स्वच्छता अभियान में बाधक बन रहे है फल व सब्जी विक्रेता

डुमरांव नगर परिषद एक तरफ स्वच्छता रैंकिंग में प्रथम स्थान पाने की कवायद में जुटी है। इसके लिए सफाई के नाम पर हर महीने 90 लाख से अधिक खर्च किए जा रहे है। सुबह व शाम दोनों समय कूड़े का उठाव किया जा रहा है। बावजूद शहर के फल व सब्जी विक्रेताओं की करतूत नगर परिषद के स्वच्छता अभियान पर भारी पड़ रही है।

स्वच्छता अभियान में बाधक बन रहे है फल व सब्जी विक्रेता

-- शाम में कूड़ा उठाव के बाद सार्वजनिक जगहों पर फेक दे रहे है फल व सब्जी के वेस्टेज, स्थानीय दुकानदारों में है गहरी नाराजगी, सड़ांध से बढ़ी परेशानी

केटी न्यूज/डुमरांव 

डुमरांव नगर परिषद एक तरफ स्वच्छता रैंकिंग में प्रथम स्थान पाने की कवायद में जुटी है। इसके लिए सफाई के नाम पर हर महीने 90 लाख से अधिक खर्च किए जा रहे है। सुबह व शाम दोनों समय कूड़े का उठाव किया जा रहा है। बावजूद शहर के फल व सब्जी विक्रेताओं की करतूत नगर परिषद के स्वच्छता अभियान पर भारी पड़ रही है। 

बता दें कि शाम में कूड़ा उठाव के बाद फल व सब्जी विक्रेता नगर के कई सार्वजनिक जगहों तथा कूड़ेदान के पास फल तथा सब्जी का वेस्टेज फेंक दे रहे है, जिससे स्वच्छता अभियान पर बट्टा लग रहा है।  इसकी बानगी नगर के साफाखाना मोड़, राजगोला रोड व वार्ड 18 स्थित कमल नगर मोहल्ले के मुख्य निकास द्वार के पास देखा जा सकता है।

जहां, शाम ढलने के बाद जब फल व सब्जी विक्रेता अपनी दुकान बंद कर घर जाने लगते है तो फल व सब्जी का वेस्टेज ठेले पर लाद कर लाते है तथा उसे फेक देते है।  पिछले दिनों साफाखाना मोड़ के पास रात में फल का अवशेष फेकने पर स्थानीय दुकानदारों ने आपत्ति भी जताई थी, जिसके बाद नगर परिषद प्रशासन ने कुछ दिनों के लिए सक्रियता दिखाई थी।

बावजूद ऐसे दुकानदारों को चिन्हित कर उनपर कार्रवाई नहीं करने से उनका मनोबल बढ़ रहा है। स्थानीय दुकानदारों ने बताया कि फल व सब्जी का वेस्टेज काफी दुर्गंध देता है, जिससे दुकान पर बैठना मुश्किल हो जाता है। वहीं, रोकने या टोकने पर फल तथा सब्जी विक्रेता दुकानदारों से उलझने से ीाी बाज नहीं आते है। जिस कारण दुकानदार चुप-चाप रहना ही मुनासिब समझते है। 

-- राजगोला रोड में भी स्थिति गंभीर

बता दें कि डुमरांव का राजगोला रोड सब्जी व अनाज की अनुमंडल की सबसे बड़ी मंडी मानी जाती है। यहां सैकड़ो सब्जी विक्रेता हर दिन दुकान लगाते है और देर शाम दुकान बंद करने के बाद गोला के गेट तथा कई अन्य जगहों पर वेस्टेज फेंक चले जाते है, जिससे रात में इस पथ से गुजरना मुश्किल हो रहा है। वहीं, आस पास के निवासियों को पूरी रात दुर्गंध का सामना करना पड़ता हैं। नगर परिषद प्रशासन की उदासीनता से इस पर लगाम नहीं लग पा रहा है। 

-- स्टेशन के पास भी गंभीर है समस्या

इसके अलावे स्थानीय रेलवे स्टेशन के समीप भी कई फल विक्रेता ठेला पर अपनी दुकान सजाते है। ये रात में सड़े-गले फल तथा छिलका को कमल नगर मोहल्ले के मुख्य निकास के पास लगे डस्टबीन में डाल रहे है, जिससे मुहल्लेवासियों की परेशानी बढ़ गई है। मुहल्ले के धीरज ठाकुर, छोटे सिंह आदि का कहना है कि स्टेशन व पंच मंदिर की समीप दुकान सजाने वाले दुकानदार जानबूझकर यहां अपना वेस्टेज फेक रहे है। जिससे पूरी रात दुर्गंध का सामना करना पड़ रहा है। 

शहवासियों का कहना है कि फल व सब्जी विक्रेताओं की मनमानी से जहां स्वच्छता अभियान पर बट्टा लग रहा है, वहीं सड़े-गले फल व सब्जी के दुर्गंध से बीमारी फैलने का खतरा बना हुआ है। लोगों ने नगर परिषद प्रशासन से इस पर रोक लगाने की मांग की है। 

बयान

देर शाम खुले में फल व सब्जी का वेस्टेज फेकने वाले विक्रेताओं को चिन्हित कर उन्हें नोटिश थमाया जाएगा। यदि वे अपनी हरकतों से बाज नहीं आए तो उनसे जुर्माना वसूला जाएगा। डुमरांव नगर परिषद को स्वच्छता अभियान के रैंकिंग में बेहतर स्थान दिलवाना हमारी प्राथमिकता है। किसी को भी इसमें बाधक बनने की छूट नहीं दी जाएगी। - राहुलधर दूबे, ईओ, नगर परिषद, डुमरांव