कोरानसराय थाना कांड : मृतक के बेटे के बयान पर विधायक-एसडीपीओ व थानेदार समेत 17 पर दर्ज हुआ एफआईआर
- 15 नवंबर की रात कोपवां के यमुना सिंह ने थाना परिसर में लगाई थी फांसी
- थानाध्यक्ष व एसडीपीओ पर प्रताड़ित करने तथा विधायक पर दबाव बनाने का है आरोप
- मामले में निलंबित थानाध्यक्ष अब भी भूमिगत
केटी न्यूज/बक्सर /डुमरांव
कोरान सराय थाना में बंदी के फांसी लगाने के मामले में आखिरकार एसपी नीरज कुमार सिंह के निर्देश पर एफआईआर दर्ज कर लिया गया है। दर्ज एफआईआर में डुमरांव विधायक डॉ. अजित कुशवाहा, प्रभारी डीएसपी कुमार वैभव, निलंबित थानाध्यक्ष जुनैद आलम, एएसआई गंगा दयाल ओझा, सिपाही मृत्युंजय कुमार, शुभम कुमार, चौकीदार कृष्णा कुमार सहित कोपवां के 11 ग्रामीणों समेत कुल 17 लोगों को आरोपी बनाया गया है। जिसमें निलंबित थानाध्यक्ष व प्रभारी डीएसपी के साथ ही गिरफ्तार करने गई पुलिस टीम व चौकीदार पर दुर्व्यवहार व मारपीट कर आत्महत्या के लिए मजबूर करने, विधायक पर दबाव बनवा उन्हें गिरफ्तार कराने तथा ग्रामीणों पर भी एससी/एसटी ऐक्ट में दर्ज मुकदमे को वापस लेने के लिए दस लाख रुपए मांगने तथा लगातार मानसिक दबाव बनाने का आरोप लगाया गया है। एफआईआर दर्ज होने के बाद कोरानसराय के निलंबित थानेदार की मुश्किलें और बढ़ गई है।
बताया जाता है कि 15 नवंबर को कोरानसराय पुलिस ने कोपवां गांव से एससी/एसटी ऐक्ट के आरोपी 70 वर्षीय यमुना सिंह को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के दौरान पुलिस टीम द्वारा उनके साथ मारपीट व दुर्व्यहार भी किया गया था। जिससे आहत होकर यमुना सिंह ने सिंह ने रात में कोरानसराय थाना परिसर के कंप्यूटर कक्ष में फांसी लगा अपनी जान दे दी थी। 17 अक्टूबर को मृतक के पुत्र अरूण कुमार सिंह उर्फ पिंटू सिंह ने एसपी को आवेदन देकर विधायक, एसडीपीओ, निलंबित थानाध्यक्ष, गिरफ्तार करने गई पुलिस टीम, चौकीदार तथा 11 ग्रामीणों का आरोपित करते हुए आवेदन दिया था तथा बताया था कि इनलोगों की प्रताड़ना से परेशान होकर ही मेरे पिता ने फांसी लगा आत्महत्या कर ली है। अरूण ने बताया था कि उनके आत्महत्या करने की जानकारी भी पुलिस द्वारा नहीं दी गई थी। इस मामले में कोरानसराय थाने में दफा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाने) तथा 385 पैसा के लिए दबाव बनाने सहित कई अन्य धाराओं में एफआईआर दर्ज कराया गया है।
शीघ्र हो जुनैद आलम की गिरफ्तारी :विभोर
युवा नेता तथा सिकरौल पंचायत के पूर्व मुखिया विभोर द्विवेदी ने कोरानसराय थाना के निलंबित थानाध्यक्ष जुनैद आलम को शीघ्र गिरफ्तार करने तथा उनके मोबाईल का सीडीआर खंगालने की मांग एसपी नीरज कुमार सिंह से की है। उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले में सबसे अधिक दोषी निलंबित थानाध्यक्ष ही है। बिना पर्यवेक्षण के एक बुजुर्ग को गिरफ्तार करने के साथ ही उनके साथ दुर्व्यवहार करना यह साबित करता है कि वे दुर्भावना से ग्रसित हो उन्हें गिरफ्तार करने पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि यदि उनकी गिरफ्तारी जल्दी नहीं होती है तो चरणबद्ध आंदोलन किया जाएगा।
माले विधायक पर दर्ज मुक़दमा भाजपाई साजिश
वहीं, दूसरी तरफ माले नेता नवीन कुमार ने एक प्रेस बयान जारी कर विधायक पर मुकदमा दर्ज करने की पार्टी ने कड़े शब्दों में निंदा की है। उन्होंने बताया है कि ये मुकदमा पूरी तरह फर्जी है और भाजपाई साजिश है। जनता के सम्मान और अधिकार के लिए भाकपा (माले) अपने जन्म काल से ही लड़ती आयी है। भाजपा से जुड़े कुछ लोगों ने अपने व्यक्तिगत राजनीतिक लाभ के लिए मृतक के परिजनों द्वारा भाकपा माले के डुमराँव विधायक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।