मुख्यमंत्री ने दिया महिला रोजगार को नया आयाम
महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और उन्हें स्वरोजगार के नए अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू की गई मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के अंतर्गत शुक्रवार को एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया गया। 26 सितंबर 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कर कमलों से तथा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की उपस्थिति में इस योजना की औपचारिक शुरुआत हुई थी। इसी कड़ी में आज (शुक्रवार) को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा 10 लाख महिला लाभुकों को 10 हजार प्रति लाभुक की दर से कुल एक हजार करोड़ की राशि का अंतरण किया गया।
-- डुमरांव में सीधा प्रसारण, 10 लाख महिलाओं को मिली एक हजार करोड़ की सहायता
केटी न्यूज/बक्सर
महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और उन्हें स्वरोजगार के नए अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू की गई मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के अंतर्गत शुक्रवार को एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया गया। 26 सितंबर 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कर कमलों से तथा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की उपस्थिति में इस योजना की औपचारिक शुरुआत हुई थी। इसी कड़ी में आज (शुक्रवार) को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा 10 लाख महिला लाभुकों को 10 हजार प्रति लाभुक की दर से कुल एक हजार करोड़ की राशि का अंतरण किया गया।

डुमरांव प्रखंड सभागार में इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण किया गया, जिसमें जीविका से जुड़े सैकड़ों महिलाओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। प्रसारण के दौरान महिलाओं ने योजना की रूपरेखा, उद्देश्य और इसके माध्यम से मिलने वाले अवसरों की विस्तृत जानकारी हासिल की।
-- हर परिवार की एक महिला को मिलेगा लाभ
राज्य सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना का उद्देश्य सभी समुदायों और वर्गों की महिलाओं को स्वरोजगार के अवसर प्रदान कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है। योजना के तहत राज्य के सभी परिवारों की एक महिला को अपनी पसंद का रोजगार शुरू करने के लिए प्रारंभिक रूप से 10 हजार की आर्थिक सहायता दी जा रही है।इसके अलावा, रोजगार की प्रकृति, संभावनाओं और आयवर्धन के आधार पर आगे चलकर 2 लाख तक की अतिरिक्त वित्तीय सहायता दिए जाने का भी प्रावधान है। चयनित रोजगार से संबंधित प्रशिक्षण की भी पूर्ण व्यवस्था की गई है, ताकि महिलाएं अपने उद्यम को सफलतापूर्वक संचालित कर सकें।

-- सहकारिता आधारित मॉडल पर चल रही योजना
यह योजना सामुदायिक सहकारिता पर आधारित है। लाभुक महिलाओं को पहले स्थानीय स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) से जोड़ा जाएगा। इससे महिलाओं को न सिर्फ मार्गदर्शन मिलेगा, बल्कि रोजगार चुनने और उसे शुरू करने में भी सहयोग मिलेगा। स्थानीय समूहों की निगरानी और सहायता से महिलाओं में आत्मविश्वास और कार्य-कुशलता बढ़ने की उम्मीद है।प्रशिक्षण और उत्पादन में मदद के अलावा महिलाओं द्वारा तैयार किए गए उत्पादों की बिक्री के लिए गांव से लेकर शहरों तक हाट-बाजार विकसित किए जाएंगे। इससे ग्रामीण उत्पादों को व्यापक बाजार मिलेगा और महिलाओं की आमदनी में स्थायी इजाफा होगा।
-- आर्थिक विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम
मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना राज्य सरकार की उन प्रमुख पहलों में शामिल है, जिनका उद्देश्य महिलाओं को उद्यमिता की ओर प्रेरित करना है। सरकार का मानना है कि महिलाओं की आर्थिक शक्ति बढ़ने से परिवार, समाज और राज्य की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। आत्मनिर्भरता और स्वावलंबन पर आधारित यह योजना महिलाओं को आर्थिक रूप से सक्षम बनाकर सामाजिक विकास को भी दिशा दे रही है।

-- बक्सर जिले में लाभार्थियों की बड़ी संख्या
बक्सर जिले में इस योजना का व्यापक असर दिखाई दे रहा है। जिले की कुल 14,057 जीविका दीदियों के बीच प्रति लाभुक 10 हजार की दर से कुल 14 करोड़ 05 लाख 70 हजार रूपए की राशि का अंतरण किया गया।अब तक बक्सर जिले की 1,92,963 महिलाएं इस योजना का लाभ ले चुकी हैं। इनमें से 22,315 महिलाएं डुमरांव प्रखंड से हैं, जो स्थानीय स्तर पर इस योजना की लोकप्रियता और प्रभाव को दर्शाता है।सरकार को उम्मीद है कि आने वाले समय में यह योजना महिलाओं के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाएगी और उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत बनाकर राज्य के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देगी।
