बड़ी खबर: नहीं रहे डुमरांव महाराज चंद्रविजय सिंह, दिल्ली के अपोलो अस्पताल में ली अंतिम सांस, शहर में गहराया शोक
डुमरांव राजघराने के महाराज चंद्रविजय सिंह (78) का निधन हो गया है। दिल्ली के अपोलो अस्पताल में शनिवार की शाम करीब सवा चार बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। वे अपने पीछे पुत्र शिवांग विजय सिंह व समृद्ध विजय सिंह के अलावे महारानी कनिका सिंह समेत भरा पूरा परिवार छोड़ गए है।

केटी न्यूज/डुमरांव
डुमरांव राजघराने के महाराज चंद्रविजय सिंह (78) का निधन हो गया है। दिल्ली के अपोलो अस्पताल में शनिवार की शाम करीब सवा चार बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। वे अपने पीछे पुत्र शिवांग विजय सिंह व समृद्ध विजय सिंह के अलावे महारानी कनिका सिंह समेत भरा पूरा परिवार छोड़ गए है।
उनके निधन की जानकारी मिलते ही डुमरांव में शोक की लहर दौड़ गई है। शहरवासी सहसा इस खबर पर विश्वास नहीं कर रहे थे, लेकिन सोसल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर उनके निधन की खबर तेजी से फैली। इसके बाद उनके शुभचिंतक समेत बड़ी संख्या में आम नागरिक शोक जताने भोजपुर कोठी तक पहुंचे।
उनके परिवार के करीब अंबरीश पाठक ने बताया कि करीब चार-पांच दिन पहले वे दिल्ली में रेगुलर चेकअप के लिए गए थे, जहां वे डंेगू के शिकार हो गए तथा तेजी से उनका प्लेटलेट्स घटने लगा। इसके बाद स्वजनों ने उन्हें अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया। जहां सांस लेने में भी उन्हें तकलीफ हो रही थी। अपोलो अस्पताल के आईसीयू में ही उन्होंने अंतिम सांस ली।
उनके निधन की खबर से शहर के बुद्धिजीवियों, गणमान्य लोगों व राजनैतिक तथा सामाजिक सरोकार से जुड़े लोगों में शोक की लहर दौड़ गई है। लोगों ने उनके निधन को डुमरांव के लिए अपूरणीय क्षति बताया। बता दें कि चंद्रविजय सिंह अपनी बेबाकी व स्पष्टवादिता के लिए पूरे शहर के साथ ही जिलेभर में प्रसिद्ध थे। इसके अलावे उनकी सरलता व सहज अंदाज भी लोगों को खूब पसंद था।
वे आजीवन अपनी मिट्टी से जुड़े रहे तथा आम लोगों से काफी आत्मीय लगाव से मिलते थे। यही नहीं वे बड़े मंचो से भी अपनी मातृभाषा भोजपुरी में ही बोलते थे। जिससे उनके प्रति लोगों में आकर्षण रहता था।गौरतलब हो कि वे इसके पहले प्रोस्टेट कैंसर जैसी गंभीर बीमारी को मात दे चुके थे, लेकिन इस बार डेंगू से हार गए।