रंग लाई जीविका दीदियों की मेहनत, उनके पाली गई मछलियों की पहली खेप बिकी

रंग लाई जीविका दीदियों की मेहनत, उनके पाली गई मछलियों की पहली खेप बिकी
तालाब से निकली मछली को दिखाती जीविका दीदिया

- जीविका दीदियों ने सरकारी जलाशय में मत्स्य पालन कर महिलाओं को आत्मनिर्भरता बनने का दिया संदेश

केटी न्यूज/ नावानगर (वरूण कुमार सिंह)

स्थानीय प्रखंड के अतिमी पंचायत में जीविका दीदियों ने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने की दिशा में पहल किया है। इससे जीविका दीदियों ने महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त होने की दिशा में अग्रसर करने के साथ अपनी अलग पहचान बनाया है। जीविका विभाग नावानगर से मिली जानकारी के अनुसार उनके द्वारा गठित ’मोहनी जीविका महिला मत्स्य उत्पादक समूह’ की दीदियों ने गांव के सरकारी जलाशय में मत्स्य पालन किया। लगभग 6 माह बाद गुरुवार को जलाशय से मछली निकालकर बेच दिया। जिससे समूह को अच्छी आमदनी हुई है। इसको लेकर समूह के दीदियो में खुशी व्याप्त है। मोहनी जीविका महिला मत्स्य उत्पादक समूह की अध्यक्ष सुनीता देवी ने बताया कि पंचायत के 12 जीविका दीदियों ने उत्पादक समूह में जुड़ने के उपरांत जून 2022 में बिहार सरकार द्वारा आवंटित 99 फिट चौड़े व 103 फीट लंबे तालाब में जीविका के सहयोग से बोरवेल पंप, बिजली एवं तालाब की साफ सफाई की गई।

साथ ही तालाब में तीन हजार पियासी मछली का जीरा डाला गया। छह माह देखरेख के बाद तालाब की मछली औसतन आधा किलोग्राम से अधिक हो गई थी। जिससे तालाब से निकाल कर बेचा गया। उन्होंने बताया कि कुल मछली का वजन आठ क्विंटल 10 किलो हुआ था। जिसकी राशि 86600 रुपए प्राप्त हुआ। उन्होंने बताया कि मत्स्य पालन में लागत खर्च से 30 फ़ीसदी मुनाफा हुआ है। इस तरह जीविका दीदियों ने महिलाओं को मत्स्य पालन कर आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा दिया। मौके पर जीविका के प्रखंड परियोजना प्रबंधक पप्पू प्रसाद, जीविकोपार्जन विशेषज्ञ अखिलेश दीक्षित, क्षेत्रीय समन्वयक धनंजय भारती, शबीना समेत अन्य थे।