राशि मिलने के बाद भी मुखिया ने स्टेट बोरिंग का नहीं कराया मरम्मत, आक्रोशित है किसान

राशि मिलने के बाद भी मुखिया ने स्टेट बोरिंग का नहीं कराया मरम्मत, आक्रोशित है किसान

राशि मिलने के बाद भी मुखिया ने स्टेट बोरिंग का नहीं कराया मरम्मत, आक्रोशित है किसान

बोले बीडीओ मुखिया से पूछा जाएगा स्पष्टीकरण

केटी न्यूज/केसठ

प्रखंड के खरवानियां गांव में कुछ साल पहले लघु सिंचाई विभाग की ओर से लगाए गए स्टेट बोरिंग शोभा की वस्तु बनकर रह ग         रिंग संचालित है। लेकिन धरातल पर यह बोरिंग वर्षों से बंद है। बताया जाता है कि इस पंचायत में विभागीय तौर पर स्टेट बोरिंग लगाया गया था। ताकि पंचायत के किसानों को सिंचाई का लाभ मिल सके। बोरिंग लगाए जाने के बाद किसानों में उम्मीद जगी थी कि अब

उनलोगों के खेतों की सिंचाई सुविधाजनक रुप से हो सकेगी। लेकिन स्टेट बोरिंग लगाए जाने के कुछ महीने बाद ही खराब हो गया। बता दें कि अभी धान की रोपनी के लिए किसानों को पर्याप्त मात्रा में पानी की जरूरत है। पानी के लिए किसानों में हाहाकार मचा हुआ है। नहर भी जवाब देने लगा है। किसान निजी व भाड़े के पंपसेट से खेतों की सिंचाई करने को विवश हैं। गांव के

लोगों ने बताया कि यदि विभागीय तौर पर बंद पड़े स्टेट बोरिंग को चालू किया जाता है तो किसानों को अपने खेतों की सिंचाई करने में सुविधा होगी। इस संबंध में बीडीओ मिथिलेश बिहारी वर्मा ने बताया की किसानों की ओर से स्टेट बोरिंग को ले शिकायत मिली रही। जब जांच किया गया तो बोरिंग जर्जर हालत में था। जांच के क्रम में ये पता चला की पंचायत मुखिया छट्ठू राम के खाते में विगत तीन

महीने से 1 लाख 39 हजार की राशि आई हुई है। लेकिन उनके द्वारा उस राशि से अभी तक बोरिंग की मरम्मत नहीं कराई गई है। ये गंभीर मामला है। उन्होंने कहा कि मुखिया से स्पष्टीकरण की मांग की जाएगी। बता दें कि स्टेट बोरिंग की देखरेख और संचालन की जिम्मेवारी पंचायत मुखिया की होती है। ऐसे में किसानों के बीच पानी संकट उनके सर पर मंडरा रही है और ऊपर से स्टेट बोरिंग की मरम्मती ना कराना किसानों के साथ बड़ी नाइंसाफी है।