दियारा में पुलिस-तस्कर भिड़ंत, दोनों तरफ से हुई फायरिंग, कोई हताहत नहीं
बक्सर जिले के ब्रह्मपुर थाना क्षेत्र का दियारा इलाका एक बार फिर अवैध शराब कारोबार को लेकर सुर्खियों में आ गया है। गुरुवार की देर रात जवही दियर स्थित महाजी डेरा में शराब तस्करों और पुलिस के बीच जोरदार झड़प हुई। गुप्त सूचना पर छापेमारी करने पहुंची पुलिस टीम पर तस्करों ने अचानक फायरिंग शुरू कर दी। करीब पांच राउंड गोलीबारी के जवाब में पुलिस ने भी तीन राउंड हवाई फायरिंग कर स्थिति को नियंत्रित किया। इस मुठभेड़ से पूरे इलाके में अफरातफरी का माहौल फैल गया।

-- गोलीबारी के बीच पुलिस ने बरामद की 148 लीटर शराब, वाहन व बाइक जब्त, फरार आरोपितों की तलाश तेज
-- शराब कारोबार पर सख्ती से तस्करों की नींद हराम
केटी न्यूज/ब्रह्मपुर
बक्सर जिले के ब्रह्मपुर थाना क्षेत्र का दियारा इलाका एक बार फिर अवैध शराब कारोबार को लेकर सुर्खियों में आ गया है। गुरुवार की देर रात जवही दियर स्थित महाजी डेरा में शराब तस्करों और पुलिस के बीच जोरदार झड़प हुई। गुप्त सूचना पर छापेमारी करने पहुंची पुलिस टीम पर तस्करों ने अचानक फायरिंग शुरू कर दी। करीब पांच राउंड गोलीबारी के जवाब में पुलिस ने भी तीन राउंड हवाई फायरिंग कर स्थिति को नियंत्रित किया। इस मुठभेड़ से पूरे इलाके में अफरातफरी का माहौल फैल गया।
थानाध्यक्ष ब्रजेश कुमार ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस टीम दियारा में पहुंची थी। छापेमारी के दौरान एक चारपहिया वाहन से 147.78 लीटर अवैध देशी शराब बरामद की गई। इसके साथ ही दो मोटरसाइकिल भी जब्त की गईं, जिनका इस्तेमाल तस्करी में किया जा रहा था।
हालांकि, अंधेरे और दियारा क्षेत्र के भौगोलिक स्थिति का फायदा उठाकर शराब तस्कर मौके से भागने में सफल रहे। बावजूद इसके, पुलिस ने 15-20 अज्ञात तस्करों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है और फरार आरोपितों की तलाश में लगातार छापेमारी जारी है।
-- दियारा की भौगोलिक स्थिति बनी तस्करों का सेफ ज़ोन
स्थानीय लोग बताते हैं कि महाजी डेरा और उसके आसपास का दियारा इलाका लंबे समय से शराब तस्करों के लिए सुरक्षित पनाहगार रहा है। गंगा किनारे बसे इन गांवों तक पुलिस का पहुंचना कठिन होता है। नाव और ऊबड़-खाबड़ रास्तों से घिरे इस इलाके में तस्कर अक्सर पुलिस को चकमा देकर आसानी से माल की ढुलाई करते रहे हैं। यही कारण है कि बक्सर से लेकर यूपी तक के शराब माफिया दियारा को एक “सुरक्षित कॉरिडोर” के रूप में इस्तेमाल करते रहे हैं।
-- पुलिस का बढ़ा दबाव, तस्करों की बढ़ी बेचैनी
बीते कुछ महीनों से जिले की पुलिस लगातार दियारा इलाके में छापेमारी कर रही है। बड़ी खेप की बरामदगी और लगातार हो रही जब्ती ने तस्करों की कमर तोड़ दी है। अब हालात यह हैं कि तस्कर छिपकर काम करने के बजाय सीधे पुलिस का सामना करने पर उतर आए हैं। पुलिस सूत्रों का कहना है कि लगातार दबिश से तस्करों में खौफ और बेचैनी दोनों बढ़ी है। यही वजह है कि गुरुवार की रात उन्होंने पुलिस पर गोलियां दागने से भी परहेज नहीं किया।
-- ग्रामीणों की उम्मीद, अगर दबाव जारी रहा तो खत्म होगा धंधा
ग्रामीणों ने कहा कि यह पहला मौका नहीं है जब पुलिस ने दियारा क्षेत्र में इतनी बड़ी कार्रवाई की हो। लेकिन गोलीबारी की घटना ने लोगों को स्तब्ध कर दिया है। गांव के बुजुर्गों का कहना है कि पुलिस अगर इसी तरह सख्ती दिखाती रही और लगातार गश्त बढ़ाई गई, तो अवैध शराब का कारोबार जल्द ही जड़ से खत्म किया जा सकता है। ग्रामीणों ने प्रशासन से अपील की है कि इस क्षेत्र में स्थायी पुलिस चौकी या विशेष बल की तैनाती हो, ताकि तस्करों के हौसले पूरी तरह पस्त हो जाएं।
-- जब्त वाहन से खुल सकते हैं बड़े राज
थानाध्यक्ष ब्रजेश कुमार ने बताया कि जब्त की गई शराब को उत्पाद विभाग को सौंप दिया गया है। साथ ही वाहन और बाइक की नंबर प्लेट के आधार पर तस्करों की पहचान की जा रही है। पुलिस को उम्मीद है कि वाहन की डिटेल से तस्करी के बड़े नेटवर्क तक पहुंचना संभव होगा। बता दें कि बक्सर का दियार क्षेत्र लंबे समय से शराब तस्करों का गढ़ माना जाता रहा है। यहां से हर महीने लाखों की खेप बिहार और उत्तर प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में भेजी जाती है।
मगर हालिया घटनाक्रम इस ओर इशारा करता है कि पुलिस अब “आर-पार की लड़ाई” के मूड में है। गोलीबारी के बावजूद शराब और वाहन की बरामदगी ने पुलिस का मनोबल बढ़ाया है और तस्करों के हौसले पस्त किए हैं। आने वाले दिनों में अगर दबाव इसी तरह बना रहा, तो दियारा की पहचान तस्करी के अड्डे के बजाय कानून के शिकंजे वाले इलाके के रूप में बदल सकती है।