पहचान छिपाने के लिए नाम बदलकर पुलिस को चकमा दे रहा था पचास हजार का इनामी अपराधी, फर्जी नाम से बने कई कागजात जब्त

पहचान छिपाने के लिए नाम बदलकर पुलिस को चकमा दे रहा था पचास हजार का इनामी अपराधी, फर्जी नाम से बने कई कागजात जब्त
फोटो- प्रेस वार्ता में जानकारी देते एसपी

- बिहार व यूपी में दर्ज है आधा दर्जन मर्डर केस

- आतंक का पर्याय रहे सुरेश राजभर का भाई है मुन्ना राजभर 

केटी न्यूज। बक्सर

राजपुर ट्रिपल मर्डर समेत बिहार व यूपी में आधा दर्जन हत्यों का आरोपी तथा पचास हजार का ईनामी मुन्ना राजभर अपनी पहचान छिपाने के लिए नाम बदलकर जीवन गुजार रहा था। वह पुलिस से बचने के लिए दिल्ली में मायाशंकर राम पिता रामचंद्र राम के नाम से रह रहा था। इसी नाम पर उसने आधार कार्ड, पैन कार्ड, डीएल, वोटर आईडी कार्ड, बैंक पासबुक तथा एटीएम भी बनवा लिए थे। जिसमें पता भी दिल्ली अशोक नगर इलाके का दर्ज था। शुक्रवार की रात पुलिस ने जब उसके एक सहयोगी के साथ उसे पकड़ा तो वह पहले पुलिस को चकमा देने के लिए मायाशंकर राम से बने अपने कई कागजातों को दिखाया। लेकिन पुलिस के पास भी पक्की सूचना थी कि यह राजपुर के ट्रिपल मर्डर कांड का मुख्य अभियुक्त तथा बिहार के दुर्दांत नक्सली रहे सुरेश राजभर का भाई मुन्ना राजभर है। इसके बाद पुलिस ने स्थानीय लोगों से उसकी पहचान मुन्ना राजभर के रूप में करवाई। तब जाकर वह अपनी असली पहचान बताया। उसके साथ राजपुर थाना क्षेत्र के घरारी गांव का अजय कुमार पांडेय भी पकड़ा गया है। दोनों के पास से दो लोडेड पिस्टल तथा 12 गोली, मोबाईल व मायाशंकर राम के नाम से बने आधार कार्ड, पैन कार्ड, एटीएम कार्ड, डीएल आदि कागजात भी मिले है। शनिवार को एसपी नीरज कुमार सिंह ने प्रेस वार्ता कर इसकी जानकारी दी है। 

गुप्त सूचना पर लक्ष्मणपुर डेरा गांव के पास से गिरफ्तार हुआ कुख्यात अपराधी

एसपी ने बताया कि राजपुर पुलिस को सूचना मिली थी कि सात वर्ष पूर्व पुलिस मुठभेड़ में मारे गए कुख्यात नक्सली सुरेश राजभर का भाई तथा आधा दर्जन हत्याकांडो का इनामी अपराधी मुन्ना राजभर लक्ष्मणपुर डेरा गांव में आया हुआ है। इस सूचना पर थानाध्यक्ष युसुफ अंसारी ने तत्काल वरीय पदाधिकारियों को इसकी जानकारी दी। इसके बाद बक्सर सदर एसडीपीओ गोरख राम के नेतृत्व में लक्ष्मणपुर डेरा के पास वाहन चेकिंग अभियान चलाया गया। जिसमें राजपुर थानाध्यक्ष के अलावे बक्सर डीआईयू प्रभारी राजेश मालाकार, रंजीत कुमार, कृष्णा सिंह तथा उमाशंकर जैसे तेजतर्रार पुलिस पदाधिकारियों के साथ पुलिस के जवान थे। इसी दौरान शाम करीब सात बजे वह गांव की तरफ से एक बाइक से आता दिखाई दिया। पुलिस ने जब उसकी घेराबंदी कर पकड़ा तो पहले तो वह अपना परिचय मायाशंकर के रूप में देने लगा। लेकिन स्थानीय लोगोें के सहयोग से पुलिस ने उसकी पहचान सुनिश्चित कर ली। 

प्रतिशोध में किया था तीन लोगों की हत्या

कुख्यात सुरेश राजभर के पुलिस मुठभेड़ में ढेर होने के बाद मुन्ना राजभर ने प्रतिशोध में 13 अप्रैल 2017 को लक्ष्मणपुर डेरा गांव के रामबच्चन राय व संतोष राय समेत तीन लोगों को गोलियों से भून दिया था। उस पर राजपुर थाने में चार तथा उत्तर प्रदेश के सोहवल तथा दिलदारनगर थाने में हत्या का एक-एक समेत कुल छह मामले दर्ज है। एसपी नीरज कुमार ने उसे गिरफ्तार करने वाली टीम को बधाई देने के साथ ही इसे पुलिस के लिए बड़ी उपलब्धि बताया है।