चौसा रेलवे स्टेशन की उपेक्षा के खिलाफ 23 दिसंबर को अनशन व कड़ा प्रदर्शन

वर्षों से उपेक्षा का दंश झेल रहे चौसा रेलवे स्टेशन को लेकर अब स्थानीय लोगों का सब्र जवाब देने लगा है। ट्रेनों के ठहराव, यात्रियों की बुनियादी सुविधाओं और आरक्षण व्यवस्था की मांग को लेकर चौसा रेलवे यात्री संघर्ष समिति द्वारा 23 दिसंबर (मंगलवार) को अनशन एवं कड़ा प्रदर्शन करने का एलान किया है। यह आंदोलन सुबह 10 बजे से चौसा रेलवे स्टेशन परिसर में शुरू होगा और मांगें पूरी होने तक जारी रहने की बात कही गई है।

चौसा रेलवे स्टेशन की उपेक्षा के खिलाफ 23 दिसंबर को अनशन व कड़ा प्रदर्शन

केटी न्यूज/बक्सर 

वर्षों से उपेक्षा का दंश झेल रहे चौसा रेलवे स्टेशन को लेकर अब स्थानीय लोगों का सब्र जवाब देने लगा है। ट्रेनों के ठहराव, यात्रियों की बुनियादी सुविधाओं और आरक्षण व्यवस्था की मांग को लेकर चौसा रेलवे यात्री संघर्ष समिति द्वारा 23 दिसंबर (मंगलवार) को अनशन एवं कड़ा प्रदर्शन करने का एलान किया है। यह आंदोलन सुबह 10 बजे से चौसा रेलवे स्टेशन परिसर में शुरू होगा और मांगें पूरी होने तक जारी रहने की बात कही गई है।

संघर्ष समिति का कहना है कि चौसा और आसपास के क्षेत्रों की लाखों की आबादी रेलवे सेवाओं पर निर्भर है, बावजूद इसके स्टेशन को लगातार सौतेला व्यवहार झेलना पड़ रहा है। कई बार ज्ञापन सौंपने और मांगें उठाने के बाद भी रेलवे प्रशासन की ओर से कोई ठोस पहल नहीं की गई, जिससे जनता में गहरा आक्रोश है। समिति का आरोप है कि मजबूर होकर अब आम यात्रियों को आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ रहा है।

समिति की प्रमुख मांगों में श्रमजीवी एक्सप्रेस और हावड़ा-अमृतसर मेल का दोनों दिशाओं से ठहराव, मगध एक्सप्रेस और जनशताब्दी एक्सप्रेस का दोनों ओर से ठहराव शामिल है। इसके अलावा 53202/53201 बक्सर-पटना फास्ट पैसेंजर एवं पटना-बक्सर फास्ट पैसेंजर ट्रेन को चौसा रेलवे स्टेशन तक विस्तारित करने की मांग की गई है। स्टेशन पर मूलभूत यात्री सुविधाएं बहाल करने, शुद्ध पेयजल के लिए वाटर कूलर लगाने तथा कम्प्यूटरीकृत आरक्षण प्रणाली शुरू करने की भी मांग प्रमुख रूप से उठाई गई है।

संघर्ष समिति ने चेतावनी दी है कि यदि मांगों पर शीघ्र ठोस निर्णय नहीं लिया गया तो आंदोलन को और उग्र किया जाएगा, जिसकी पूरी जिम्मेदारी रेलवे प्रशासन की होगी। समिति ने स्पष्ट किया कि यह आंदोलन किसी एक व्यक्ति का नहीं, बल्कि पूरे चौसा और आसपास के क्षेत्र की जनता के अधिकार और सम्मान की लड़ाई है।