जनता की उम्मीदों पर खरा उतरूंगा, अजीत कुशवाहा ने दिया धोखा - रवि उज्ज्वल
डुमरांव विधानसभा के अंतर्गत गोपाल डेरा गांव पहुंचे डुमरांव विधानसभा क्षेत्र के संभावित प्रत्याशी व जदयू नेता रवि उज्ज्वल कुशवाहा ने ग्रामीणों की समस्याएं सुनी और भरोसा दिलाया कि यदि उन्हें मौका मिला तो गांव की तस्वीर बदल देंगे। उन्होंने कहा कि जनता की उम्मीदों पर खड़ा उतरना ही उनकी पहली प्राथमिकता होगी।

केटी न्यूज/डुमरांव
डुमरांव विधानसभा के अंतर्गत गोपाल डेरा गांव पहुंचे डुमरांव विधानसभा क्षेत्र के संभावित प्रत्याशी व जदयू नेता रवि उज्ज्वल कुशवाहा ने ग्रामीणों की समस्याएं सुनी और भरोसा दिलाया कि यदि उन्हें मौका मिला तो गांव की तस्वीर बदल देंगे। उन्होंने कहा कि जनता की उम्मीदों पर खड़ा उतरना ही उनकी पहली प्राथमिकता होगी।
गांव की स्थिति देखकर रवि उज्ज्वल ने कहा कि यहां के लोग वर्षों से मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। सड़क, बिजली और पानी जैसी बुनियादी जरूरतें आज तक पूरी नहीं हो सकी हैं। ग्रामीणों से संवाद के दौरान उन्होंने कहा कि विधायक का भंड़ा फूट रहा है, इस गांव तक विधायक अजीत कुमार आज तक नहीं पहुंचे। यह बात मैं नहीं, यहां के लोग कह रहे हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि वर्तमान विधायक अजीत कुशवाहा ने जनता को धोखा दिया है। गोपाल डेरा जैसे गांवों की अनदेखी इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। रवि उज्ज्वल ने ग्रामीणों से वादा किया कि विधानसभा चुनाव जीतने के बाद एक साल के भीतर गांव में सड़क, पानी और बिजली की समस्या का समाधान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राजनीति उनके लिए सत्ता का खेल नहीं बल्कि जनता की सेवा का माध्यम है।
गांव में करीब 120 परिवार रहते हैं, लेकिन अब तक न तो किसी जनप्रतिनिधि ने ध्यान दिया और न ही प्रशासनिक स्तर से कोई पहल हुई। इस उपेक्षा से लोग निराश हैं और बदलाव की ओर देख रहे हैं। सभा के दौरान बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे। इनमें राजेंद्र नट, रामावती देवी, मदन रजक, मालती देवी, सीता देवी, देव कुमारी देवी, अनिता देवी, पूनम देवी, राजमुनी देवी, कमला देवी, बसंती देवी, बबन तेली, मुन्नी देवी, इन्दु देवी, धर्मेंद्र पासी सहित कई लोग शामिल थे।
ग्रामीणों ने भी अपनी समस्याएं खुलकर रखीं और नई उम्मीद के साथ रवि उज्ज्वल का समर्थन जताया। लोगों का कहना था कि अबकी बार उन्हें ऐसा प्रतिनिधि चाहिए जो गांव में विकास की गंगा बहाए, न कि चुनाव जीतकर गायब हो जाए। डुमरांव की सियासत में इस जनसंपर्क को बदलाव की आहट माना जा रहा है। अब देखना होगा कि रवि उज्जवल के वादे और जनता का समर्थन आने वाले चुनाव में कितना असर दिखाता है।