अतिक्रमण हटाने के लिए नप ने दी आज तक की मोहलत, नहीं हटाने पर कार्रवाई के साथ वसूला जायेगा जुर्माना

स्थानीय शहर के मुख्य सड़कों पर दुकानदारों ने सड़क किनारे दुकानें लगाकर अवैध रूप से कब्जा जमा रखा है। अतिक्रमण के कारण सड़के संकीर्ण बन गयी है, जिससे आवागमन में लोगों को परेशानी उठानी पड़ती है।

अतिक्रमण हटाने के लिए नप ने दी आज तक की मोहलत, नहीं हटाने पर कार्रवाई के साथ वसूला जायेगा जुर्माना

केटी न्यूज/डुमरांव 

स्थानीय शहर के मुख्य सड़कों पर दुकानदारों ने सड़क किनारे दुकानें लगाकर अवैध रूप से कब्जा जमा रखा है। अतिक्रमण के कारण सड़के संकीर्ण बन गयी है, जिससे आवागमन में लोगों को परेशानी उठानी पड़ती है। नगर परिषद प्रशासन ने इस पर संज्ञान लेते हुए अतिक्रमणकारी दुकानदारों के खिलाफ शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। नप ने अतिक्रमण हटाने के लिए आज तक यानी 29 अगस्त तक की मोहलत दी है। इसके लिए नप प्रशासन शहर में माइकिंग भी करा रही है। इस अवधि में अगर किसी ने अतिक्रमण नही हटाया तो प्रशासन जुर्माना वसूलते हुए कार्रवाई करेगी। इसकी निगरानी को लेकर नप ने धावा दल का गठन किया है। अतिक्रमण से कहीं जाम तो कही महाजाम की स्थिति बनी रहती है। इसके लिए नप ने कई कड़े कदम उठाये है। डुमरांव की मुख्य सड़कों पर अतिक्रमण के कारण घंटो जाम की समस्या बनी रहती है। इस जाम में स्कूली बच्चों के वाहन और एम्बुलेंस जैसे वाहन भी घंटो फंसे रहते है। ऐसी स्थिति में प्रशासन सहित नप को काफी किरकिरी उठानी पड़ती है। नप प्रशासन ने अतिक्रमण की समस्या से निजात पाने के लिए धावा दल गठित किया है, जिसमें नगर पर्षद के कर्मचारी शामिल है। धावा दल द्वारा सड़क पर अतिक्रमणकारियों को चिन्हित करना, जुर्माना की वसूली करना, सड़को पर जहां-तहां खड़े वाहनों पर रोक का टारगेट दिया गया है, जो समयसीमा बीतते ही अपने कार्रवाई में जुट जायेगा। बताया जाता है स्थायी दुकानदार अपने दुकानों के आगे छह से आठ फुट तक सामानों को सड़कों पर रख कब्जा जमा लेते है। बड़े व्यवसायी अपने दुकानों के आगे फुटपाथ पर दुकान लगाने के एवज में प्रतिदिन नगद राशि की वसूली करते है। नप प्रशासन ऐसे दुकानदारों को भी चिन्हित करेगा जो अतिक्रमण कराकर यातायात प्रभावित करते है। ऐसे दुकानदारों पर नप प्रशासन जुर्माना वसूलेगा। नप द्वारा बार-बार चेतावनी दिए जाने के बाद भी दुकानदार अपने दुकानों को नही हटाते है। इस बार नप प्रशासन इस मामले में कड़ा रुख अपनाया है। अगर दुकानदार अतिक्रमण हटाने के बाद भी पुनः अतिक्रमण करते है तो उनपर नगरपालिका अधिनियम के तहत कानूनी कार्रवाई भी करने का प्रावधान बनाया गया है।