भारत को विश्व गुरु बनाने के लिए युवाओं को आगे आना होगा - उपेन्द्र भाई त्यागी

भारत विश्व गुरु बने इसके लिए भारत के प्रत्येक नागरिकों को आगे आना होगा और अपने कर्तव्यों का पालन करना होगा। खासकर युवाओं को देश के पुननिर्माण में अपनी भूमिका समझते हुए कठिन परिश्रम करना होगा।

भारत को विश्व गुरु बनाने के लिए युवाओं को आगे आना होगा - उपेन्द्र भाई त्यागी

- संघ के बौद्धिक शिक्षण प्रमुख में डुमरांव में पूण्य भारत भूमि विषय पर किया उद्बोधन

केटी न्यूज/डुमरांव

भारत विश्व गुरु बने इसके लिए भारत के प्रत्येक नागरिकों को आगे आना होगा और अपने कर्तव्यों का पालन करना होगा। खासकर युवाओं को देश के पुननिर्माण में अपनी भूमिका समझते हुए कठिन परिश्रम करना होगा। उक्त बातें स्थानीय हरजी के हाता स्थित सिद्धाश्रम लर्निंग्स के सभागार में छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ दक्षिण बिहार के प्रांत बौद्धिक शिक्षण प्रमुख उपेन्द्र भाई त्यागी ने कही। वे पूण्य भारत भूमि विषय पर छात्रों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने देश की आजादी की चर्चा करते हुए कहां कि सैकड़ों वर्षों से गुलाम भारत को आजाद कराने में सामान्य लोगों ने अपनी कुर्बानी देकर देश को आजाद कराया। भारत विश्व गुरु था, आगे विश्व गुरु बना रहे इसके लिए दुनिया का मार्गदर्शक बनना होगा। दुनिया में इकलौता देश भारत ही है, जिसे लोग भारतमाता कहते है। उन्होंने कहा कि भारत ने दुनिया को ज्ञान दिया, जीवन जीने की कला सिखाई, विश्व वंधुत्व व सर्वे भवंतु सुखिनः जैसे आदर्श स्थापित कर दुनिया को वसुधैव कुटुबकम की सीख दी। उन्होंने कहा कि हमारी देव भाषा संस्कृत ऐसी भाषा है, जिसके माध्यम से दुनिया तरक्की कर रही है। श्री त्यागी ने कहा कि भारत तभी तरक्की करेगा जब देशवासी अपने कर्तव्य का पालन करेंगे। उन्होंने जापान का उदाहरण देते हुए कहां कि एक ड्राइवर पानी टंकी का टोटी को बंद करने के लिए भारत के राष्ट्रपति का गाड़ी रोक दिया। उसने अपना कर्तव्य पालन कर जल संचय का कार्य किया। उन्होंने कहां कि अमेरिका में विश्व धर्म सम्मेलन हो रहा था, उसमें स्वामी विवेकानंद बिन बुलाए अमेरिका गए, धर्म सम्मेलन में हिस्सा लिए वहां मौजूद महिलाओं को उन्होंने माता व बहन कहकर संबोधित कर अमेरिकावासियों का दिल जीत लिया था। मौकै पर संघ के कन्हैया दूबे, विभाग कार्यवाहिका भोजपुर विभाग ओमज्योति भगत, प्रिंस दूबे, भाजपा नेता राजीव कुमार भगत, शिक्षक अजितेश कुमार समेत दर्जनों छात्र-छात्राएं मौजूद थे।