केवीके में “आकस्मिक फसल योजना” पर एक दिवसीय जिलास्तरीय कार्यशाला का हुआ आयोजन

केवीके में “आकस्मिक फसल योजना” पर एक दिवसीय जिलास्तरीय कार्यशाला का हुआ आयोजन

- कार्यशाला में अगस्त में हुई कम बारिश से परती खेतों में आकस्मिक फसल योजना की दी गई जानकारी

केटी न्यूज/बक्सर

सोमवार को कृषि विज्ञान केन्द्र, बक्सर द्वारा जलवायु समुत्थानशील कृषि पर राष्ट्रीय नवाचार परियोजना अन्तर्गत “आकस्मिक फसल योजना” पर एक दिवसीय जिलास्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उदरघाटन मुख्य अतिथि वीर कुंवर सिंह कृषि कॉलेज डुमरांव के प्राचार्य डा मुकेश कुमार, आत्मा की उप परियोजना निदेशक बेबी कुमारी, कृषि विज्ञान केन्द्र बक्सर के वरिष्ठ वैज्ञानिक सह प्रमुख डा देवकरन तथा आमंत्रित अतिथियों व प्रगतिशील किसानों द्वारा संयुक्त रूप से दीप-प्रज्ज्वलित कर किया गया। डा देवकरन ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कृषि विज्ञान केन्द्र के द्वारा किये जा रहे विविध कार्यक्रमों की संक्षिप्त जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अगस्त माह मे कम वर्षा होने के कारण धान की फसल प्रभावित हुई है तथा सिंचाई जल तथा वर्षा की कमी के कारण परती पड़े खेतों के आच्छादन के लिए आकस्मिक फसल योजना पर एक दिवसीय जागरूकता सह परिचर्चा बैठक का आयोजन किया गया हैं।

मुख्य अतिथि डा मुकेश कुमार ने कृषि विज्ञान केन्द्र, बक्सर द्वारा आयोजित इस कार्यशाला की सराहना की तथा मौसम आधारित अंतर फसल प्रणाली पर ध्यान केन्द्रित करते हुए किसानों द्वारा उठाये गये मुद्दों व सुझावों पर ज्यादा से ज्यादा अंतर संस्थागत सहयोग के माध्यम से जलवायु अनुकूल एवं क्षेत्र विशेष आधारित टिकाउ तकनीकियों के प्रचार-प्रसार पर बल दिया। उन्होंने किसानों को फसल विविधीकरण, कम जल उपयोग करनेवाली फसलों तथा मध्यम अवधि की प्रजातियों को अपनाने का सुझाव दिया। साथ ही साथ वृक्षारोपण को बढ़ावा देने तथा जल संचय के उपाय भी बतायें। संबंधित फसल अवशेषों के विघटन व प्रयोग द्वारा मृदा मे कार्बन की मात्रा को बढ़ावा देकर रासायनिक खाद के प्रयोग को कम करने तथा कृषि तकनीकियों के प्रयोग से जल की खपत को कम करने का सुझाव दिया। उन्होंने किसानों को प्रतिकूल मौसम में पोषण युक्त एवं जलवायु अनुकूल मोटे अनाज की खेती करने एवं बेहतर तकनीकी जानकारी एवं

सहयोग के लिए सरकारी संस्थानों के अधिकाधिक भ्रमण का आह्वान किया। कार्यक्रम में उपस्थित जिले के विभिन्न विभागों जैसे कृषि, पशुपालन, उद्यान, आत्मा परियोजना, आदि के पदाधिकारी एवं प्रतिनिधियों ने आकस्मिक फसल योजना से संबंधित विभाग द्वारा संचालित कार्यक्रम/योजनाओं की जानकारी दी गई। विभिन्न प्रखंडो के किसानश्री एवं प्रगतिशील किसानों के साथ उपस्थित एफपीओ के प्रतिनिधियों द्वारा सुझाव एवं जलवायु परिवर्तन से फसल एवं पशुपालन पर प्रतिकूल प्रभाव व समस्याओं को साझा किया गया जिसे कार्यक्रम के माध्मय से संबंधित प्रबंधन की जानकारी दी गई। पादप सुरक्षा के विशेषज्ञ रामकेवल ने फसल मे कीट व्याधि व रोग संबंधी समस्याओं के निदान एवं प्रबंधन की विस्तृत तकनीकी जानकारी उपस्थित किसानों को दी। कार्यक्रम का संचालन डा मान्धाता सिंह एवं धन्यवाद ज्ञापन हरिगोबिंद द्वारा दिया गया। मौके पर 50 से अधिक प्रगतिशील किसान मौजूद थे।