बाढ़ का पानी घटने के बाद नैनीजोर में कटाव तेज, तेजी से विलीन हो रहे है उर्वर खेत
गंगा का जल स्तर कम होने के बावजूद तटवर्ती इलाकों के लोगों की परेशानियां कम होने के बजाय बढ़ गई है। प्रखंड के नैनीजोर पंचायत अंतर्गत प्रबोेधपुर डेरा के पास गंगा में कटाव तेज होने से उर्वर खेत तेजी से गंगा की गोद में विलीन हो रहे है।
- मुखिया व पूर्व मुखिया ने हादसे की आशंका जता स्थाई समाधान की लगाई गुहार
- नैनीजोर के प्रबोधपुर डेरा के पास कोईलवर तटबंध से महज 150 मीटर दूर हो रहा है कटाव
केटी न्यूज/ब्रह्मपुर
गंगा का जल स्तर कम होने के बावजूद तटवर्ती इलाकों के लोगों की परेशानियां कम होने के बजाय बढ़ गई है। प्रखंड के नैनीजोर पंचायत अंतर्गत प्रबोेधपुर डेरा के पास गंगा में कटाव तेज होने से उर्वर खेत तेजी से गंगा की गोद में विलीन हो रहे है। जिससे किसानों की चिंता बढ़ गई है। किसानों का कहना है कि पानी कम होने के बाद कटाव तेजी से हुआ है। यह कटाव कोईलवर तटबंध से मात्र 150 मीटर दूर हो रहा है। जिससे तटीय इलाके के लोगों व किसानों की चिंता बढ़ गई है।
पंचायत के मुखिया बिरेन्द्र यादव व पूर्व मुखिया राजकिशोर प्रसाद ने बताया कि जब भी गंगा का जलस्तर बढ़ता है या बाढ़ का पानी घटता है तो कटाव होता है, लेकिन इस बार कटाव काफी तेज हो गया है। पंचायत प्रतिनिधियों का कहना है कि अबतक कई एकड़ खेत कटाव के कारण गंगा में विलीन हो गए है। वही, हजारों की आबादी पर खतरा मंडराने लगा है। तेज कटाव होने से ग्रामीण काफी परेशान हो गए है।
पंचायत प्रतिनिधियों व ग्रामीणों का कहना है कि कटाव के कारण तेजी से खेत गंगा में समाहित हो रहे है। ग्रामीणों ने बताया कि इस बार बाढ़ का पानी घटने के बाद से कटाव काफी तेज हो रहा है। कटाव की रफ्तार देख ग्रामीणों का भय बढ़ते जा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि कटाव का यही रफ्तार रहा तो प्रबोध डेरा पर भी दबाव बढ़ेगा।
पंचायत प्रतिनधिनियों ने शासन प्रशासन व क्षेत्रिय विधायक व सांसद से प्रत्येक साल होने वाले कटाव का स्थाई समाधान निकालने की मांग की है। उनका कहना है कि कटाव का स्थायी समाधान नहीं होने से हर साल किसानों का अपनी कीमती जमीन व फसल का नुकसान सहना पड़ रहा है। जबकि ग्रामीणों के जान का संकट भी आ खड़ा हुआ है। ग्रामीणों ने कहा कि यदि प्रशासन द्वारा इस समस्या का समाधान शीघ्र नहीं निकाला गया तो आने वाले दिनों कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।
ग्रामीणों की मानें तो गंगा के कटाव के कारण जान माल के क्षति का खतरा बना हुआ है। कोईलवर तटबंध के करीब रहने वालों में कटाव को देख डर समा गया है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि राजनेताओं व प्रशासन द्वारा इस समस्या का स्थायी समाधान नहीं निकाला गया तो जल्दी ही ग्रामीण धरना प्रदर्शन कर शासन प्रशासन के लिए मुश्किलें खड़ी कर देंगे। वही, ग्रामीणों ने कटाव का आंकलन कराने की मांग भी की है।
कहते है एसडीएम
ग्रामीणों से जानकारी मिलने पर बाढ़ नियंत्रण विभाग के साथ जाकर कटाव का निरीक्षण किया गया। अभी बाढ़ का समय नहीं है, लेकिन कटाव के स्थाई समाधान का जल्दी ही उपाय किया जाएगा। ग्रामीणों का शीघ्र ही इस समस्या से निजात मिलेगी। - राकेश कुमार, एसडीएम, डुमरांव