राष्ट्रीय लोजपा के सुप्रीमो पशुपति कुमार पारस पर आई भारी मुसीबत

पूर्व केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय लोजपा के सुप्रीमो पशुपति कुमार पारस को भवन निर्माण विभाग ने एक आदेश जारी किया है।आदेश के तहत सात दिन के अंदर राष्ट्रीय लोजपा के कार्यालय वाला सरकारी बंगला खाली करने को कहा है।

राष्ट्रीय लोजपा के सुप्रीमो पशुपति कुमार पारस पर आई भारी मुसीबत
Pashupati Kumar Paras

केटी न्यूज़/बिहार

पूर्व केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय लोजपा के सुप्रीमो पशुपति कुमार पारस को भवन निर्माण विभाग ने एक आदेश जारी किया है।आदेश के तहत सात दिन के अंदर राष्ट्रीय लोजपा के कार्यालय वाला सरकारी बंगला खाली करने को कहा है। 22 अक्टूबर को भी भवन निर्माण विभाग के संयुक्त सचिव की तरफ से एक पत्र जारी कर कहा गया था।जिसमे कहा था 15 दिनों के अंदर दफ्तर खाली किया जाए, लेकिन बंगला खाली नहीं किया गया। अब विभाग की तरफ से साफ कर दिया गया है कि यदि निर्धारिस समयसीमा पर बंगला खाली नहीं हुआ तो उसे जबरन खाली कराया जाएगा।

भवन निर्माण विभाग की तरफ से जारी पत्र में कहा गया है कि राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी को निर्देश दिया जाता है कि आदेश प्राप्ति के 7 दिन के भीतर 1 व्हीलर रोड, शहीद पीर अली खान मार्ग, पटना स्थित आवास को खाली किया जाए। निर्धारित समय सीमा के भीतर अगर आवास खाली नहीं किया जाता है तो बाध्य होकर बलपूर्वक आवास को खाली कराया जाएगा।

30 जून 2006 को लोक जनशक्ति पार्टी को कार्यालय के लिए सरकारी बंगला आवंटित किया गया था। नोटिस को लेकर राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी की तरफ से कहा गया कि हाई कोर्ट में मामला लंबित है, लेकिन विभाग का कहना है कि कोर्ट ने इस पर किसी तरह का स्टे नहीं लगाया है। बंगला राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी को नहीं, बल्कि लोक जनशक्ति पार्टी को आवंटित किया गया था। ऐसे में राष्ट्रीय लोजपा का इस भवन से कोई सरोकार नहीं है।

रामविलास पासवान के निधन के बाद जून 2021 में लोक जनशक्ति पार्टी टूट गई थी। पुशपति पारस सहित पार्टी के पांच सांसद अलग हो गए थे और चिराग पासवान को पार्टी के सभी पदों से हटा दिया था। इसके साथ ही राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी का गठन हुआ, जिसमें लोक जनशक्ति पार्टी के सभी बड़े नेता शामिल थे। वहीं अब  पशुपति पारस सब कुछ खो चुके हैं और अब पार्टी कार्यालय भी उनसे छिनने जा रहा है।