साजिश के तहत मुझपर आरोप लगाया गया है - भाग्यमनी देवी
- बोली निवर्तमान चेयरमैन मेरे पास नहीं था वित्तीय प्रभार, पूर्व ईओ ने की थी निकासी
केटी न्यूज/डुमरांव
डुमरांव नगर परिषद के निवर्तमान चेयरमैन भाग्यमनी देवी ने अपने उपर हुए एफआईआर को साजिश के तहत की गई कार्रवाई बताया है। उन्होंने कहा कि उनके उपर लगे आरोप बेबुनियाद है। उन्होंने कहा कि सीडब्लूजेसी संख्या 4704/21 28 अप्रैल 2021 को पारित आदेश में माननीय हाईकोर्ट द्वारा पारित आदेश में नगर विकास एवं आवास विभाग को याचिकाकर्ता विभा देवी द्वारा लगाए आरोप की जांच कर उचित कार्रवाई का निर्देश दिया गया था। भाग्यमनी ने बताया है कि अपर समाहर्ता व एसडीओ के जांच प्रतिवेदन में उन्हें कही से भी दोषी नहीं ठहराया गया है। लेकिन विभाग के उप सचिव राहुल वर्मन द्वारा उनपर एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया गया है। उन्होंने अपने उपर लगे आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि कोविड-19 के संबंध में सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देश के तहत दिनांक 3 जनवरी 2020, 24 मार्च 2020, 6 जून, 24 सितंबर तथा 29 सितंबर को मैने ससमय साधारण एवं सशस्क स्थायी समिति की बैठक करवाई थी। उन्होंने कहा कि बिहार नगर पालिका अधिनियम की धारा 82 ( 1 ) के तहत मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी को प्राक्कल बजट तैयार करना होता था। लेकिन कार्यपालक पदाधिकारी द्वारा बजट प्राक्कल तैयार नहीं किया गया था। निवर्तमान पार्षद ने बिना प्राक्कल बजट के निकासी व व्यय पर जबाव देते हुए कही कि उनके द्वारा किसी भी तरह के भुगतान हेतु संचिका पर हस्ताक्षर नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि मेरे पास किसी भी तरह का वित्तीय प्रभार भी नहीं था। उन्होंने कहा कि उनका फर्जी हस्ताक्षर दिखा राशि की निकासी की गई है।
फर्जीवाड़े के खिलाफ चेयरमैन ने दर्ज कराया है रीट याचिका
भाग्यमनी ने बताया कि फर्जीवाड़े तथा मनमानी के खिलाफ मैने नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव, बक्सर डीएम, डुमरांव नगर परिषद की ईओ को पार्टी बनाते हुए माननीय पटना हाईकोर्ट में सीडब्लूजेसी नंबर 2752/2023 दर्ज कराई हूं। जो हाई कोर्ट में सुनवाई प्रक्रिया के अधीन है। भाग्यमनी की कहा कि उनके द्वारा न तो नियमों का उल्लंघन किया गया है और न ही अवैध निकासी की गई है। भाग्यमनी ने कहां कि उन्हें संविधान तथा न्यायालय पर पूरा भरोसा है। वे कानून का सम्मान करती है।
पूर्व ईओ पर भी लगते रहे है गंभीर आरोप
निवर्तमान चेयरमैन भाग्यमनी देवी ने इशारे इशारे में ही पूर्व ईओ सुजीत कुमार पर अवैध निकासी का ठिकरा फोड़ा है। नगर परिषद के जानकारों की मानें तो कोविड काल में नगर परिषद द्वारा विभिन्न मदों में मोटी रकम की निकासी की गई थी। सूत्रों की मानें तो यदि गहराई से जांच की गई तो डुमरांव नगर परिषद के पूर्व कार्यपालक पदाधिकारी सुजीत कुमार के साथ ही नगर परिषद के कई संवेदकों तथा कर्मियों की गर्दन फंसनी तय है। वैसे भी ईओ रहते सुजीत कुमार का विवादों से चोली दामन सा साथ रहा है। सवाल तो ये भी है कि नगर परिषद का मुख्य प्रशासन होने के बावजूद उस दौरान हुई निकासी के जिम्मेवार वे कैसे नहीं हो सकते है। सिर्फ चेयरमैन पर एफआईआर दर्ज होने से जांच की प्रक्रिया भी सवालों के घेरे में आ गई है।