नई शिक्षा नीति पर राष्ट्रीय सेमिनार, बदलते दौर में कौशल आधारित शिक्षा की जरूरत पर विशेषज्ञों ने रखे विचार
प्रखंड के तियरा स्थित प्रहलाद राय टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज के सभागार में शनिवार को एक दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती वंदना और राष्ट्रगान से हुई। प्रशिक्षु शिक्षकों द्वारा प्रस्तुत स्वागत गीत ने अतिथियों का अभिवादन किया। कॉलेज के सचिव डॉ. मनोज कुमार ने सभी विशिष्ट अतिथियों को अंगवस्त्र और बुके देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कॉलेज की प्राचार्या डॉ. रामा कुमारी तथा संचालन सहायक प्राध्यापक सुनील कुमार यादव ने किया। सेमिनार की औपचारिक शुरुआत कॉलेज द्वारा प्रकाशित स्मारिका के विमोचन से हुई।
-- तियरा के प्रहलाद राय टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज में आयोजित सेमिनार में देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों के शिक्षा विशेषज्ञ हुए शामिल
केटी न्यूज/राजपुर
प्रखंड के तियरा स्थित प्रहलाद राय टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज के सभागार में शनिवार को एक दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती वंदना और राष्ट्रगान से हुई। प्रशिक्षु शिक्षकों द्वारा प्रस्तुत स्वागत गीत ने अतिथियों का अभिवादन किया। कॉलेज के सचिव डॉ. मनोज कुमार ने सभी विशिष्ट अतिथियों को अंगवस्त्र और बुके देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कॉलेज की प्राचार्या डॉ. रामा कुमारी तथा संचालन सहायक प्राध्यापक सुनील कुमार यादव ने किया। सेमिनार की औपचारिक शुरुआत कॉलेज द्वारा प्रकाशित स्मारिका के विमोचन से हुई।

मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय, आरा के कुलपति डॉ. रामकृष्ण ठाकुर ने बदलते समय में शिक्षा के स्वरूप पर प्रकाश डालते हुए कहा कि तकनीकी विकास के साथ शिक्षा का स्तर निरंतर उन्नत हो रहा है। ऐसे में शिक्षकों और छात्रों दोनों को नई शैक्षणिक चुनौतियों के अनुरूप खुद को तैयार करना होगा।
आर्यभट्ट विश्वविद्यालय के शिक्षाविद् डॉ. ज्ञानदेवमणि त्रिपाठी ने नई शिक्षा नीति 2020 को समय की जरूरत बताया। उन्होंने कहा कि अब छात्रों को पारंपरिक शिक्षा के साथ कौशल आधारित सीख उपलब्ध कराना अनिवार्य है। एआई के इस युग में पाठ योजना और शिक्षण पद्धति को भी आधुनिक स्वरूप देना होगा। उन्होंने भारतीय स्वाध्याय परंपरा को जीवंत रखने पर भी जोर दिया।

वहीं, असम से आए केंद्रीय विश्वविद्यालय मणिपुर के प्रोफेसर डॉ. टी. इन्ना बोई सिंह ने एनईपी 2020 को छात्रों के लिए लाभकारी बताते हुए कहा कि मातृभाषा में प्राइमरी स्तर पर शिक्षा प्रारंभ करने की पहल अत्यंत सकारात्मक है। इससे बच्चों में सीखने की क्षमता और मूलभूत समझ मजबूत होती है।
एनसीईआरटी के पूर्व निदेशक डॉ. हृषिकेश सेनापति ने कहा कि नई शिक्षा नीति देश को ‘सुपर नॉलेज पावर’ बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। भारत की प्राचीन ज्ञान परंपरा और आधुनिक शिक्षा का संगम आने वाले समय में वैश्विक पहचान को और मजबूत करेगा। उन्होंने कहा कि बिहार शिक्षा के क्षेत्र में समृद्ध इतिहास रखता है, पर नई चुनौतियों के अनुरूप अभी और सुधारों की आवश्यकता है।कार्यक्रम में डॉ. जयप्रकाश, डॉ. मोहिनी कुमारी, डॉ. उषा सिंह, रविंद्र कुमार सिंह, जितेंद्र बहादुर सिंह, रामवीर सिंह सहित अनेक शिक्षाविद् और प्रशिक्षु शिक्षक उपस्थित रहे।
