों को कटाक्ष का आईना दिखाया। प्रदर्शनकारियों ने साफ संदेश दिया कि जब तक अस्पतालों की बदहाली खत्म नहीं होगी, आंदोलन जारी रहेगा।
यह अनोखी शवयात्रा डुमरांव अनुमंडलीय अस्पताल से शुरू होकर छठिया पोखरा, राजगढ़ चौक, गोला रोड, जवाहिर मंदिर रोड होते हुए डुमरांव थाना तक पहुंची। वहां प्रतीकात्मक दाह संस्कार कर सरकार की “बीमार स्वास्थ्य व्यवस्था” को विदाई दी गई। रास्ते में शवयात्रा को देखने वालों की भीड़ उमड़ पड़ी। कोई कहता दिखा कि ये नेताओं का नहीं, स्वास्थ्य व्यवस्था का दाह संस्कार हो रहा है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता समाजसेवी हरेकृष्ण सिंह यादव ने की। उन्होंने आरोप लगाया कि जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह चरमराई हुई है। नेता केवल उद्घाटन और फोटो खिंचवाने तक सीमित हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि सदर अस्पताल का 10 बेड का आईसीयू विभागीय रेकॉर्ड पर चालू है, जबकि असलियत यह है कि वहां डॉक्टर और तकनीकी स्टाफ तक नियुक्त नहीं हैं। कमरों पर ताले लटके हैं और पंखों पर धूल जमी है।
इसी तरह डुमरांव अनुमंडलीय अस्पताल में मातृ-शिशु देखभाल इकाई (एमएनसीयू) का उद्घाटन कुछ दिन पहले धूमधाम से हुआ था। लेकिन उद्घाटन के तुरंत बाद गेट पर ताला डाल दिया गया क्योंकि वहां स्टाफ ही नहीं था। समाजसेवियों ने तंज कसते हुए कहा कि यह शायद दुनिया का पहला स्वास्थ्य केंद्र है जो केवल उद्घाटन के दिन ही चालू रहा और फिर बंद हो गया।
शवयात्रा में शामिल समाजसेवी रामलाल यादव ने कहा कि सांसद सुधाकर सिंह और डुमरांव विधायक डॉ. अजीत कुमार सिंह ने इस कुव्यवस्था पर कभी आवाज तक नहीं उठाई। फर्जी उद्घाटनों और स्वास्थ्य सेवाओं की दुर्दशा पर उनकी चुप्पी जनप्रतिनिधियों की असंवेदनशीलता को दर्शाती है।
प्रदर्शनकारियों का कहना था कि केवल विरोध दर्ज कराना काफी नहीं है, बल्कि इस लड़ाई को संगठित स्तर पर आगे बढ़ाना होगा। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि अस्पतालों की व्यवस्था नहीं सुधरी तो आंदोलन और तेज होगा।