केशव टाइम्स इंपैक्ट: हाउसकीपिंग घोटाले पर प्रशासनिक प्रहार, रद्द हुआ फर्स्ट आइडिया का चयन

बक्सर जिले के सरकारी विद्यालयों में साफ-सफाई (हाउसकीपिंग) कार्य को लेकर लंबे समय से चल रहा विवाद अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच गया है। केशव टाइम्स द्वारा लगातार उठाए गए सवालों और तथ्यों के साथ चलाए गए अभियान का बड़ा असर सामने आया है। जिला प्रशासन ने नियमविरुद्ध तरीके से चयनित हाउसकीपिंग एजेंसी एम/एस फर्स्ट आइडिया डिजिटल एप्लीकेशंस प्राइवेट लिमिटेड का चयन रद्द करते हुए उसे कार्य से हटा दिया है। इसके साथ ही निविदा प्रक्रिया से विधिवत चयनित एजेंसी एम/एस जेकेएसबी स्किल्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को पुनः डुमरांव, नावानगर और इटाढ़ी प्रखंडों में साफ-सफाई का कार्य सौंप दिया गया है।

केशव टाइम्स इंपैक्ट: हाउसकीपिंग घोटाले पर प्रशासनिक प्रहार, रद्द हुआ फर्स्ट आइडिया का चयन

-- फर्स्ट आइडिया बाहर, जेकेएसबी की वापसी, शिक्षा माफिया और मिलीभगत पर चलेगा शिकंजा

-- नियमों को ताक पर रखकर दिया गया था काम, जांच में खुली परतें, सांसद के हस्तक्षेप और मीडिया के दबाव में कार्रवाई

-- दोषी अधिकारियों की पहचान कर एक सप्ताह में होगी कार्रवाई

केटी न्यूज/बक्सर

बक्सर जिले के सरकारी विद्यालयों में साफ-सफाई (हाउसकीपिंग) कार्य को लेकर लंबे समय से चल रहा विवाद अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच गया है। केशव टाइम्स द्वारा लगातार उठाए गए सवालों और तथ्यों के साथ चलाए गए अभियान का बड़ा असर सामने आया है। जिला प्रशासन ने नियमविरुद्ध तरीके से चयनित हाउसकीपिंग एजेंसी एम/एस फर्स्ट आइडिया डिजिटल एप्लीकेशंस प्राइवेट लिमिटेड का चयन रद्द करते हुए उसे कार्य से हटा दिया है। इसके साथ ही निविदा प्रक्रिया से विधिवत चयनित एजेंसी एम/एस जेकेएसबी स्किल्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को पुनः डुमरांव, नावानगर और इटाढ़ी प्रखंडों में साफ-सफाई का कार्य सौंप दिया गया है।यह फैसला न केवल प्रशासनिक पारदर्शिता की जीत माना जा रहा है, बल्कि इससे शिक्षा विभाग में सक्रिय कथित माफिया और अधिकारियों की मिलीभगत पर भी गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।

-- निविदा प्रक्रिया की खुली धज्जियां

दरअसल, वर्ष 2023 में राज्य स्तर से जारी निविदा के तहत बक्सर जिले के बक्सर, चौसा, नावानगर, इटाढ़ी और डुमरांव प्रखंडों में सरकारी विद्यालयों की साफ-सफाई का कार्य जेकेएसबी स्किल्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को मिला था। एजेंसी ने कार्य प्रारंभ भी कर दिया था और विधिवत एकरारनामा (एग्रीमेंट) संपन्न हुआ था।इसी बीच नवंबर 2023 में तत्कालीन जिला शिक्षा पदाधिकारी अनिल द्विवेदी द्वारा जेकेएसबी स्किल्स इंडिया और आरएस एंटरप्राइजेज को शोकॉज जारी किया गया। हैरानी की बात यह रही कि शोकॉज की प्रक्रिया पूरी होने से पहले ही, बिना किसी वैधानिक आदेश के, डुमरांव, नावानगर और इटाढ़ी प्रखंडों का कार्य फर्स्ट आइडिया डिजिटल को सौंप दिया गया। न तो जेकेएसबी का अनुबंध रद्द किया गया और न ही उसे कार्यमुक्त करने का कोई आदेश जारी हुआ।

-- जांच में सामने आई सुनियोजित साजिश

कार्य आवंटन में हुई इस गड़बड़ी का मामला जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति (दिशा) की बैठक तक पहुंचा। इसके बाद सांसद सुधाकर सिंह के पत्र पर जिलाधिकारी ने तीन सदस्यीय प्रशासनिक जांच समिति का गठन किया। जांच में यह चौंकाने वाला तथ्य सामने आया कि जेकेएसबी को शोकॉज देने के पांच दिन पहले ही फर्स्ट आइडिया से डुमरांव, नावानगर और इटाढ़ी के लिए सहमति पत्र ले लिया गया था और उसे वर्क ऑर्डर भी दे दिया गया था।जांच रिपोर्ट में स्पष्ट कहा गया कि फर्स्ट आइडिया का चयन पूरी तरह नियमविरुद्ध है और यह नैसर्गिक न्याय के सिद्धांतों का उल्लंघन है। न तो कार्य आवंटन का कोई ठोस आधार था और न ही कोई वैध अभिलेख।

-- केशव टाइम्स का अभियान बना निर्णायक

इस पूरे मामले में केशव टाइम्स ने लगातार तथ्यात्मक रिपोर्टिंग करते हुए सवाल उठाए कि किसके संरक्षण में नियमों को दरकिनार कर एक ऐसी एजेंसी को लाभ पहुंचाया गया, जिसने निविदा प्रक्रिया में भाग तक नहीं लिया था। मीडिया के दबाव और जनप्रतिनिधियों के हस्तक्षेप के बाद प्रशासन को जांच और कार्रवाई के लिए मजबूर होना पड़ा।

-- शिक्षा माफिया और अधिकारियों की मिलीभगत पर सवाल

सूत्रों के अनुसार, इस पूरे खेल में कथित शिक्षा माफिया अजय सिंह और अरविंद सिंह की भूमिका को लेकर भी गंभीर आरोप लगे हैं। आरोप है कि इनके दबाव में विभागीय अधिकारियों ने नियमों को ताक पर रखकर फर्स्ट आइडिया को काम सौंपा। हालांकि आदेश में सीधे नाम नहीं लिए गए हैं, लेकिन कार्रवाई से यह साफ हो गया है कि मामला केवल प्रशासनिक लापरवाही का नहीं, बल्कि सुनियोजित मिलीभगत का है।

-- डीईओ का सख्त आदेश, दोषियों पर गिरेगी गाज

जिला शिक्षा पदाधिकारी संदीप रंजन ने ज्ञापांक 1007, दिनांक 16.12.2025 को जारी आदेश में फर्स्ट आइडिया के साथ किया गया एकरारनामा रद्द करते हुए जेकेएसबी स्किल्स इंडिया को पुनः कार्य सौंपने का निर्देश दिया है। साथ ही आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि फर्स्ट आइडिया द्वारा यदि किसी अवधि में संतोषजनक कार्य किया गया हो, तो नियमानुसार भुगतान पर विचार किया जाएगा।सबसे अहम बात यह है कि डीईओ ने कार्य आवंटन में अनियमितता करने वाले अधिकारियों और कर्मियों की पहचान कर एक सप्ताह के भीतर कार्रवाई करने का आदेश दिया है। इससे संकेत मिलते हैं कि आने वाले दिनों में शिक्षा विभाग में और भी बड़े प्रशासनिक कदम उठाए जा सकते हैं।वहीं, विभागीय सूत्रों का कहना है कि इस खेल में तत्कालीन जिला शिक्षा पदाधिकारी अनिल कुमार द्विवेदी व डीपीओ नाजिश अली की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है। अब देखना है कि विभाग द्वारा दोषी अधिकारियों पर क्या कार्रवाई की जा रही है।

-- पारदर्शिता की जीत, मीडिया की भूमिका साबित

यह पूरा प्रकरण इस बात का प्रमाण है कि जब मीडिया जनहित में सजग भूमिका निभाती है और जनप्रतिनिधि आवाज उठाते हैं, तो व्यवस्था को जवाबदेह होना ही पड़ता है। केशव टाइम्स का यह इंपैक्ट न केवल शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता की जीत है, बल्कि उन अधिकारियों और माफियाओं के लिए भी कड़ा संदेश है जो नियमों से ऊपर खुद को समझते हैं।