शिक्षक दरबार में नौ शिक्षकों ने रखी अपनी समस्याएं, अधिकारियों ने दिया समाधान का आश्वासन

शिक्षा विभाग के दिशा-निर्देश के अनुरूप प्रखंड संसाधन केंद्र परिसर में शनिवार को शिक्षक दरबार का आयोजन किया गया। शिक्षक दरबार का नेतृत्व एमडीएम बीआरपी अनिल कुमार ने किया। कार्यक्रम में प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न विद्यालयों में कार्यरत नौ शिक्षक शामिल हुए, जिन्होंने अपने-अपने विद्यालय से जुड़े मुद्दों तथा व्यक्तिगत सेवा से संबंधित समस्याओं पर आवेदन प्रस्तुत किया। शिक्षकों ने वेतन विसंगति, लंबित भुगतान, अवकाश स्वीकृति, एमडीएम से जुड़ी समस्याएं, कार्यभार अधिक होने तथा संसाधनों की कमी जैसे प्रमुख बिंदुओं पर अपनी बात रखी।

शिक्षक दरबार में नौ शिक्षकों ने रखी अपनी समस्याएं, अधिकारियों ने दिया समाधान का आश्वासन

केटी न्यूज/केसठ

शिक्षा विभाग के दिशा-निर्देश के अनुरूप प्रखंड संसाधन केंद्र परिसर में शनिवार को शिक्षक दरबार का आयोजन किया गया। शिक्षक दरबार का नेतृत्व एमडीएम बीआरपी अनिल कुमार ने किया। कार्यक्रम में प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न विद्यालयों में कार्यरत नौ शिक्षक शामिल हुए, जिन्होंने अपने-अपने विद्यालय से जुड़े मुद्दों तथा व्यक्तिगत सेवा से संबंधित समस्याओं पर आवेदन प्रस्तुत किया। शिक्षकों ने वेतन विसंगति, लंबित भुगतान, अवकाश स्वीकृति, एमडीएम से जुड़ी समस्याएं, कार्यभार अधिक होने तथा संसाधनों की कमी जैसे प्रमुख बिंदुओं पर अपनी बात रखी।

अधिकारियों ने सभी समस्याओं को गंभीरता से सुना और प्रत्येक आवेदन को प्राथमिकता के आधार पर निपटाने का आश्वासन दिया। इस दौरान उपस्थित पदाधिकारियों ने कहा कि शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ एवं सुचारू रखने के लिए शिक्षकों की समस्याओं का समय पर समाधान आवश्यक है।एमडीएम बीआरपी अनिल कुमार ने बताया कि शिक्षक दरबार का मुख्य उद्देश्य शिक्षकों के लंबित मामलों का त्वरित निपटारा कर उन्हें बेहतर कार्य वातावरण उपलब्ध कराना है। उन्होंने कहा कि सभी नौ शिक्षकों द्वारा दिए गए आवेदनों की जांच की जाएगी और उचित कार्रवाई कर समाधान सुनिश्चित किया जाएगा। साथ ही उन्होंने शिक्षकों से विभागीय नियमों का पालन करते हुए गुणवत्तापूर्ण शिक्षण कार्य जारी रखने की अपील की।

कार्यक्रम में उपस्थित अधिकारियों ने यह भी स्पष्ट किया कि ऐसी बैठकों से शिक्षकों और प्रशासन के बीच बेहतर समन्वय स्थापित होता है और जमीनी स्तर की समस्याओं को समझने में सहायता मिलती है। शिक्षक दरबार के सफल आयोजन से शिक्षकों में भी उम्मीद जगी है कि उनकी समस्याओं का समय पर समाधान होगा और शिक्षण व्यवस्था और अधिक प्रभावी हो सकेगी।