एसडीओ ने किया खरीफ धान कटनी प्रयोग का निरीक्षण, 73.94 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उपज का अनुमान
बक्सर अनुमंडल क्षेत्र में खरीफ धान उत्पादन का वैज्ञानिक आंकलन सुनिश्चित करने के उद्देश्य से गुरुवार को अनुमंडल पदाधिकारी अविनाश कुमार ने प्रखंड राजपुर के सगराव मंगराव पंचायत स्थित सगराव गांव में धान कटनी प्रयोग का निरीक्षण किया। यह निरीक्षण स्थानीय कृषक संजय सिंह के खेत में खेसरा संख्या 808 पर किया गया, जहां निर्धारित मानकों के अनुरूप 10 मीटर लंबे व पांच मीटर चौड़े आयताकार भू-भाग में कटनी प्रयोग संपन्न कराया गया।
-- सरकार और किसानों के लिए सटीक उत्पादन आकलन हेतु किया जा रहा है वैज्ञानिक कटनी प्रयोग
केटी न्यूज/बक्सर
बक्सर अनुमंडल क्षेत्र में खरीफ धान उत्पादन का वैज्ञानिक आंकलन सुनिश्चित करने के उद्देश्य से गुरुवार को अनुमंडल पदाधिकारी अविनाश कुमार ने प्रखंड राजपुर के सगराव मंगराव पंचायत स्थित सगराव गांव में धान कटनी प्रयोग का निरीक्षण किया। यह निरीक्षण स्थानीय कृषक संजय सिंह के खेत में खेसरा संख्या 808 पर किया गया, जहां निर्धारित मानकों के अनुरूप 10 मीटर लंबे व पांच मीटर चौड़े आयताकार भू-भाग में कटनी प्रयोग संपन्न कराया गया।

कटनी के दौरान धान की कुल 36.970 किलोग्राम उपज प्राप्त हुई। वैज्ञानिक पद्धति से किए गए इस आंकलन के आधार पर धान की अनुमानित उत्पादकता 73.94 क्विंटल प्रति हेक्टेयर निर्धारित की गई, जो इस क्षेत्र के लिए उत्साहजनक मानी जा रही है। इस प्रयोग का मुख्य उद्देश्य कृषि वर्ष 2025-26 में खरीफ धान की वास्तविक उत्पादन क्षमता का विश्वसनीय आंकड़ा सरकार एवं किसानों तक पहुंचाना है, जिससे कृषि नीति निर्माण और योजनाओं के क्रियान्वयन में सटीकता लाई जा सके।
निरीक्षण के दौरान एसडीओ ने कटनी प्रक्रिया की बारीकियों को समझा और संबंधित अधिकारियों को सटीक डेटा संकलन हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि इस तरह के प्रयोग किसानों के हित में अत्यंत महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि इससे खेती के स्तर, जलवायु प्रभाव और उत्पादन क्षमता का वैज्ञानिक आकलन संभव होता है।कार्यक्रम में जिला सांख्यिकी पदाधिकारी बक्सर, सहायक सांख्यिकी पदाधिकारी इटाढ़ी एवं राजपुर, कृषि समन्वयक, तथा डाटा एंट्री ऑपरेटर रविशंकर पांडेय, संजय कुमार सिंह और मुन्ना यादव की मौजूदगी रही। साथ ही ग्राम पंचायत सगराव मंगराव के मुखिया पप्पू सिंह भी पूरे कार्यक्रम के दौरान उपस्थित रहे।

अधिकारियों ने बताया कि जिले के विभिन्न पंचायतों में भी इसी तरह के कटनी प्रयोग किए जा रहे हैं, जिससे खरीफ मौसम की उत्पादन स्थिति का समग्र आकलन तैयार किया जा सके। प्रशासन का मानना है कि इस प्रक्रिया से न केवल उपज का सही अनुमान मिलेगा, बल्कि भविष्य में किसानों को फसल बीमा, अनुदान तथा तकनीकी सहायता उपलब्ध कराने में भी सुविधा होगी।किसान संजय सिंह ने बताया कि समय पर सिंचाई और कृषि विभाग की तकनीकी सलाह से फसल अच्छी हुई है। उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले वर्षों में भी ऐसे वैज्ञानिक परीक्षण से किसानों को काफी लाभ मिलेगा।
