खाकी द बिहार चैप्टर के कुख्यात अशोक महतो ने रचाई शादी,16 साल छोटी है पत्नी,लोकसभा चुनाव के टिकट लिए लगाई ये तिकड़म
अशोक महतो ने 62 साल की उम्र में शादी रचाई है।आनन-फानन में 2 दिन के अंदर उन्होंने शादी की है।
केटी न्यूज़/पटना
खाकी- द बिहार चैप्टर के रीयल लाइफ विलेन अशोक महतो ने 62 साल की उम्र में शादी रचाई है।आनन-फानन में 2 दिन के अंदर उन्होंने शादी की है।चर्चा है कि मुंगेर से राजद उन्हें टिकट दे सकती है। उनके ऊपर कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। इसकी वजह से वो चुनाव नहीं लड़ सकते है। अनुमान है कि अब वे मुंगेर लोकसभा सीट से अपनी पत्नी को चुनाव लड़ा सकते हैं।मुंगेर वही सीट है, जहां से जनता दल यूनाईटेड के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह का उतरना फाइनल है।
इतनी जल्दबाजी में शादी का ये था कारण
बताया ये भी जा रहा है कि कुछ दिन पहले लालू यादव ने अशोक महतो को बुलाकर उस से मुलाकात की थी और कहा था कि चुनाव लड़ो, लेकिन महतो शादीशुदा नहीं थे।अशोक महतो को डर था कि अगर वह चुनाव लड़ेंगे तो कोई न कोई कहानी बनाकर नॉमिनेशन रद्द न हो जाए इसलिए सेफ साइड खेलने के लिए उन्होंने दो दिन में ही शादी कर ली।इतनी जल्दी शादी का कारण था कि ताकि अगर उनको टिकट न मिले तो वे अपनी पत्नी को चुनाव लड़वाएं।
जाने कौन है लड़की
इस जल्दबाजी के चलते अशोक महतो को शादी के लिए पहले तो लड़की नहीं मिल रही थी।फिर खोजबीन के बाद मंगलवार की देर रात उनकी शादी की खबर आई है।शादी करने के लिए अशोक महतो 50 गाड़ियों के काफिले के साथ पटना के जगदंबा स्थान के मंदिर में पहुंचे थे।लड़की लखीसराय की है और शादी बख्तियारपुर करौटा से हुई है।अनीता लखीसराय के सूर्यगढा प्रखंड अंतर्गत बंशीपुर हेमजापुर इलाके की रहने वाले हरि मेहता की बेटी है।वह पूरे परिवार के साथ दिल्ली में रहती हैं। वो दिल्ली की ही एक कंपनी में काम करती है। उसके पिता हरि प्रसाद सहनी PWD इंजीनियर थे। अनीता समसबार कुर्मी समाज से हैं। अशोक महतो धानुक कुर्मी समाज से आते हैं।अशोक महतो की शादी में परिवार के लोगों के अलावा कई समर्थक भी शामिल हुए थे।
कौन है अशोक महतो
अशोक महतो वो कुख्यात अपराधी है जिस पर वेब सीरीज खाकी द बिहार चैप्टर बनी थी।आईपीएस अधिकारी अमित लोढ़ा की किताब पर आधारित वेब सीरीज खाकी द बिहार चैप्टर, अशोक महतो के नाम पर ही बनाई गई थी।अशोक महतो 17 साल से जेल में बंद थे। 10 दिसंबर 2023 को उनकी रिहाई हुई थी।अशोक महतो के नाम कई नरसंहार दर्ज हैं। इनमें सबसे भयावह अपसढ़ नरसंहार है जो साल 2000 का था। 11 मई की रात के 11 बजे नुनुलाल सिंह का परिवार के 15 लोग छत पर सो रहे थे कि अचानक अशोक महतो 50-60 गुर्गों के साथ आ धमका। गालियों के साथ गोलियां बरसाने लगा,लगभग 8 मिनट में उसने 300 राउंड से अधिक फायरिंग की। जो गोलियों से बच गए उसे उसने तलवार से काट दिया।जब माहौल शांत हुआ तो छत पर 11 लाशें थीं। मरने वालों में 10 साल के बच्चे से लेकर 50 साल के बुजर्ग तक थे।वहीं नवादा जेल ब्रेक कांड के अलावा अशोक महतो तत्कालीन विधायक रणधीर कुमार पर हमला के मामले में भी आरोपी था।