करंट की चपेट में आने से किसान की मौत, ग्रामीणों ने उठाए बिजली व्यवस्था पर सवाल
चौसा प्रखंड के रामपुर पंचायत अंतर्गत रसूलपुर गांव में गुरुवार को हुए एक दर्दनाक हादसे ने पूरे गांव को शोक में डुबो दिया। खेत में सिंचाई के लिए बोरिंग चालू करते समय करंट की चपेट में आकर 45 वर्षीय किसान विनोद सिंह की मौके पर ही मौत हो गई। वे जनार्दन सिंह के पुत्र थे और अपने खेत में अकेले ही काम कर रहे थे।

केटी न्यूज/चौसा
चौसा प्रखंड के रामपुर पंचायत अंतर्गत रसूलपुर गांव में गुरुवार को हुए एक दर्दनाक हादसे ने पूरे गांव को शोक में डुबो दिया। खेत में सिंचाई के लिए बोरिंग चालू करते समय करंट की चपेट में आकर 45 वर्षीय किसान विनोद सिंह की मौके पर ही मौत हो गई। वे जनार्दन सिंह के पुत्र थे और अपने खेत में अकेले ही काम कर रहे थे।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, विनोद सिंह खेत की सिंचाई के लिए मोटर चालू कर रहे थे, तभी अचानक करंट प्रवाहित तार उनके संपर्क में आ गया। करंट इतना तीव्र था कि उन्हें संभलने तक का मौका नहीं मिला और घटनास्थल पर ही उनकी जान चली गई। हादसे की जानकारी मिलते ही गांव में कोहराम मच गया। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है,
जबकि ग्रामीणों में भी गहरा शोक व्याप्त है। घटना की सूचना पर राजपुर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए अनुमंडल अस्पताल भेज दिया। पुलिस ने घटना को लेकर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। इस बीच, क्षेत्र की जिला परिषद सदस्य पूजा देवी पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचीं। उन्होंने परिजनों को सांत्वना दी और हरसंभव सहायता का भरोसा दिया। उन्होंने प्रशासन से भी अपील की कि पीड़ित परिवार को त्वरित मुआवजा और राहत सहायता दी जाए।
इस हादसे के बाद गांव में बिजली व्यवस्था को लेकर तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली। ग्रामीणों ने कहा कि खेतों में उपयोग हो रही बिजली व्यवस्था बेहद असुरक्षित है। उन्होंने विद्युत विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि यदि सुरक्षा मानकों का पालन किया गया होता तो यह दुखद घटना टाली जा सकती थी।गांव के लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि मृत किसान के परिवार को तत्काल आर्थिक सहायता दी जाए ताकि वे इस कठिन समय में अपने जीवन यापन के लिए कुछ सहारा पा सकें।
साथ ही खेतों में सुरक्षित बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।इस हृदयविदारक घटना ने एक बार फिर ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली व्यवस्था की बदहाली को उजागर कर दिया है। किसान जो पहले ही प्राकृतिक आपदाओं और आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं, अब असुरक्षित बिजली आपूर्ति की वजह से अपनी जान गंवा रहे हैं। जिस कारण उनमें आक्रोश व्याप्त है।