रविवार को प्रकाशित हुआ था खबर, मंगलवार को विभाग हो गया सक्रिय

रविवार को प्रकाशित हुआ था खबर, मंगलवार को विभाग हो गया सक्रिय

केटी न्यूज/डुमरांव 

दानापुर-बक्सर रेलखंड के डुमरांव स्थित मुख्य सड़क पर बने पश्चिमी रेलवे गुमटी की सड़क जानलेवा बन गयी थी। आम जनों और वाहन चालकों को आवाजाही में काफी मशक्कत करनी पड़ती थी। इस जनसरोकार की समस्या को केशव टाइम्स ने रविवार के अंक में इसे प्रमुखता से प्रकाशित किया था। खबर छपने के तीसरे दिन ही रेल विभाग सक्रिय हो उठा और इस जर्जर सड़क की मरम्मती को लेकर कार्य तेज कर दिया। जानकारों की माने तो भोजपुर-बिक्रमगंज मुख्य सड़क को एनएच 120 का दर्जा मिलते ही यह सड़क अनुमंडल के लिए खास बन गया है। रेलवे ट्रैक की सड़क गड्ढे में तब्दील हो गयी थी,

जहां आते-जाते दो पहिया, तीन पहिया और चार पहिया वाहन गड्ढे में फंस जाते है और वाहनों के पलटने का खतरा भी बना रहता है। रेलवे ट्रैक की सड़क जानलेवा बनने के बाद भी रेल विभाग उदासीन बना था और सड़क की मरम्मत होने से हादसे का खतरा टल गया है जबकि इस सड़क पर ओवरब्रिज नही बनने से लोगो को परेशानी का सामना करना पड़ता है। हर दिन गुमटी के बंद होने से महाजाम की स्थिति बन जाती है। तपती गर्मी व लू के थपेड़ों में भी लोग घंटो जाम में फंसे रहते है। राहगीरों के सब्र का बांध टूटने से गुमटी बंद होने के बाद भी रेलवे ट्रैक को वह खुलेआम पार करते नज़र आते है। इस परिस्थिति में आये दिन लोग हादसे का शिकार बनते है। रेल पटरी पार करने के दौरान कई लोग अपनी जान गंवा बैठे है फिर भी लोग जान जोखिम में डालकर पटरी को पार करते है। इस समस्या से निजात पाने के लिए करीब तीन वर्ष पूर्व ही सड़क ओवरब्रिज निर्माण को लेकर पहल शुरू हुई थी। रेल विभाग की टीम ने निर्माण के लिए मिट्टी सहित अन्य तकनीकों की जांच किया था। विभाग द्वारा मानक पूरा करने के बाद भी सड़क ओवरब्रिज

निर्माण का मामला अधर में लटका है। बताया जाता है कि डुमरांव एक ऐसा स्टेशन है जो राजस्व के मामले में भले ही अव्वल है लेकिन यात्री सुविधाओं के मामले में फिसड्डी साबित हो रहा है। यात्री कल्याण समिति ने बताया कि सड़क ओवरब्रिज के निर्माण को लेकर बक्सर सांसद ने पूरा कराने का वादा किया था। दोबारा मंत्रिमंडल में शामिल होने के बाद विकास की आस जगी थी लेकिन लोगों को ओवरब्रिज बनने का सपना धुंधला पड़ने लगा है। हालांकि सड़क की मरम्मती से वाहन चालकों ने राहत की सांस ली है।