खतरें के निशान को पार कर गई गंगा, बाढ़ के पानी में घिरे दर्जनों गांव
बक्सर में गंगा खतरे के निशान को पार कर गई है। गंगा के साथ ही उसकी सहायक नदी कर्मनाशा भी उफान पर है। जिस कारण चौसा से लेकर नैनीजोर तक करीब एक दर्जन से अधिक गांव बाढ़ से घिर गए है।
- गंगा के साथ कर्मनाशा भी उफनाई, चौसा आधा दर्जन गांवों में घुसा बाढ़ का पानी
- बनारपुर खिलाफतपुर मार्ग पर चढ़ा कर्मनाशा का पानी, बनारपुर के मल्लाह टोली में घरों घिरे लोग
- दियारा इलाके में कोेईलवर तटबंध तक पहुंचा पानी, एसडीओ ने किया निरीक्षण
केटी न्यूज/बक्सर/सिमरी/चौसा
बक्सर में गंगा खतरे के निशान को पार कर गई है। गंगा के साथ ही उसकी सहायक नदी कर्मनाशा भी उफान पर है। जिस कारण चौसा से लेकर नैनीजोर तक करीब एक दर्जन से अधिक गांव बाढ़ से घिर गए है। बाढ़ से सबसे अधिक प्रभावित चौसा प्रखंड हुआ है। इस प्रखंड के आधा दर्जन गांव बाढ़ से घिर गए है। कर्मनाशा में आई बाढ़ से चौसा के बनारपुर-खिलाफतपुर मार्ग पर बाढ़ का पानी चढ़ गया है। इसके अलावे सिकरौल गांव का मार्ग भी अवरूद्ध हो गया है। जबकि चौसा के करीब स्थित बनारपुर के मल्लाह टोली, रोहिनीभान, सोनपा आदि गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। इसके अलावे भी कई अन्य गांव बाढ़ की चपेट में आए है। जबकिाच चौसा के साथ ही सदर प्रखंड, हजारों हेक्टेयर खेत भी पानी में डूब गए है। जिससे फसलों के नष्ट होने का खतरा बढ़ गया है।
बाढ़ का पानी यदि जल्दी नहीं उतरा तो किसानों को भारी क्षति उठानी पड़ेगी। ग्रामीणों का कहना है कि पानी बढ़ने से लगभग चार दर्जन से ऊपर के कच्चे-पक्के घरों में बाढ़ का पानी समा गया है, इसको लेकर लोगों का जन जीवन प्रभावित हुआ है और उनकी परेशानी बढ़ गई है। गांव के श्यामलाल चौधरी, अक्षयलाल, शुभदयाल चौधरी, नन्दकिशोर, मेडा, रामाशीष, जय प्रकाश, छेदी धोबी, मनौवर व अनवर धोबी, सोनू चौधरी, पुनिलाल, रामबली, रामशंकर, शंकर चौधरी आदि ने बताया की खेतो की फसल डूबने के साथ घरो में पानी समाने से पड़ोसियों के घरो में शरण लेना पड़ा है।
जबकि प्रशासनिक महकमे के लोग बाढ़ का मुआयना कर रहे है। लेकिन अभी किसी प्रकार संसाधन या मदद नहीं पहुंचायी गई। वही पानी की अभी रफ्तार तेज होने से सामुदायिक भवन, आंगन बाड़ी केंद्र का परिसर में पानी भरने लगा है। चौसा बीडीओ अशोक कुमार व सीओ डॉ. शोभा ने बाढ़ प्रभावित सिकरौल, बनारपुर आदि गांवों का निरीक्षण किया तथा लोगों को जरूरी एहतियात बरतने की नसीहत दी गई। बीडीओ तथा सीओ ने कहा कि बाढ़ की चुनौती से निपटने की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है।
बक्सर में डूबे गंगा घाट, गंगा स्नान व नौका परिचालन पर लगी रोक
वही दूसरी तरफ बक्सर में गंगा का रौद्र रूप जारी है। सोमवार की शाम केन्द्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार पानी खतरे के निशान के करीब पहुंच गया था तथा जल स्तर बढ़ने का रफ्तार तीन सेमी प्रति घंटा था। बक्सर में रामरेखा घाट स्थित विवाह मंडप के अलावे मरीन ड्राइव भी डूब गया है। रामरेखा घाट, जहाज घाट, सुमेश्वर स्थान घाट, नाथ बाबा घाट आदि घाटों की सीढ़िया भी डूब गई है। प्रशासन ने लोगों को गंगा स्नान करने तथा गंगा के तट पर जाने से रोक लगा दिया है।
जबकि नौकाओं का परिचालन भी रोक दिया गया है। एहतियात के तौर पर सरकारी नावों का परिचालन कराया जा रहा है। इस दौरान घाटों पर प्रशिक्षित गोताखोरों को तैनात किया गया है। जिला प्रशासन की मानें तो यदि पानी का बढ़ना जारी रहा तो एसडीआरएफ की तैनाती भी की जाएगी। गंगा का जल स्तर लगातार बढ़ने से तटीय इलाके के लोगों की चिंता बढ़ गई है। हालांकि, अभी भी वर्ष 2013 में आई भयंकर बाढ़ से गंगा का जल स्तर काफी नीचे है। लेकिन, लगातार पानी बढ़ने से लोगों की चिंता भी बढ़ने लगी है।
दियारा इलाके में बाढ़ के पानी से घिरा एक दर्जन गांव, एसडीओ ने लिया जायजा
गंगा के खतरें के निशान से उपर उठने के साथ ही दियारा इलाके के लोगों की मुश्किलें बढ़ गई है। सिमरी, चक्की तथा ब्रह्मपुर प्रखंड के एक दर्जन से अधिक गांव बाढ़ से घिर गए है तथा उनक मुख्यालय से संपर्क टूट गया है। कोईलवर तटबंध तक बाढ़ का पानी आ चुका है। जिस कारण सिमरी प्रखंड का तवक्कल राय का डेरा, रामदास राय के डेरा, श्रीकांत का डेरा, ठगनी के डेरा, दली के डेरा, तिलक राय के हाता, लाल सिंह के डेरा, चक्की प्रखंड का जवही दियर, ब्रह्मपुर प्रखंड के नैनीजोर तथा ढाबी में बाढ़ का पानी लोगों की परेशानी का कारण बन चुका है। इन गांवों का उत्तरी हिस्सा बाढ़ से घिर गए है, वही इन गांवों के दक्षिणी भाग भी बाढ़ की चपेट में आने लगा है। गंगा का जल स्तर बढ़ने से सबसे अधिक ढाबी गांव प्रभावित हुआ है।
प्रशासन ने उपलब्ध कराए नाव व गोताखोर
सिमरी प्रखंड में अनुमंडल प्रशासन की तरफ से लोगों की सुविधा के लिए गंगौली के पास आठ छोटी नाव व एक बड़ी नाव के अलावे प्रशिक्षित गोताखोर तथा लाईफ जैकेट की व्यवस्था की गई है, इसके अलावे ब्रह्मपुर के ढाबी में भी दो नाव उपलब्ध कराए गए है। ताकी ग्रामीणों को आवागमन में असुविधा न हो सकें। वही, दियारे इलाके के सभी एपीएचसी में जरूरी दवाओं के साथ मेडिकल टीम को 24 घंटे उपलब्ध रहने का निर्देश दिया गया है।
एसडीओ ने किया निरीक्षण
सोमवार को डुमरांव एसडीओ राकेश कुमार ने बाढ़ प्रभावित ब्रह्मपुर प्रखंड के नैनीजोर, ढाबी, चक्की के जवही, सिमरी के गंगौली, रामदास राय के डेरा, श्रीकांत के डेरा, तवक्कल राय के डेरा तथा केशोपुर गांव का निरीक्षण किए। इस दौरान ब्रह्मपुर में कोईलवर तटबंध पर दरार देख एसडीओ काफी नाराज दिखे तथा मातहतों को तत्काल मरम्मत कराने का निर्देश दिए। वही, उन्होंने सिमरी, चक्की तथा ब्रह्मपुर सीओ व बीडीओ को बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के लोगों के लिए जरूरी सुविधाएं मुहैया कराने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि लोगों को किसी तरह की असुविधा न हो इस बात का ख्याल रखा जाए। सिमरी में निरीक्षण के दौरान स्थानीय सीओ भगवती शंकर पांडेय मौजूद थे।
कोलिया बसगितिया ताल में भी बढ़ने लगा पानी
गंगा का जल स्तर बढ़ने से सहायक नदियों में भी पानी बढ़ने लगा है। नया भोजपुर के उत्तरी छोर से बहने वाली कोलिया बसगितिया ताल में पानी बढ़ने लगा है। इस ताल में पानी बढ़ने से सैकड़ो एकड़ में लगी फसल डूब गई है। हालांकि, अभी पानी बहुत कम है, लेकिन सोमवार को पानी जिस रफ्तार से बढ़ रहा था, यदि वही रफ्तार जारी रहा तो मंगलवार को मुकुदपुर गांव जाने का मार्ग भी अवरूद्ध हो जाएगा। वही, नया भोजपुर डुमरी पथ पर भी दबाव बढ़ जाएगा। कोलिया बसगितिया ताल में पानी बढ़ने से नया भोजपुर तथा पुराना भोजपुर के किसानों में मायूशी हैं। बता दें कि इस ताल में सैकड़ो एकड़ में धान की खेती व मक्के के साथ ही भदया सब्जी की खेती भी बड़े पैमाने पर होती है। पानी बढ़ने से फसल डूबने लगी है। जिस कारण किसानों की चिंता बढ़ गई है।
खतरें के निशान से 78 सेमी उपर पहुंचा जल स्तर
केन्द्रीय जल आयोग ने सोमवार की शाम छह बजे जो रिपोर्ट दी है, उसके अनुसार जल स्तर 60.110 मीटर पर पहुंच गया था, जो खतरे के निशान से 78 सेमी उपर है। वही जल स्तर बढ़ने का रफ्तार तीन सेमी प्रति घंटा है। इसके पहले सुबह आठ बजे जल स्तर दो सेमी प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा था, जबकि दोपहर 12 बजे से जल स्तर बढ़ने का रफ्तार 3 सेमी प्रतिघंटा हो गया था।