बक्सर में शिक्षा विभाग की खेल निराली कल शिक्षिका आज पुरा स्कूल ही गायब, अधिकारी रह गए भौंचके

राज्य सरकार ने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिशन को धरातल पर उतारने तथा शिक्षकों के स्कूल से गायब रहने की प्रवृति में सुधार लाने के लिए बेहद कड़क मिजाज आईएएस अधिकारी केके पाठक को शिक्षा विभाग का सचिव बनाया है। शिक्षा विभाग का सचिव बनते ही वे कई कड़े फैसले लेकर तथा शिक्षकों को विद्यालय में नियमित तौर पर उपस्थित रहने के लिए लगातार स्कूलों की जांच करवा रहे है। ऐप के माध्यम से भी शिक्षकों के उपस्थिति का अनुश्रवण किया जा रहा है। बावजूद शिक्षकों पर कड़क मिजाज सचिव के फरमान का कोई असर नहीं पड़ रहा है। इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है सिमरी अंचल का नवसृजित प्राथमिक विद्यालय दीयां परमेश्वर। इस विद्यालय में सोमवार को स्थापना डीपीओ शारिक असरफ जांच करने पहुंचे थे। सुबह करीब 9.10 तक इस विद्यालय में ताला बंद था। जबकि इस समय तक स्कूलों में चेतना सत्र की शुरूआत हो जाती है।

बक्सर में शिक्षा विभाग की खेल निराली कल शिक्षिका आज पुरा स्कूल ही गायब, अधिकारी रह गए भौंचके

-डीपीओ के जांच में बंद मिला नवसृजित प्राथमिक विद्यालय दीयां परमेश्वर, मठिया

- शनिवार को उपनिदेशक की जांच में बिना डेट वाले आवेदन रख गायब थी एक शिक्षिका

- लगातार हो रहे निरीक्षण के बावजूद नहीं सुधर रही है शिक्षकों की कार्यसंस्कृति
केटी न्यूज/डुमरांव
राज्य सरकार ने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिशन को धरातल पर उतारने तथा शिक्षकों के स्कूल से गायब रहने की प्रवृति में सुधार लाने के लिए बेहद कड़क मिजाज आईएएस अधिकारी केके पाठक को शिक्षा विभाग का सचिव बनाया है। शिक्षा विभाग का सचिव बनते ही वे कई कड़े फैसले लेकर तथा शिक्षकों को विद्यालय में नियमित तौर पर उपस्थित रहने के लिए लगातार स्कूलों की जांच करवा रहे है। ऐप के माध्यम से भी शिक्षकों के उपस्थिति का अनुश्रवण किया जा रहा है। बावजूद शिक्षकों पर कड़क मिजाज सचिव के फरमान का कोई असर नहीं पड़ रहा है। इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है सिमरी अंचल का नवसृजित प्राथमिक विद्यालय दीयां परमेश्वर। इस विद्यालय में सोमवार को स्थापना डीपीओ शारिक असरफ जांच करने पहुंचे थे। सुबह करीब 9.10 तक इस विद्यालय में ताला बंद था। जबकि इस समय तक स्कूलों में चेतना सत्र की शुरूआत हो जाती है। बता दें कि शनिवार को इस स्कूल में विभाग के उपनिदेश अमर भूषण भी जांच करने आए थे। तब इस विद्यालय में एक शिक्षिका मौजूद थी जबकि दूसरी बिना डेट वाले सीएल का आवेदन रख गायब थी तथा उप निदेशक को देखते ही प्रधानाध्यापिका ने उसके आवेदन को 12 अक्टूबर के डेट में स्वीकृत भी कर दिया। जाहिर है यह विद्यालय शिक्षा विभाग के नियमों के बजाय शिक्षकों की मर्जी से संचालित होता है। विद्यालय में ताला बंद देख डीपीओ खासे नाराज दिखे। उन्होंने बताया कि वे विभागीय निर्देश पर ही जांच करने आए थे। लेकिन यहां आने पर विद्यालय में ताला बंद मिला। 

डीपीओ के सामने ग्रामीणों ने खोली कलई
डीपीओ के निरीक्षण के दौरान दर्जनों की संख्या में ग्रामीण मौके पर पहुंच गए। ग्रामीणों ने बताया कि इस स्कूल में दो शिक्षिकाएं है, जिनमें एक ही आती है दूसरी शोभा कुमारी अक्सर गायब रहती है तथा 8-10 दिन में कभी एक बार दिखाई पड़ती है। ग्रामीण का कहना था कि कभी भी एक साथ दोनों शिक्षिकाएं मौजूद नहीं रहती है। जिसका असर विद्यालय के पठन पाठन पर पड़ता है। बता दें कि यह एक शिक्षकीय विद्यालय है जहां नीलम कुमारी की नियुक्ति की गई है। वही इस विद्यालय की प्रधानाध्यापिका भी है। वही शोभा कुमारी यहां प्रतिनियोजन पर है। वह भी तब जब शिक्षा सचिव ने सभी तरह के षिक्षकों का प्रतिनियोजन रद्द करने का आदेश दिया था तथा उस आदेश के आलोक में डीईओ ने शिक्षकों के प्रतिनियोजन रद्द करने की चिट्ठी जारी की थी। बावजूद शोभा कुमारी का प्रतिनियोजन रद्द नहीं होना कई सवाल खड़े कर रहा है। 
शिक्षिकाओं पर विभागीय कार्रवाई की करेंगे अनुशंसा - डीपीओ
निर्धारित समय से विद्यालय नहीं खुलना गंभीर मामला है। उक्त विद्यालय में तैनात दोनों शिक्षिकाओं के वेतन पर तत्काल रोक लगाई गई है। जांच प्रतिवेदन के साथ विद्यालय में ताला बंद होने का वीडियो फुटेज भेज वरीय अधिकारियों से लापरवाह शिक्षिकाओं पर विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा की जाएगी।