अनुमंडलीय अस्पताल के सफाई मजदूर भूखमरी के कगार पर
अनुमंडलीय अस्पताल के सफाई मजदूरों का वेतन चार माह का बकाया चल रहा है। अस्पताल की सफाई व्यवस्था संभाल रखा एनजीओ इवान्ता ग्लोबॉल प्रा. लि. टीम ने। मजदूरों ने मंगलवार को बकाया महीना राशि की भुगतान के लिए अस्पताल प्रबंधक देवेन्द्र तिवारी को उनके कक्ष में घेर कर बकाया राशि के भुगतान की मांग कर रहा था। मांग करने वालों में अधिकांश महिला मजदूर थी।
- सफाई मजदूरों को चार माह का वेतन अवरूद्ध, नहीं भुगतान कर रहा एनजीओ
- मजदूरों ने काम बंद करने का दिया धमकी
- जीवीका दीदी के हाथ में जाएगा अब सफाई की कमान
केटी न्यूज/डुमरांव
अनुमंडलीय अस्पताल के सफाई मजदूरों का वेतन चार माह का बकाया चल रहा है। अस्पताल की सफाई व्यवस्था संभाल रखा एनजीओ इवान्ता ग्लोबॉल प्रा. लि. टीम ने। मजदूरों ने मंगलवार को बकाया महीना राशि की भुगतान के लिए अस्पताल प्रबंधक देवेन्द्र तिवारी को उनके कक्ष में घेर कर बकाया राशि के भुगतान की मांग कर रहा था। मांग करने वालों में अधिकांश महिला मजदूर थी।
बता दें की इस महीने तक इवान्ता ग्लोबॉल प्रा. लि. एनजीओ ही काम करेगा। अगले माह से जीवीका दीदी के हाथों में सफाई का कार्य चला जाएगा। यही कारण है कि वर्तमान में जो एनजीओ है बकाया राशि के भुगतान करने में मनमानी कर रहा है। पहले यह एनजीओ मजदूरों की नगर राशि भुगतान करता था। इसका पोल उस समय खुला जब स्थानीय विधायक अजीत कुशवाहा ने अस्पताल का निरीक्षण किया था।
अस्पताल के निरीक्षण में विधायक ने सफार मजदूरों से वेतन भुगतान के संबंध में पुछा था। पुछने पर ही पता चला की न्यूनतम मजदूरी से कम मजदूरों को भुगतान दिया जा रहा है। उन्होंने सफाई एनजीओ से भुगतान एकाउट्स के माध्यम से करने के लिए आदेशित किया। जब से एकाउंट में मजदूरों का पैसा आ रहा है, सही आ रहा है, लेकिन जो पैसा बकाया है, उसे अभीतक भुगतान नहीं कर उन्हें टरकाया जा रहा है।
इधर सफाई का काम जीवीका दीदी को मिलने वाला है, पैसा देने में एनजीओ आनाकानी करने लगा है। उसी को लेकर मंगलवार को सफाई मजदूर अस्पताल प्रबंधक से बकाया राशि का भुगतान करने की बात कर रहा है। मांग करने वाली सफाई मजदूरों में चांदमुनी देवी, लालझरी देवी, अनीता देवी, शीतल देवी, पार्वती देवी, अनीता देवी, मीरा दवी, बिंदा देवी, सुंदरी देवी, रीना देवी सहित अन्य का कहना है
कि हमलोगों का चार महीने का पैसा बकाया है। मजदूरों के पास एनजीओ का पैसा दिलवाने की झंझट से अस्पताल प्रबंधन अपना पल्ला झाल रहा है। अस्पताल के डीएस डा. गिरीश कुमार सिंह ने बताया की यह सारे कार्य विभाग के द्वारा किया गया है। अस्तपाल को केवल सफाई की निगरानी रखनी थी।