ग्रामीणों के लिए राहत, चौगाई सीएचसी में शुरू हुई नियमित नेत्र जांच सेवा

चौगाई के ग्रामीण अब आंखों की समस्याओं के लिए शहर की ओर नहीं दौड़ेंगे, क्योंकि राष्ट्रीय अंधापन नियंत्रण कार्यक्रम के तहत समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी), चौगाई में प्रतिदिन नेत्र जांच सुविधा की शुरुआत हो गई है। इस नई स्वास्थ्य सेवा का विधिवत शुभारंभ बक्सर सदर अस्पताल के डीपीएम मनीष कुमार और प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. मितेंद्र कुमार ने संयुक्त रूप से फीता काटकर किया।

ग्रामीणों के लिए राहत, चौगाई सीएचसी में शुरू हुई नियमित नेत्र जांच सेवा

केटी न्यूज/चौगाई

चौगाई के ग्रामीण अब आंखों की समस्याओं के लिए शहर की ओर नहीं दौड़ेंगे, क्योंकि राष्ट्रीय अंधापन नियंत्रण कार्यक्रम के तहत समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी), चौगाई में प्रतिदिन नेत्र जांच सुविधा की शुरुआत हो गई है। इस नई स्वास्थ्य सेवा का विधिवत शुभारंभ बक्सर सदर अस्पताल के डीपीएम मनीष कुमार और प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. मितेंद्र कुमार ने संयुक्त रूप से फीता काटकर किया।

इस अवसर पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए डीपीएम मनीष कुमार ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में नेत्र रोगों की समय रहते पहचान और उपचार न होने के कारण अंधापन जैसी गंभीर समस्याएं सामने आती हैं। उन्होंने कहा कि इस सुविधा से न केवल रोगों की पहचान संभव होगी, बल्कि सही समय पर इलाज भी सुनिश्चित किया जा सकेगा।

उन्होंने बताया कि अब चौगाई सीएचसी में प्रतिदिन नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. आमिर प्रवेज और विजन तकनीकी सहायक उदयभानु सिंह अपनी सेवाएं देंगे। मरीजों को चश्मे से संबंधित सलाह और उपचार भी यहीं पर उपलब्ध कराया जाएगा।

उद्घाटन के पहले ही दिन इस सुविधा का ग्रामीणों ने लाभ उठाना शुरू कर दिया। कुल 25 मरीजों की आंखों की जांच की गई, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि लोगों में इस सेवा को लेकर काफी उत्साह है। डॉ. मितेंद्र कुमार ने कहा कि यह पहल दूर-दराज के लोगों के लिए वरदान साबित होगी। उन्होंने कहा कि अब ग्रामीणों को आंखों की सामान्य या गंभीर जांच के लिए शहर का रुख नहीं करना पड़ेगा,

जिससे समय और धन दोनों की बचत होगी। इस मौके पर डॉ. निशांत कुमार, बीएचएम चिंतामणि, बीसीएम विकास कुमार सिंह, प्रधान लिपिक अनिल कुमार, राजू कुमार सिंह, अनिल कुमार, मेहताब आलम समेत अन्य चिकित्सक और स्वास्थ्यकर्मी उपस्थित रहे। सभी ने कार्यक्रम की सफलता में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

स्वास्थ्य विभाग की यह पहल क्षेत्र में नेत्र स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने और अंधापन जैसे संकट को रोकने की दिशा में एक सराहनीय कदम है। आने वाले दिनों में इसके और भी सकारात्मक प्रभाव देखने को मिल सकते हैं।