डायट डुमरांव में भाषा शिक्षा को नई उड़ान, प्राथमिक शिक्षकों के लिए एमआईपी कोर्स का भव्य शुभारंभ

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के उद्देश्यों को धरातल पर उतारने की दिशा में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट), डुमरांव में एक महत्वपूर्ण पहल की गई। डायट के माध्यम से जिले के शैक्षणिक सशक्तिकरण हेतु ‘माइक्रो-लर्निंग एंड इम्प्रूवमेंट प्रोग्राम (एमआईपी)’ के अंतर्गत प्राथमिक शिक्षकों के लिए प्रिंट एवं संवाद आधारित भाषा विकास परियोजना का विधिवत शुभारंभ किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन हाइब्रिड मोड में हुआ, जिसका सीधा प्रसारण यूट्यूब पर भी किया गया।

डायट डुमरांव में भाषा शिक्षा को नई उड़ान, प्राथमिक शिक्षकों के लिए एमआईपी कोर्स का भव्य शुभारंभ

-- राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत प्रिंट व संवाद आधारित भाषा विकास पर जोर, यूट्यूब लाइव से जुड़े सैकड़ों शिक्षक

केटी न्यूज/डुमरांव

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के उद्देश्यों को धरातल पर उतारने की दिशा में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट), डुमरांव में एक महत्वपूर्ण पहल की गई। डायट के माध्यम से जिले के शैक्षणिक सशक्तिकरण हेतु ‘माइक्रो-लर्निंग एंड इम्प्रूवमेंट प्रोग्राम (एमआईपी)’ के अंतर्गत प्राथमिक शिक्षकों के लिए प्रिंट एवं संवाद आधारित भाषा विकास परियोजना का विधिवत शुभारंभ किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन हाइब्रिड मोड में हुआ, जिसका सीधा प्रसारण यूट्यूब पर भी किया गया।कार्यक्रम का उद्घाटन जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, सर्व शिक्षा अभियान, चंदन कुमार द्विवेदी ने किया। उन्होंने कहा कि यह एमआईपी बक्सर जिले की शैक्षणिक आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है।

सभी शिक्षक दीक्षा प्लेटफॉर्म से नामांकन कर इस कोर्स को पूर्ण करें और इसे अपने विद्यालयों में प्रभावी रूप से लागू करें, ताकि बच्चों को सीधा लाभ मिल सके। उन्होंने यह भी बताया कि कोर्स की सतत मॉनिटरिंग जिला व प्रखंड स्तर पर की जाएगी और गुरु गोष्ठियों में इसकी प्रगति की समीक्षा होगी, जिससे बक्सर को ‘लीडिंग डिस्ट्रिक्ट’ के रूप में स्थापित किया जा सके।डायट डुमरांव के प्राचार्य विवेक कुमार मौर्य ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि यह एमआईपी प्राथमिक स्तर पर भाषा कौशल के विकास के लिए शिक्षकों को समृद्ध समझ प्रदान करेगा। कोर्स के माध्यम से शिक्षक सरल, सहज और प्रभावी शिक्षण पद्धतियों को अपनाकर कक्षा में बेहतर परिणाम ला सकेंगे।

कोर्स समन्वयक-सह-मेंटर नवनीत कुमार सिंह ने कोर्स की संरचना और विभिन्न चरणों की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह कोर्स बक्सर दीक्षा तकनीकी टीम और जिले के शिक्षकों के संयुक्त प्रयास से तैयार किया गया है, जो शिक्षकों की क्षमता संवर्धन में मील का पत्थर साबित होगा।राज्य तकनीकी टीम के नीरज दास गुरु ने कहा कि प्रिंट एवं संवाद आधारित मौखिक भाषा विकास का मुख्य उद्देश्य बच्चों की सुनने, बोलने और संवाद करने की क्षमता को मजबूत करना है। प्रिंट सामग्री बच्चों को भाषा के मानक स्वरूप से परिचित कराकर उनके संप्रेषण कौशल को सशक्त बनाती है।

कोर्स क्रिएटर डॉ. दिनेश कुमार सिंह ने बताया कि संवाद आधारित गतिविधियों कहानी, कविता, गीत और नाटक के माध्यम से बच्चे भाषा को सहज रूप से सीखते हैं, जो उनके बौद्धिक, सामाजिक और भावनात्मक विकास की मजबूत नींव रखता है।कार्यक्रम का धन्यवाद ज्ञापन व्याख्याता भूपेंद्र सिंह यादव ने किया। इस अवसर पर डायट के सभी व्याख्याता, प्रशिक्षु, समग्र शिक्षा कार्यालय के पदाधिकारी और बक्सर जिले के सैकड़ों शिक्षक ऑनलाइन एवं यूट्यूब लाइव के माध्यम से जुड़े रहे।