पूर्णाहूति और भंडारे के साथ संपन्न हुआ सिमरी में आयोजित श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ
पूर्णाहूति और भंडारे के साथ संपन्न हुआ सिमरी में आयोजित श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ
सिमरी में आयोजित श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ सोमवार को पूर्णाहूति व भंडारे के साथ संपन्न हुआ। अंतिम दिन हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने यज्ञ मंडप की परिक्रमा कर प्रसाद ग्रहण किया। इस दौरान श्री श्री 1008 गंगा पुत्र त्रिदंडी स्वामी जी महाराज के नेतृत्व में विद्वान ब्राह्मणों द्वारा पूरे दिन कई तरह के धार्मिक अनुष्ठान व हवन के बाद पूर्णाहूति दी गई। पूर्णाहूति के दौरान यज्ञ नारायण भगवान के जयकारे तथा पूज्य गंगा पुत्र व चर्चित कथा वाचक देवकीनंदन जी भारद्वाज जी के जयकारे से इलाा गूजांयमान होते रहा। यह जयघोष पूरे दिन चलते रहा। पूर्णाहूति के मौके पर सुबह से ही आस पास के गांवों से श्रद्धालु भक्त महायज्ञ परिसर पर उमड़ने लगे थे। जैसे जैसे यह महायज्ञ पूर्णाहूति की तरफ बढ़ रहा था वैसे वैसे श्रद्धालुओं द्वारा जयघोष को तेज किया जा रहा है। पूर्णाहूति के बाद महाआरती आयोजित की गई। इस दौरान हजारों श्रद्धालु उपस्थित थे। यज्ञोपरांत महाआरती को काफी फलदायी बताया जाता है तथा मान्यता है कि इस महाआरती में शामिल होने से समस्त पापों का नाश हो जाता है। महाआरती के दौरान उमड़ी श्रद्धालु भक्तों की भीड़ इस बात की तस्दीक कर रही थी। महाआरती संपन्न होते हुए भंडारा शुरू हुआ। जो देर रात तक चलते रहा। इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु भंडारे के पंगत में बैठ प्रसाद ग्रहण किए। भंडारे के बाद दूर दूर से आए साधु संतो को अंग वस्त्र, प्रसाद व दक्षिणा देकर विदा किया गया। गौरतलब है कि 2 नवंबर से शुरू हुए इस महायज्ञ के प्रति स्थानीय ग्रामीणों तथा आस पास के लोगों में उत्साह व्याप्त था। लोग तन, मन और धन से इस महायज्ञ को सफल बनाने में अपना योगदान दिए थे। पूर्णाहूति व भंडारे के दौरान आयोजन समिति के डा हिमांशु पांडेय, राकेश पांडेय, तिलकधारी पांडेय, मुन्ना पांडेय, डा अरबिंद पांडेय, डा. आलोक पांडेय, नागेन्द्र यादव, जगनारायण राय, प्रमोद पांडेय, समेत सैकड़ो ग्रामीणों ने सराहनीय भूमिका निभाई।