बाल श्रम उन्मूलन कराने का पुलिसकर्मियों ने लिया संकल्प
अब पुलिस बाल श्रम उल्लंघन के मामलों को रोकेगी, इसके लिए गुरूवार को विश्व बाल श्रम निषेध दिवस पर डुमरांव एसडीपीओ अफाक अख्तर अंसारी के नेतृत्व में अनुमंडल के सभी थानों में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया तथा पुलिसकर्मियों को बाल श्रम रोकने में सक्रिय भूमिका निभाने का संकल्प दिलवाया गया।

- विश्व बाल श्रम निषेध दिवस पर आयोजित हुआ था कार्यक्रम, एसडीपीओ ने पुलिसकर्मियों को दिलाई शपथ
केटी न्यूज/डुमरांव
अब पुलिस बाल श्रम उल्लंघन के मामलों को रोकेगी, इसके लिए गुरूवार को विश्व बाल श्रम निषेध दिवस पर डुमरांव एसडीपीओ अफाक अख्तर अंसारी के नेतृत्व में अनुमंडल के सभी थानों में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया तथा पुलिसकर्मियों को बाल श्रम रोकने में सक्रिय भूमिका निभाने का संकल्प दिलवाया गया।
इसके तहत पुलिस पदाधिकारियों एवं कर्मियों ने सामूहिक रूप से यह संकल्प लिया कि वे समाज से बाल श्रम जैसी अमानवीय और शोषणकारी प्रथा को समाप्त करने के लिए सतत प्रयासरत रहेंगे। पुलिसकर्मियों ने यह भी कहा कि वे समाज के विभिन्न वर्गों को इस गंभीर समस्या के प्रति जागरूक करेंगे और बच्चों को शिक्षित एवं सुरक्षित भविष्य देने में हरसंभव सहयोग करेंगे। यह संकल्प उन्हें एसडीपीओ अफाक अख्तर अंसारी ने दिलवाया।
देश के भविष्य के साथ अन्याय है बाल श्रम
एसडीपीओ ने अपने संबोधन में कहा कि आज समाज में बाल श्रम धड़ल्ले से जारी है। इसके लिए समाज के लोगों को भी आगे आकर पुलिस प्रशासन का सहयोग करना होगा, तभी इस सामाजिक बुराई पर को समाप्त किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि एक तरफ आरटीई के तहत 14 वर्ष तक के सभी बच्चों को मुफ्त व अनिवार्य शिक्षा देने का प्रावधान किया गया है तो दूसरी तरफ गरीबी व कई अन्य कारणों से बचपन में ही कई बच्चे पढ़ाई छोड़ मजदूरी व काम धंधे में लग जा रहे है,
जो देश के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। एसडीपीओ ने पुलिसकर्मियों से कहा कि यदि उन्हें गश्ती या निरीक्षण के दौरान यदि किसी भी प्रतिष्ठान या अन्य जगहों पर नाबालिग बच्चे काम करते हुए दिखे तो उन्हे रेस्क्यू करें तथा संबंधित विभाग को इसकी सूचना दी। एसडीपीओ ने पुलिसकर्मियों को चाइल्ड लाइन व सीडब्लूसी के कार्यों से अवगत कराया तथा कहा कि बाल श्रम उन्मूलन के लिए प्रशासनिक स्तर पर धावा दल का गठन किया गया है,
लेकिन सामाजिक सहयोग के बिना लक्ष्यों को पूरा करना आसान नहीं है।एसडीपीओ ने बताया कि बाल श्रम से विमुक्त कराए गए बच्चे को बाल कल्याण समिति के माध्यम से शिक्षा और पुनर्वास की व्यवस्था है, जिसके सहारे बच्चें फिर से समाज की मुख्य धारा में लौट सकते है।