पीपराढ़ लूट कांड का पुलिस ने किया खुलासा, झूठी लूट की साजिश का पर्दाफाश
बीते 5 दिसंबर को सोनवर्षा थाना क्षेत्र अंतर्गत पीपराढ़ पुल के पास पीकअप से दवा लूट की सनसनीखेज घटना का पुलिस ने सफल उद्भेदन कर लिया है। जांच में सामने आया कि यह कोई वास्तविक लूट नहीं थी, बल्कि पीकअप चालक द्वारा रची गई एक सोची-समझी साजिश थी। मामले में पुलिस ने चालक, खलासी समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस के अनुसार पीकअप चालक ने हथियारबंद बदमाशों द्वारा लूट की झूठी कहानी गढ़कर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
केटी न्यूज/नावानगर
बीते 5 दिसंबर को सोनवर्षा थाना क्षेत्र अंतर्गत पीपराढ़ पुल के पास पीकअप से दवा लूट की सनसनीखेज घटना का पुलिस ने सफल उद्भेदन कर लिया है। जांच में सामने आया कि यह कोई वास्तविक लूट नहीं थी, बल्कि पीकअप चालक द्वारा रची गई एक सोची-समझी साजिश थी। मामले में पुलिस ने चालक, खलासी समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस के अनुसार पीकअप चालक ने हथियारबंद बदमाशों द्वारा लूट की झूठी कहानी गढ़कर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने तकनीकी साक्ष्यों, मोबाइल लोकेशन और लगातार पूछताछ के आधार पर जांच आगे बढ़ाई।

जांच के दौरान चालक और खलासी के बयान में विरोधाभास पाए गए, जिसके बाद सख्ती से पूछताछ की गई। पूछताछ में दोनों ने स्वीकार किया कि दवा की पेटियों को आपसी साटगांठ के तहत छिपाया गया था और लूट की झूठी सूचना दी गई थी। पुलिस ने चालक एवं खलाशी कैमूर जिला के कुदरा थाना अंतर्गत छतवना निवासी प्रमोद कुमार शर्मा एवं विकास कुमार तथा दो अन्य सहयोगी रोहतास के बरहरी थाना क्षेत्र के चन्द्रभानपुर निवासी अरविन्द सिंह एवं कोचस थाना के देवरिया निवासी सुनील कुमार सिंह के ठिकानों पर छापेमारी कर लूट में दिखाई गई 10 पेटी दवाएं बरामद कर लीं।

पुलिस ने चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर आगे की कानूनी कार्रवाई करने में जुटी है। सोनवर्षा थानाध्यक्ष संतोष कुमार ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि इस तरह के फर्जी मामलों से न केवल पुलिस संसाधनों का दुरुपयोग होता है, बल्कि वास्तविक अपराधों की जांच भी प्रभावित होती है। पुलिस ने आमजन से अपील की है कि किसी भी प्रकार की झूठी सूचना देने से बचें, अन्यथा सख्त कार्रवाई की जाएगी।
