एनएच-120 बना हादसों का हॉटस्पॉट, डुमरांव में सड़क टूटने से बेकाबू हुई दुर्घटनाएं, लोगों में फूटा गुस्सा
डुमरांव शहर के बीचों-बीच होकर गुजरने वाला एनएच-120 इन दिनों जानलेवा मार्ग बन चुका है। सड़क पर उभरे बड़े-बड़े गड्ढों ने यातायात को ऐसा संकट में डाला है कि हर दिन हादसे होना अब आम बात हो गई है। स्थानीय लोगों का कहना है कि सड़क की यह हालत नई नहीं, बल्कि कई हफ्तों से लगातार बिगड़ती जा रही है। इसके बावजूद विभागीय स्तर पर न तो मरम्मत की पहल हो रही है और न ही कोई अधिकारी मौके पर स्थिति का जायजा लेने पहुंच रहा है।
केटी न्यूज/डुमरांव
डुमरांव शहर के बीचों-बीच होकर गुजरने वाला एनएच-120 इन दिनों जानलेवा मार्ग बन चुका है। सड़क पर उभरे बड़े-बड़े गड्ढों ने यातायात को ऐसा संकट में डाला है कि हर दिन हादसे होना अब आम बात हो गई है। स्थानीय लोगों का कहना है कि सड़क की यह हालत नई नहीं, बल्कि कई हफ्तों से लगातार बिगड़ती जा रही है। इसके बावजूद विभागीय स्तर पर न तो मरम्मत की पहल हो रही है और न ही कोई अधिकारी मौके पर स्थिति का जायजा लेने पहुंच रहा है।

रविवार की रात एनएच-120 पर गंभीर हादसा उस समय हुआ जब रेलवे स्टेशन से शहर की ओर आ रहा एक ई-रिक्शा अचानक गड्ढे में फंस गया और असंतुलित होकर पलट गया। इस दुर्घटना में ई-रिक्शा में सवार चार यात्री घायल हो गए। स्थानीय लोग तुरंत मौके पर पहुंचे और घायलों को बाहर निकालकर प्राथमिक उपचार के लिए अस्पताल भेजा। यह घटना अभी लोगों की यादों से धुंधली भी नहीं हुई थी कि सोमवार की सुबह फिर एक दुर्गटना सामने आ गई। सामान से लदी एक जुगाड़ गाड़ी गहरे गड्ढे में चक्का फिसलने से पलट गई। चालक को चोटें आईं और सामान सड़क पर बिखर गया।
स्थानीय नागरिकों का आरोप है कि एनएच-120 पर गड्ढों की संख्या इतनी बढ़ गई है कि सड़क और गड्ढे में फर्क करना मुश्किल हो गया है। छोटे वाहनों, ई-रिक्शा और बाइक चालकों के लिए यह मार्ग अब जोखिम भरा बन चुका है। स्कूली बच्चों के रोजाना इसी रास्ते से गुजरने के कारण अभिभावकों की चिंता और बढ़ गई है। लोगों का कहना है कि कई बार हादसे के बाद भी विभाग की चुप्पी समझ से परे है।

नागरिकों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द मरम्मत कार्य शुरू नहीं कराया गया, तो किसी दिन बड़ी दुर्घटना की खबर सामने आ सकती है। उन्होंने प्रशासन से तुरंत हस्तक्षेप कर सड़क सुधार का ठोस कदम उठाने की मांग की है, ताकि रोजाना होने वाली दुर्घटनाओं पर रोक लग सके और लोगों की जान बचाई जा सके।
