सक्रिय हुआ मानसून, पूरे दिन रूक रूक कर होते रही बारिश, किसान खुश
- अभी भी औसत कम हुई वर्षा लेकिन किसानों की उम्मीद जगी, रोपनी शुरू
- शहर में कीचड़ व जलजमाव से बढ़ी परेशानी
केटी न्यूज/बक्सर
जिले में मानसून एक बार फिर से सक्रिय हो गया है। पिछले 24 घंटे से जिले के लगभग सभी प्रखंडों में रूक रूक कर बारिश हो रही है। मंगलवार को पूरे दिन बारिश जारी रही। हालांकि अभी भी औसत से कम वर्षापात हुआ हैं। लेकिन इस बारिश ने धान की रोपनी शुरू करा दी है। किसानों में खुशी की लहर दौड़ गई है। अभी कल तक जो किसान भीषण गर्मी के चलते बिचड़ा बचाने की जुगत में थे वे आज बारिश के बीच अपने खेत को रोपनी लायक बनाने लगे। कई किसानों ने रोपनी शुरू भी कर दी है।
आद्रा नक्षत्र की इस बारिश को धान के साथ ही इस मौसम में बोई जाने वाली सब्जी फसलों के लिए काफी फायदेमंद बताई जा रही है। बारिश से खेतों में नमी के साथ ही मौसम भी नरम हो गया है। जिसका बड़ा लाभ किसानों का मिला है। किसानों का कहना है कि इस बारिश से धान के बिचड़ो को नई उर्जा मिली है तथा बिचड़ा खिल उठे है। वही धान के बिचड़ा के साथ ही सब्जी के बिचड़ो के लिए भी यह बारिश फायदेमंद है। बता दें कि अभी कुछ दिन पहले तक मानसून की बेरूखी तथा भीषण गर्मी व तल्ख धूप से किसानों की चिंता बढ़ गई थी।.
किसान मानसून की आस लिए धान की नर्सरी तो तैयार कर रहे थे, लेकिन उन्हंे इस बात की चिंता सता रही थी कि बारिश नहीं होगा तो धान की रोपनी कैसे होगी। लेकिन पिछले 24 घंटे से मानसून के सक्रिय होने से किसानों की चिंता दूर हो गई है। डुमरांव अनुमंडल के नंदन निवासी किसान दीपक सिंह, ठोरी पांडेयपुर के इंद्रदेव पांडेय, कोरानसराय के दयाशंकर तिवारी, धनसोई के दिनेश सिंह, राजपुर के मनोज कुशवाहा आदि ने बताया कि आद्रा नक्षत्र की बारिश खरीफ खेती के लिए काफी फायदेमंद होती है। किसानों ने कहा कि बारिश के बाद अब खेत रोपनी के लिए तैयार करने लायक हो गए है।
अभी भी औसत से कम वर्षा, लेकिन उम्मीद बढ़ी
कृषि विभाग के आंकड़ो की मानें तो अभी भी औसत से कम बारिश हुई है। विभाग द्वारा मंगलवार को जारी किए गए वर्षापात के रिपोर्ट में बताया गया है कि जुलाई माह में औसत 277.20 एमएम बारिश होनी चाहिए। दो जून तक यह औसत 17.88 एमएम वर्षा को सामान्य औसत माना जाता है। मंगलवार को 14.56 एमएम बारिश हुई है। जो उक्त दिन तक औसत से कम है। वही पूरे माह के औसत से भी अभी कम बारिश हुई है। सबसे अधिक केसठ प्रखंड में 38.2 एमएम बारिश रिकार्ड किया गया है।
जबकि चक्की, राजपुर और सिमरी में बहुत कम बारिश हुई है। हालांकि जिस तरह से आकाश बादलों से घिरा है तथा रूक रूक कर बारिश हो रही है, उससे यह औसत और बेहतर होने की उम्मीद जगी है। नया भोजपुर के प्रगतिशील किसान आशुतोष पांडेय ने बताया कि आद्रा में बारिश होने से धान की फसल अच्छी होती है तथा पैदावार का दर भी ठीक रहता है।
शहरी क्षेत्र में जलजमाव व कीचड़ से
बारिश से जहा किसान खुश नजर आए वही शहरी क्षेत्र में इस बारिश से जलजमाव व कीचड़ की समस्या से लोगों को परेशान होना पड़ा है। जानकारी के अनुसार बक्सर के सेंट्रल जेल रोड व आईटीआई परिसर में जलजमाव से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। मानसून की पहली बारिश ने ही शहर की सूरत बिगाड़कर रख दी है। वही डुमरांव में भी जलजमाव कीचड़ से लोगों को परेशान होना पड़ा है।
शहर के मुख्य पथ स्टेशन रोड में लालगंज कड़वी के पास तथा ईदगाह से लेकर राज हाई स्कूल के पास तक मुख्य सड़क पर जलजमाव हो गया है। इसके अलावे हरिजी के हाता से लेकर लंगटू महादेव मंदिर तक सड़क पर उभरे गड्ढों में जलजमाव के कारण भी वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ा। वही नई कॉलोनियों में इस बारिश से स्थिति नारकीय हो गई है।