सत्ता में आते ही मंत्रालय की डिमांड शुरू
मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में NDA नेताओं में मंत्रालयों के बंटवारे को लेकर माथापच्ची का दौर शुरू हो गई है।
![सत्ता में आते ही मंत्रालय की डिमांड शुरू](https://keshavtimes.com/uploads/images/202406/image_750x_666136a993ba1.jpg)
केटी न्यूज़/नई दिल्ली
मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में NDA नेताओं में मंत्रालयों के बंटवारे को लेकर माथापच्ची का दौर शुरू हो गई है। एनडीए में शामिल टीडीपी, जेडीयू और एलजेपी जैसे दलों ने बीजेपी से बारगेनिंग करना शुरू कर दिया है।एनडीए में शामिल टीडीपी, जेडीयू, शिवसेना शिंदे गुट और एलजेपी जैसे दलों ने अलग-अलग मंत्रालयों की डिमांड शुरू कर दी है।
सारे मंत्रालयों पर पीएम मोदी की सीधी नजर रहती है।हाल के वर्षों में इन मंत्रालयों ने देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में अहम भूमिका अदा की है।ये मंत्रालय हैं सड़क परिवहन और राजमार्ग, रेल , शहरी आवास और स्वास्थ्य मंत्रालय. लेकिन, अब इन मंत्रालयों पर सहयोगी दलों की नजर है।दूसरी तरफ, राजनीतिक गलियारे में पीएम मोदी अपने सहयोगी दलों को कौन-कौन सा मंत्रालय देंगे, इसको लेकर अभी से ही तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं।
नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने 2 कैबिनेट और एक राज्य मंत्री, टीडीपी ने तीन कैबिनेट मंत्री, एक राज्य मंत्री के साथ-साथ लोकसभा अध्यक्ष का पद भी मांगा है।वहीं, बिहार में पांच सीट पर जीत दर्ज करने वाली एलजेपी ने एक कैबिनेट और एक राज्य मंत्री का पद मांगा है।एनडीए की बिहार की एक और सहयोगी दल पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी की हम ने भी एक कैबिनेट मंत्री का डिमांड किया है।
अगर बात चिराग पासवान की करें तो उन्हें एक मंत्रालय मिल सकता है।चिराग को उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय या फिर रासायनिक उर्वरक मंत्रालय दिया जा सकता है।मोदी सरकार के पहले और दूसरे कार्यकाल के शुरुआती दिनों में चिराग पासवान के पिता रामविलास पासवान उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय संभाल रहे थे।