जगदेव बाबू के सपनों को साकार करने के लिए समाज में समानता लाना जरूरी - रवि उज्ज्वल
शुक्रवार को डुमरांव नगर भवन में बिहार लेनिन के नाम से विख्यात शहीद जगदेव प्रसाद की शहादत दिवस मनाई गई। इस अवसर पर उमड़ी भीड़ ने यह जता दिया कि समाज अपने राजनीतिक हक को लेकर अब और मुखर है। समारोह का आयोजन कुशवाहा समाज की ओर से किया गया, जहां समाज के लोगों ने अपने भावी राजनीतिक स्वरूप का संदेश साफ-साफ दिया।

-- बिहार लेनिन जगदेव प्रसाद की जयंति पर कुशवाहा समाज ने दिया संदेश, अबकी बार बदलाव की मांग तेज
-- डुमरांव में शहादत दिवस पर उमड़ा जनसैलाब, अजीत भगाओं डुमरांव बचाओं से गूंजा कार्यक्रम स्थल
केटी न्यूज/डुमरांव
शुक्रवार को डुमरांव नगर भवन में बिहार लेनिन के नाम से विख्यात शहीद जगदेव प्रसाद की शहादत दिवस मनाई गई। इस अवसर पर उमड़ी भीड़ ने यह जता दिया कि समाज अपने राजनीतिक हक को लेकर अब और मुखर है। समारोह का आयोजन कुशवाहा समाज की ओर से किया गया, जहां समाज के लोगों ने अपने भावी राजनीतिक स्वरूप का संदेश साफ-साफ दिया।
कार्यक्रम के दौरान बार-बार भीड़ से नारे लग रहे थे अजीत भगाओ, डुमरांव बचाओ” और “रवि उज्ज्वल वीर है, डुमरांव की तकदीर है। इन नारों से माहौल जोशीला बन गया था। यह साफ इशारा था कि जनता अब बदलाव चाहती है और इस बदलाव की अगुवाई के लिए भीड़ ने रवि उज्ज्वल कुशवाहा का नाम लिया।
-- रवि उज्ज्वल ने शहीद को दी श्रद्धांजलि
मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे डुमरांव विधानसभा के भावी प्रत्याशी रवि उज्ज्वल कुशवाहा ने शहीद जगदेव प्रसाद की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर नमन किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि जगदेव बाबू ने 5 सितंबर 1974 को समाज को यह नारा दिया था कि सौ में नब्बे शोषित हैं, धन, धरती और राजपाट, नब्बे भाग हमारा है। उन्होंने कहा कि यह नारा केवल एक नारा नहीं, बल्कि शोषित वर्ग की आवाज और विद्रोह का प्रतीक है। रवि उज्ज्वल ने कहा कि समाजवादी नेता जगदेव बाबू का सपना था कि हर व्यक्ति बराबरी के साथ जिए। उसी आदर्श को आगे बढ़ाते हुए हमें समाज में समानता लानी होगी।
-- राजनीति में भागीदारी की अपील
सभा को संबोधित करते हुए रवि ने स्पष्ट कहा कि विधानसभा चुनाव में वोट को प्रसाद की तरह मत बांटिए। संगठित होकर एकजुट वोट दीजिए, तभी हमारी राजनीतिक हैसियत मजबूत होगी। उनकी यह अपील भीड़ को खूब भायी। रवि ने जब मंच की सभी कुर्सियां आम लोगों के लिए छोड़ दीं और खुद अपने साथियों संग नीचे बैठ सभा में मौजूद लोगों का दिल जीत लिया।
-- वक्ताओं ने किया रवि उज्ज्वल का समर्थन
सभा में कई वक्ताओं ने यह बात जोर देकर कही कि अब डुमरांव विधानसभा को नए नेतृत्व की जरूरत है। भीड़ से आवाजें उठीं कि हमें अजीत कुशवाहा नहीं, रवि उज्ज्वल कुशवाहा चाहिए। लोगों ने तालियों और नारों से इस समर्थन को और बुलंद किया।
-- आयोजन की कमान और मौजूदगी
कार्यक्रम की अध्यक्षता सरदार कुशवाहा ने संचालन प्रो. अखिलेश्वर कुशवाहा ने किया। इस मौके पर बड़ी संख्या में समाज के लोग मौजूद रहे। इनमें वशिष्ठ सिंह कुशवाहा, विनोद राय, डॉ. बिनोद कुशवाहा, मुन्ना कुशवाहा, रामबचन कुशवाहा, पप्पू मौर्य, अशोक कुशवाहा, अमन कुशवाहा, गुरुदेव कुशवाहा, दीनानाथ कुशवाहा, रमावती देवी, फूलकुमारी देवी, शशिकांत कुशवाहा, सुशील पासी, गोपाल गुप्ता, काशीनाथ, राजन कुशवाहा सहित अन्य लोग शामिल थे।
-- बदलते राजनीतिक समीकरण की आहट
शहादत दिवस केवल श्रद्धांजलि का मंच नहीं रहा, बल्कि इसने आने वाले चुनाव के लिए समाज की सोच और दिशा को भी सामने रखा। जनसैलाब और नारों ने यह संकेत दिया कि कुशवाहा समाज अब अपने नेतृत्व को लेकर अधिक स्पष्ट है। भीड़ की ऊर्जा और रवि उज्ज्वल के प्रति मिले समर्थन ने साफ कर दिया कि डुमरांव की राजनीति में नए समीकरण बन रहे हैं। अब देखना होगा कि यह लहर आने वाले विधानसभा चुनाव में किस तरह के परिणाम देती है।