पीएम ठोस मांगों की ही करें घोषणाएं, अब नहीं चलेगी जुमलेबाजी - माले
भाकपा-माले और अखिल भारतीय किसान महासभा के संयुक्त तत्वावधान डुमरांव के छठिया पोखरा पर किसानों की वर्षों से लंबित मांगों और बक्सर जिले में लगातार बढ़ते अपराध, सीरियल हत्याओं तथा सत्ता और अपराधियों के गठजोड़ के खिलाफ जोरदार धरना दिया गया।

- पीएम के बिक्रमगंज दौरा के पूर्व भाकपा माले ने सोन नहर क्षेत्र के आठ जिलों में दिया एक दिवसीय धरना
- डुमरांव के छठिया पोखरा के समीप आयोजित हुआ था धरना, डुमरांव विधायक समेत शामिल हुए सैकड़ो कामरेड
केटी न्यूज/डुमरांव
भाकपा-माले और अखिल भारतीय किसान महासभा के संयुक्त तत्वावधान डुमरांव के छठिया पोखरा पर किसानों की वर्षों से लंबित मांगों और बक्सर जिले में लगातार बढ़ते अपराध, सीरियल हत्याओं तथा सत्ता और अपराधियों के गठजोड़ के खिलाफ जोरदार धरना दिया गया।
यह धरना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 30 मई को प्रस्तावित बिक्रमगंज दौरे को ध्यान में रखते हुए सोन नहर क्षेत्र के 8 जिलों में एक साथ आयोजित किया गया। डुमरांव में आयोजित धरने की अध्यक्षता वरिष्ठ नेता अलख नारायण चौधरी ने व संचालन रामदेव सिंह ने किया।
कार्यक्रम को डुमरांव विधायक डॉ. अजीत कुमार सिंह, भाकपा-माले के जिला सचिव नवीन कुमार, किसान महासभा के अध्यक्ष वीरेन्द्र यादव, खेत मजदूर सभा के जिला अध्यक्ष नारायण दास, माले प्रखंड सचिव जगनरायण शर्मा सहित अन्य नेताओं ने संबोधित किया।
धरना को संबोधित करते हुए माले नेताओं ने प्रधानमंत्री से किसानों की सात प्रमुख मांगों पर ठोस घोषणा की मांग की। इनमें इंद्रपुरी जलाशय का निर्माण, सोन नहर प्रणाली का आधुनिकीकरण, दुर्गावती व उत्तर कोयल सिंचाई परियोजनाओं को शीघ्र पूर्ण करने, डालमियानगर के बंद उद्योगों को पुनः शुरू करने, भूमि अधिग्रहण में उचित मुआवजा, मुफ्त कृषि बिजली व स्मार्ट मीटर हटाने और सभी फसलों के लिए एमएसपी की कानूनी गारंटी शामिल हैं। इसके अलावा कोरोना काल में बंद ट्रेनों को पुनः चालू करने और वरिष्ठ नागरिकों की रेल सुविधाएं बहाल करने की भी मांग की गई।
वक्ताओं ने कहा कि बिहार में अपराधियों को सत्ता का संरक्षण प्राप्त है और नीतीश सरकार में कानून व्यवस्था चरमरा गई है। बक्सर जिले में लगातार हो रही हत्याओं पर भी तीखा रोष व्यक्त किया गया।धरने को नावानगर सचिव वीरेन्द्र सिंह, डुमरांव सचिव कन्हैया पासवान, ऐपवा की सह सचिव पूजा कुमारी सहित कई नेताओं ने संबोधित किया। इस प्रदर्शन में मानरूप पासवान, रेखा देवी, जाबिर कुरैशी, रामध्यान सिंह, ललन यादव आदि ने संबोधित किया।
माले ने कहा कि यदि उनकी मांगों को नजरअंदाज किया गया, तो संघर्ष और तेज होगा। नेताओं ने कहा कि इस बार प्रधानमंत्री की जुमलेबाजी को हम कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे। पीएम ठोस मांगो पर ही घोषणाएं करें जिससे यहां के क्षेत्र की परेशानियां दूर हो सके।
नेताओं ने कहा कि कॉरपोरेट और हितैषी कृषि नीतियों को वापस लिया जाए, कृषि कार्य हेतु मुफ्त बिजली दी जाए। उन्होंने कहा कि अगर आम लोगों के हित में अगर सरकार फैसला नहीं लेती है तो उनका आंदोलन जारी रहेगा।